Edited By Tanuja,Updated: 06 Jan, 2025 02:56 PM
बांगलादेश के इंटरनेशनल क्राइम्स ट्रिब्यूनल (ICT) ने सोमवार, 6 जनवरी 2025 को पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना और 12 अन्य के खिलाफ जबरन गुमशुदगी और अतिरिक्त न्यायिक हत्याओं के आरोप में ...
Dhaka: बांगलादेश (Bangladesh) के इंटरनेशनल क्राइम्स ट्रिब्यूनल (ICT) ने सोमवार, 6 जनवरी 2025 को पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना (Sheikh Hasina ) और 12 अन्य के खिलाफ जबरन गुमशुदगी और अतिरिक्त न्यायिक हत्याओं के आरोप में दूसरा गिरफ्तारी वारंट जारी किया। यह मामला शेख हसीना के शासनकाल के दौरान हुआ था, जिसमें कथित तौर पर अनेक लोगों को अवैध तरीके से गायब कर दिया गया और उनकी हत्याएं की गईं। इस मामले में शेख हसीना के रक्षा सलाहकार मेजर जनरल (सेवानिवृत्त) तारिक अहमद सिद्धीक, बांगलादेश के पूर्व पुलिस महानिरीक्षक (IGP) बेनजीर अहमद जो और नेशनल टेलीकम्युनिकेशन मॉनिटरिंग सेंटर (NTMC) के पूर्व निदेशक जनरल जियाउल अहसान प्रमुख आरोपी हैं।
सुनवाई के दौरान अदालत ने इन आरोपियों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया और उन्हें 12 फरवरी 2025 तक गिरफ्तार कर अदालत में पेश करने का आदेश दिया। इस फैसले के बाद, बांगलादेश सरकार ने इंटरपोल से शेख हसीना और अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी में मदद मांगी है। इसके साथ ही बांगलादेश ने भारत से शेख हसीना की प्रत्यर्पण की अपील भी की है, क्योंकि शेख हसीना अगस्त 2024 में भारत भाग चुकी थीं, जब उन्हें एक छात्र-प्रेरित आंदोलन में अपनी सरकार के खिलाफ उठ खड़े होने के बाद सत्ता से हटा दिया गया था। यह दूसरा गिरफ्तारी वारंट है जो शेख हसीना के खिलाफ जारी किया गया है। पहला गिरफ्तारी वारंट अक्टूबर 2024 में जारी किया गया था, जिसमें उन्हें और 45 अन्य अधिकारियों को मानवता के खिलाफ अपराधों के आरोप में गिरफ्तार करने का आदेश दिया गया था।
इस मामले में आरोप था कि इन लोगों ने बांगलादेश में छात्रों के आंदोलन के दौरान क्रूरता की थी। छात्रों ने सरकार द्वारा किए गए एक विवादास्पद सरकारी नौकरी में कोटा प्रणाली के खिलाफ विरोध किया था, जिसके बाद पूरे बांगलादेश में हिंसा भड़क गई थी और सैकड़ों लोग मारे गए थे। बांगलादेश में इस मामले को लेकर अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायालय के तहत सुनवाई चल रही है, जहां आरोपियों पर दमनकारी नीतियों के तहत अवैध रूप से लोगों को गायब करने और उनकी हत्याएं करने के आरोप लगाए जा रहे हैं।
बांगलादेश में जुलाई 2024 में शुरू हुआ छात्र आंदोलन, जिसने शेख हसीना की सरकार को गिरा दिया था, के बाद यह मुद्दा और भी गर्म हो गया। इस आंदोलन के दौरान हिंसा के कारण बांगलादेश में 230 से अधिक लोग मारे गए, और कुल मिलाकर 600 से ज्यादा मौतों की पुष्टि की गई। बांगलादेश के अंतरिम सरकार ने पहले ही घोषणा की थी कि वह उन लोगों को न्याय के कटघरे में लाएगी जो छात्र आंदोलन में हुई हत्याओं में शामिल थे। अब यह मामला इंटरनेशनल क्राइम्स ट्रिब्यूनल के समक्ष प्रस्तुत किया गया है, और अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि शेख हसीना और अन्य आरोपियों को 18 नवंबर 2024 तक गिरफ्तार करके अदालत में पेश किया जाए।