Edited By Mahima,Updated: 21 Sep, 2024 03:54 PM
तिरुपति लड्डू विवाद पर बागेश्वर के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने इसे सनातन धर्म के खिलाफ एक षड्यंत्र बताया। उन्होंने आंध्र प्रदेश सरकार से सख्त कानून बनाने और दोषियों को फांसी की सजा देने की मांग की। रिपोर्ट में बताया गया कि लड्डू में...
नेशनल डेस्क: तिरुपति मंदिर के प्रसाद, विशेषकर उसके प्रसिद्ध लड्डू, को लेकर हाल ही में एक गंभीर विवाद ने जन्म लिया है। इस विवाद में सामने आया है कि लड्डू के निर्माण में जानवरों की चर्बी और मछली के तेल का उपयोग किया जा रहा है। इस मुद्दे पर बागेश्वरधाम के पीठाधीश्वर, पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने अपनी तीखी प्रतिक्रिया दी है, जिसमें उन्होंने इसे भारतीय सनातन धर्म के खिलाफ एक सुनियोजित षड्यंत्र बताया है।
धीरेंद्र शास्त्री का बयान
पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने अपने बयान में कहा, "यह न केवल धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला है, बल्कि यह भारत के सनातनियों के धर्म को भ्रष्ट करने का एक प्रयास है।" उन्होंने आंध्र प्रदेश सरकार से सख्त से सख्त कानून बनाने और दोषियों को फांसी की सजा देने की मांग की है। उनका कहना है, "यदि यह सच है कि तिरुपति बालाजी के प्रसाद में चर्बी के घी का लड्डू बांटा गया है, तो यह बहुत बड़ा अपराध है। ऐसे कृत्य से भारतीय संस्कृति को अपमानित किया गया है।" धीरेंद्र शास्त्री ने आगे कहा, "हमारी सरकार को चाहिए कि वह इस मामले की गंभीरता से जांच करे। अगर इस मामले में चर्बी या मछली का तेल उपयोग किया गया है, तो इससे बड़ा दुर्भाग्य और कुछ नहीं हो सकता। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि इस प्रकार के अपराधों के लिए कठोर सजा दी जाए।"
लड्डू को भक्तों द्वारा बेहद प्रिय
तिरुपति मंदिर, जो आंध्र प्रदेश में स्थित है, भारत के प्रमुख तीर्थ स्थलों में से एक है। यहाँ के लड्डू को भक्तों द्वारा बेहद प्रिय माना जाता है और इसे भगवान के प्रसाद के रूप में माना जाता है। लेकिन हाल ही में एक रिपोर्ट ने इस पवित्र प्रसाद के बारे में कुछ चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। राष्ट्रीय डेरी विकास बोर्ड (NDDB) द्वारा जारी एक रिपोर्ट में यह स्पष्ट किया गया है कि तिरुपति मंदिर के लड्डुओं में जानवरों की चर्बी और मछली का तेल मिलाया जा रहा है। यह जानकारी श्रद्धालुओं के लिए चिंता का विषय बन गई है और इसके बाद धार्मिक समुदायों में व्यापक चर्चा और विरोध का दौर शुरू हो गया है।
बाबा बागेश्वर की अन्य मांगें
पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने यह भी कहा कि हिंदू मंदिरों को हिंदू बोर्ड के अधीन लाया जाना चाहिए। उनका कहना है, "इससे यह सुनिश्चित होगा कि किसी भी श्रद्धालु की आस्था को ठेस न पहुंचे।" उन्होंने सभी तीर्थ स्थलों पर बारीकी से जांच करने की अपील की, ताकि ऐसी घटनाओं से बचा जा सके। उनका मानना है कि यह केवल एक मंदिर का मामला नहीं है, बल्कि पूरे हिंदू समुदाय की धार्मिक आस्था से जुड़ा हुआ मुद्दा है। "अगर हम इस प्रकार की घटनाओं को नजरअंदाज करते हैं, तो यह हमारे धर्म और संस्कृति को कमजोर करेगा," उन्होंने कहा। तिरुपति लड्डू विवाद ने न केवल एक धार्मिक समस्या को जन्म दिया है, बल्कि यह भारतीय समाज में गहरे-rooted धार्मिक भावनाओं को भी प्रभावित कर रहा है। पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का यह बयान स्पष्ट करता है कि यह मुद्दा कितनी गंभीरता से लिया जा रहा है।