Edited By Parveen Kumar,Updated: 26 Jul, 2023 05:39 PM
सरकार ने बुधवार को राज्यसभा में कहा कि एक्सप्रेसवे और राष्ट्रीय राजमार्गों पर बांस से बनी 'बाहु बल्ली' बाड़ लगाई जाएगी और इस संबंध में छत्तीसगढ़ में एक प्रायोगिक परियोजना शुरू होगी।
नेशनल डेस्क: सरकार ने बुधवार को राज्यसभा में कहा कि एक्सप्रेसवे और राष्ट्रीय राजमार्गों पर बांस से बनी 'बाहु बल्ली' बाड़ लगाई जाएगी और इस संबंध में छत्तीसगढ़ में एक प्रायोगिक परियोजना शुरू होगी। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने उच्च सदन में प्रश्नकाल के दौरान पूरक प्रश्नों के उत्तर में कहा कि यह स्टील बाड़ का विकल्प है और पर्यावरण के अनुकूल भी है।
उन्होंने कहा कि इस कदम से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा और ग्रामीणों एवं आदिवासियों को लाभ होगा। उन्होंने कहा, "इस प्रकार की 'बाहु बल्ली' बाड़ का प्रयोग पहली बार किया जा रहा है और यह पर्यावरण के अनुकूल भी है। सभी परीक्षण किए जा चुके हैं और इस्पात के बदले बांस के बैरियर विकसित किए जा रहे हैं। सभी मंजूरी मिल गई हैं।" गडकरी ने कहा, "हमने छत्तीसगढ़ में एक प्रायोगिक परियोजना शुरू करने का फैसला किया है और अगर यह सफल रहा, तो स्टील के बदले बांस का उपयोग किया जाएगा।
यह पर्यावरण के अनुकूल होगा और आदिवासियों को अपने क्षेत्रों में काम मिलेगा। बांस पूर्वोत्तर में प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है।'' उस समय सदन में विपक्षी सदस्य मणिपुर मुद्दे पर चर्चा कराने की मांग को लेकर हंगामा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पशुओं को राजमार्गों पर आने से रोकने के लिए भी इन बाड़ों का उपयोग किया जाएगा।
गडकरी ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों को इससे लाभ होगा और किसान बंजर भूमि पर बांस की खेती कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि असम में अचार और कपड़ों के अलावा बांस से इथेनॉल भी बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा, "चीन में बांस की बड़ी अर्थव्यवस्था है और हमारे देश में भी बांस की ऐसी अर्थव्यवस्था स्थापित की जाएगी।''