बांग्लादेश सरकार के फिर बदले तेवर, ट्रेनिंग के लिए अपने 50 जजों को भारत भेजने से किया इंकार

Edited By Tanuja,Updated: 06 Jan, 2025 05:10 PM

bangladesh cancels judges  training programme in india

भारत और बांग्लादेश (India-Bangladesh) के बीच रिश्तों में एक नया मोड़ आया है, जब बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने 50 बांग्लादेशी जजों के भारत में...

Dhaka: भारत और बांग्लादेश (India-Bangladesh) के बीच रिश्तों में एक नया मोड़ आया है, जब बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने 50 बांग्लादेशी जजों के भारत में ट्रेनिंग के लिए आने के कार्यक्रम को रद्द कर दिया। ये जज पहले मध्य प्रदेश स्थित राष्ट्रीय न्यायिक अकादमी और राज्य न्यायिक अकादमी में एक दिवसीय ट्रेनिंग कार्यक्रम में भाग लेने वाले थे। भारत सरकार ने इस ट्रेनिंग कार्यक्रम का सारा खर्च वहन करने का प्रस्ताव दिया था। बांग्लादेश के सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद सरकार ने यह निर्णय लिया। सुप्रीम कोर्ट ने बांग्लादेशी जजों के भारत जाने पर सवाल उठाए थे, और इसके चलते सरकार को अपना निर्णय बदलने पर मजबूर होना पड़ा। यह निर्णय बांग्लादेशी समाचार पत्र 'डेली स्टार' के हवाले से सामने आया, जिसमें बताया गया कि बांग्लादेश के निचली अदालतों के 50 न्यायाधीशों को इस ट्रेनिंग में भाग लेना था। ये जज जिला एवं सत्र न्यायाधीश, अतिरिक्त जिला न्यायाधीश, संयुक्त जिला न्यायाधीश, वरिष्ठ सहायक न्यायाधीश, और सहायक न्यायाधीश जैसे महत्वपूर्ण पदों पर कार्यरत थे। 


ये भी पढ़ेंः- बांगलादेश ने शेख हसीना के खिलाफ दूसरा गिरफ्तारी वारंट किया जारी

 

इस ट्रेनिंग कार्यक्रम में चयनित जजों को भारत में एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में हिस्सा लेना था। कार्यक्रम के अंतर्गत, भारत सरकार ने बांग्लादेश के इन जजों के प्रशिक्षण का सारा खर्च उठाने का प्रस्ताव रखा था। इसमें कानूनी शिक्षा और न्यायिक प्रणाली को सुधारने की दिशा में दोनों देशों के बीच सहयोग की उम्मीद थी। यह निर्णय ऐसे समय पर आया है जब भारत और बांग्लादेश के बीच रिश्तों में तनाव बढ़ा है। तनाव की शुरुआत उस समय हुई थी जब बांग्लादेश के प्रधानमंत्री शेख हसीना की 16 साल पुरानी अवामी लीग सरकार पिछले साल अगस्त में एक बड़े छात्र आंदोलन के कारण गिर गई। इसके बाद, शेख हसीना भारत चली गईं और बांग्लादेश में सत्ता संभालने वाली मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार ने हिंदू समुदाय के सदस्यों और उनके पूजा स्थलों पर हमलों की घटनाओं को नियंत्रित करने में असफलता दिखायी। 

ये भी पढ़ेंः- भारत-फ्रांस के बीच दो बड़े रक्षा सौदे अंतिम चरण में, PM मोदी फरवरी में जाएंगे पेरिस
 

भारत ने बांग्लादेश में हिंदू समुदाय के खिलाफ हो रहे हमलों और उत्पीड़न को लेकर अपनी चिंता व्यक्त की थी। खासकर, पिछले महीने एक हिंदू संत को राजद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया गया था, जिससे दोनों देशों के रिश्तों में और तनाव बढ़ा। भारत ने बांग्लादेश सरकार से इन घटनाओं के खिलाफ ठोस कदम उठाने का आग्रह किया था। बांग्लादेश सरकार ने भारत में जजों की ट्रेनिंग का कार्यक्रम रद्द करने का निर्णय बांग्लादेश सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के बाद लिया। सुप्रीम कोर्ट ने इस ट्रेनिंग पर सवाल उठाए थे, जिसके बाद सरकारी प्रवक्ता ने इसे रद्द करने का फैसला किया। इसके साथ ही, बांग्लादेश के कानून मंत्रालय ने इस फैसले को लागू किया और सरकारी नोटिफिकेशन में बदलाव किया।

 

बांग्लादेश और भारत के रिश्तों में यह घटना एक नया मोड़ साबित हो सकती है। दोनों देशों के बीच धार्मिक, राजनीतिक और कूटनीतिक मतभेदों के चलते भविष्य में और भी तनाव हो सकता है। भारत ने बांग्लादेश में हो रही हिंसा और धार्मिक असहमति के मामलों को लेकर लगातार अपनी चिंता जतायी है, जो दोनों देशों के बीच सहयोग की संभावनाओं को प्रभावित कर सकते हैं। इस घटना ने बांग्लादेश के राजनीतिक परिदृश्य को भी प्रभावित किया है, जहां धार्मिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ हमले और उनकी सुरक्षा को लेकर सवाल उठ रहे हैं। अब यह देखना होगा कि बांग्लादेश और भारत किस प्रकार इस स्थिति से बाहर निकलते हैं और दोनों देशों के रिश्तों को सामान्य बनाने के लिए क्या कदम उठाए जाते हैं। 

Related Story

Trending Topics

Afghanistan

134/10

20.0

India

181/8

20.0

India win by 47 runs

RR 6.70
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!