Edited By Radhika,Updated: 02 Jan, 2025 01:27 PM
बांग्लादेश के चटगाँव की एक अदालत ने गुरुवार को जेल में बंद हिंदू साधु चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी की जमानत याचिका खारिज कर दी। इन्हें बीते साल 25 नवंबर को देशद्रोह के एक मामले में ढाका पुलिस ने गिरफ्तार किया था।
नेशनल डेस्क: बांग्लादेश के चटगाँव की एक अदालत ने गुरुवार को जेल में बंद हिंदू साधु चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी की जमानत याचिका खारिज कर दी। इन्हें बीते साल 25 नवंबर को देशद्रोह के एक मामले में ढाका पुलिस ने गिरफ्तार किया था। एक रिपोर्ट के अनुसार, ढाका से चटगाँव आए सुप्रीम कोर्ट के 11 वकीलों के एक दल द्वारा मांगी गई जमानत याचिका को मेट्रोपॉलिटन सत्र न्यायाधीश मोहम्मद सैफुल इस्लाम ने लगभग 30 मिनट तक दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद खारिज कर दिया।
बांग्लादेश के पूर्व डिप्टी अटॉर्नी जनरल अपूर्व कुमार भट्टाचार्य ने ढाका स्थित मीडिया कंपनी को बताया, "हमने अदालत के समक्ष अपनी दलीलें पेश कीं। अभियोजन पक्ष ने जमानत का विरोध किया। अदालत ने इसे खारिज कर दिया। हम उच्च न्यायालय में जाकर अगला कदम उठाएंगे।"
रिपोर्ट के मुताबिक, गुरुवार को चिन्मय कृष्ण दास को अदालत में पेश नहीं किया गया। उस दिन कड़ी सुरक्षा के बीच सुनवाई हुई। एक महीने पहले, चटगाँव अदालत में चिन्मय का प्रतिनिधित्व करने के लिए कोई वकील नहीं आया था, क्योंकि इस्लामवादियों ने उन्हें 'सार्वजनिक रूप से पीटने' की धमकी दी थी।
चिन्मय कृष्ण दास को दिसंबर में अचानक सीने में दर्द होने के बाद कोलकाता के सेठ सुखलाल करनानी मेमोरियल (SSKM) अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उनके वकील घोष ने कहा कि दिसंबर में जब वे जमानत याचिका दाखिल करने गए तो उन्हें अदालत के बाहर परेशान किया गया और हमला किया गया। सुनवाई के दौरान सैकड़ों वकील कोर्ट रुम में जमा हो गए, जिससे अफरा-तफरी मच गई।