Edited By Pardeep,Updated: 26 Sep, 2024 07:17 AM
मध्य प्रदेश में एक अनोखा मामला सामने आया है, जिसमें एक महिला के गर्भ में पल रहे बच्चे के भीतर भी एक अन्य बच्चे का होना पाया गया। इस स्थिति को मेडिकल भाषा में "फीटस इन फीटू" कहा जाता है। यह एक बेहद दुर्लभ घटना है, जो लाखों महिलाओं में से किसी एक के...
नेशनल डेस्कः मध्य प्रदेश में एक अनोखा मामला सामने आया है, जिसमें एक महिला के गर्भ में पल रहे बच्चे के भीतर भी एक अन्य बच्चे का होना पाया गया। इस स्थिति को मेडिकल भाषा में "फीटस इन फीटू" कहा जाता है। यह एक बेहद दुर्लभ घटना है, जो लाखों महिलाओं में से किसी एक के साथ होती है।
सागर जिले की एक गर्भवती महिला ने जब बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज के रेडियोलॉजी विभाग के प्रमुख डॉ. पीपी सिंह के निजी क्लीनिक पर जांच कराई, तो डॉक्टरों को अल्ट्रासाउंड के दौरान यह संदेह हुआ कि महिला के गर्भ में पल रहे नवजात के अंदर एक और भ्रूण है। इसके बाद महिला को मेडिकल कॉलेज में बुलाया गया, जहां जांच के दौरान स्पष्ट हुआ कि उसके गर्भ में एक और बेबी या टेरिटोमा की मौजूदगी है। डॉक्टरों ने महिला को सलाह दी कि उसे मेडिकल कॉलेज में प्रसव कराना चाहिए। हालांकि, वह आशा कार्यकर्ता के साथ केसली सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गईं, जहां सामान्य प्रसव हुआ।
डॉक्टर पीपी सिंह ने बताया कि अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट में यह देखा गया कि महिला के पेट में पल रहे बच्चे के पेट में एक गांठ है। जब उन्होंने डॉपलर से जांच की, तो खून आने लगा, जिससे फीटस इन फीटू की संभावना और मजबूत हुई। जन्म के बाद नवजात को जिला अस्पताल के एसएनसीयू वार्ड में भर्ती कराया गया है, और डॉक्टर उसकी जान बचाने के लिए सर्जरी करने पर विचार कर रहे हैं। यह मामला न केवल चिकित्सा विज्ञान के लिए चुनौती है, बल्कि समाज में भी जागरूकता फैलाने का माध्यम बन सकता है।
ऐसा मामला कभी नहीं देखा
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मेडिकल इतिहास में ऐसे मामले बहुत कम होते हैं। ऐसा पांच लाख महिलाओं में से एक में होता है। दुनिया में अब तक ऐसे सिर्फ 200 मामले ही सामने आए हैं। गर्भवती महिला ने सामान्य प्रसव से बेटी को जन्म दिया है। नवजात बच्ची का सीटी स्कैन कराया गया है। जिसमें उसके गर्भ में बच्चा होने की संभावना अधिक नजर आ रही है। टेराटोमा की संभावना कम है।