Edited By Utsav Singh,Updated: 07 Nov, 2024 08:14 PM
पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री उर्फ बाबा बागेश्वर ने गुरुवार को कुमुद विहार में आयोजित एक प्रेस कांफ्रेंस में कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर अपने विचार रखे। उन्होंने देश में धर्म, संस्कृति और समाज की रक्षा के लिए अपने दृष्टिकोण को स्पष्ट किया। बाबा...
नेशनल डेस्क : पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री उर्फ बाबा बागेश्वर ने गुरुवार को कुमुद विहार में आयोजित एक प्रेस कांफ्रेंस में कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर अपने विचार रखे। उन्होंने देश में धर्म, संस्कृति और समाज की रक्षा के लिए अपने दृष्टिकोण को स्पष्ट किया। बाबा बागेश्वर ने अपने बयान में कहा कि हर हिंदू को माला और भाला साथ रखना चाहिए। उनका कहना था कि यह केवल राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) का कर्तव्य नहीं है, बल्कि यह हर हिंदू का संवैधानिक अधिकार भी है।
वक्फ बोर्ड और सनातन बोर्ड की मांग
उन्होंने कहा कि हमें अपनी संस्कृति, परिवार और धर्म की रक्षा करनी चाहिए, और इसके लिए सरकार द्वारा शस्त्र लाइसेंस की व्यवस्था भी दी गई है। पंडित शास्त्री ने यह भी कहा कि संघ प्रमुख मोहन भागवत का बयान स्वागत योग्य है, जिसमें उन्होंने संतों की रक्षा के लिए स्वयंसेवकों के प्रयासों की सराहना की। पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने वक्फ बोर्ड की मौजूदगी पर सवाल उठाते हुए कहा कि यदि देश में वक्फ बोर्ड है तो सनातन बोर्ड क्यों नहीं होना चाहिए। उनका तर्क था कि यदि वक्फ बोर्ड संसद और मंदिरों की ज़मीन पर दावा कर सकता है, तो भविष्य में सनातन धर्म से संबंधित भूमि पर भी इसका दावा हो सकता है। उन्होंने वक्फ बोर्ड को बंद करने की और सनातन बोर्ड के गठन की आवश्यकता पर जोर दिया।
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धर्म और राजनीति
धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने धर्म और राजनीति के संबंधों पर भी अपनी राय व्यक्त की। उन्होंने कहा कि यदि राजनीति में धर्म का उपयोग वोट बैंक के लिए किया जा रहा है, तो यह देश का दुर्भाग्य है। उनका मानना है कि राजनीति में धर्म का उपयोग वोटों के लिए नहीं किया जाना चाहिए, बल्कि धर्म से राजनीति चलनी चाहिए, न कि राजनीति से धर्म। उन्होंने यह भी कहा कि जो लोग धर्म के नाम पर राजनीति करते हैं, वे देश के लिए खतरे का कारण बनते हैं। उनके अनुसार, राजनीति में धर्म का प्रयोग सही दिशा में होना चाहिए और इसे समाज की भलाई के लिए उपयोग किया जाना चाहिए।
धर्मांतरण पर कड़ा रुख
धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने धर्मांतरण के मुद्दे पर भी कड़ा रुख अपनाया। उन्होंने कहा कि धर्मांतरण और सनातन धर्म की रक्षा के सवाल पर यह देश तलवार की धार पर चल रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि यदि कोई मौलवी या पादरी गंदे काम करता है, तो उसके समुदाय के लोग चुप रहते हैं, लेकिन सनातन धर्म के गुरुओं की आलोचना की जाती है। पंडित शास्त्री ने यह भी दावा किया कि सनातन धर्म को लेकर प्रायोजित तरीके से हमले किए जा रहे हैं, और वे इसका विरोध करेंगे।
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समाज में एकता की आवश्यकता
साथ ही, उन्होंने समाज में जात-पात और भेदभाव को खत्म करने की आवश्यकता पर जोर दिया। 4 जुलाई को 160 किलोमीटर लंबी पैदल यात्रा के आयोजन की घोषणा करते हुए उन्होंने यह भी कहा कि इस यात्रा के दौरान वे जात-पात और ऊंच-नीच की भावना को खत्म करने के लिए लोगों को संकल्प दिलाएंगे।
हिंदू बहन-बेटियों की रक्षा
पंडित शास्त्री ने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि हिंदू बहन-बेटियों की रक्षा करना हर हिंदू का कर्तव्य है। उन्होंने 2024 के जागरूक हिंदू समाज का उल्लेख करते हुए कहा कि अगर कोई हमारी बहन-बेटियों को छेड़ेगा, तो हम उसे बर्दाश्त नहीं करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि देश में सांप्रदायिक हिंसा और अन्य अपराधों को लेकर उनका रुख सख्त रहेगा।
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पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री उर्फ बाबा बागेश्वर ने अपने बयान में धर्म, संस्कृति और समाज की रक्षा के लिए अपनी स्पष्ट विचारधारा रखी है। उनका मानना है कि हिंदू समाज को अपनी संस्कृति और धर्म की रक्षा के लिए एकजुट होना चाहिए और इसके लिए जरूरी है कि धर्म और राजनीति का तालमेल सही दिशा में हो।