Edited By Anu Malhotra,Updated: 27 Jan, 2025 06:06 PM
हरियाणा के करीब 600 निजी अस्पतालों में 3 फरवरी से आयुष्मान भारत योजना के तहत मरीजों का मुफ्त इलाज बंद हो सकता है। इसका कारण यह है कि राज्य सरकार ने अभी तक योजना के तहत 400 करोड़ रुपये का बकाया भुगतान नहीं किया है। यह घोषणा इंडियन मेडिकल एसोसिएशन...
नेशनल डेस्क: हरियाणा के करीब 600 निजी अस्पतालों में 3 फरवरी से आयुष्मान भारत योजना के तहत मरीजों का मुफ्त इलाज बंद हो सकता है। इसका कारण यह है कि राज्य सरकार ने अभी तक योजना के तहत 400 करोड़ रुपये का बकाया भुगतान नहीं किया है। यह घोषणा इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) की हरियाणा इकाई ने की है। राज्य में इस योजना के तहत 1,300 से अधिक अस्पताल सूचीबद्ध हैं, जिनमें से 600 निजी क्षेत्र में हैं।
1.2 करोड़ लोग हैं योजना के तहत पंजीकृत
हरियाणा में आयुष्मान भारत योजना के तहत लगभग 1.2 करोड़ लोग पंजीकृत हैं। 2018 में केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई इस योजना के तहत प्रत्येक परिवार को एक साल में 5 लाख रुपये तक की मुफ्त स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की जाती हैं। योजना में सामान्य जांच से लेकर जटिल सर्जरी तक की सुविधाएं शामिल हैं।
मुफ्त इलाज बंद करने का कारण
IMA हरियाणा के अनुसार, राज्य सरकार द्वारा महीनों से भुगतान में हो रही देरी के कारण निजी अस्पताल वित्तीय संकट का सामना कर रहे हैं। संगठन ने कहा कि अस्पताल प्रबंधन लंबे समय तक बिना भुगतान के सेवाएं जारी रखने में असमर्थ है।
400 करोड़ रुपये का भुगतान लंबित
IMA हरियाणा के अध्यक्ष डॉ. महावीर जैन ने कहा कि अस्पतालों को दिए जाने वाले 400 करोड़ रुपये का भुगतान अभी तक लंबित है। उन्होंने कहा कि यह राशि तुरंत जारी की जानी चाहिए, क्योंकि बिना धन के अस्पतालों का संचालन करना बेहद मुश्किल हो रहा है।
मुख्यमंत्री से मुलाकात के बाद भी समाधान नहीं
IMA हरियाणा ने बताया कि मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के साथ बैठक के दौरान इस मुद्दे को उठाया गया था। मुख्यमंत्री ने तत्काल धनराशि जारी करने का आदेश भी दिया था। हालांकि, अस्पतालों को केवल मामूली भुगतान मिला है और उसमें भी कटौती की गई है।
गुड़गांव के प्रमुख अस्पताल भी सूचीबद्ध
गुड़गांव में आयुष्मान भारत योजना के तहत 60 अस्पताल सूचीबद्ध हैं। इनमें पार्क अस्पताल, सेंटर फॉर साइट, पुष्पांजलि अस्पताल, मुस्कान डेंटल्स, और कमला अस्पताल शामिल हैं।
IMA ने जताई नाराजगी
IMA हरियाणा के सचिव धीरेंद्र के सोनी ने कहा कि 15 दिन बीतने के बाद भी इस मामले में कोई ठोस प्रगति नहीं हुई है। उन्होंने सरकार से तुरंत लंबित राशि जारी करने की अपील की, ताकि मरीजों को मुफ्त इलाज की सुविधा मिलती रहे।