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बांग्लादेश ने SAARC में नई जान फूंकने के लिए मांगा भारत का समर्थन

Edited By Tanuja,Updated: 18 Feb, 2025 07:13 PM

bangladesh seeks india s support to revive saarc

बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के विदेश मामलों के सलाहकार तौहीद हुसैन ने मस्कट में एक बहुपक्षीय सम्मेलन के दौरान विदेश मंत्री एस. जयशंकर के साथ बैठक में दक्षेस ( SAARC) को पुनर्जीवित करने...

Dhaka: बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के विदेश मामलों के सलाहकार तौहीद हुसैन ने मस्कट में एक बहुपक्षीय सम्मेलन के दौरान विदेश मंत्री एस. जयशंकर के साथ बैठक में दक्षेस ( SAARC) को पुनर्जीवित करने के लिए भारत से समर्थन मांगा है। रविवार को मस्कट, ओमान में 8वें हिंद महासागर सम्मेलन (IOC) के दौरान दोनों नेताओं की मुलाकात के बाद बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘हुसैन ने 1996 में हस्ताक्षरित गंगा जल संधि के नवीनीकरण के लिए चर्चा शुरू करने की मांग की और दक्षेस स्थायी समिति की बैठक बुलाने की आवश्यकता पर जोर दिया तथा इस मामले में नई दिल्ली से समर्थन का अनुरोध किया।''


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मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली बांग्लादेश की नई अंतरिम सरकार दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (दक्षेस या सार्क) के पुनरुद्धार पर जोर दे रही है, जिसे भारत-पाकिस्तान संघर्ष के कारण लंबे समय से निलंबित कर दिया गया है। बैठक के बाद ‘एक्स' पर एक पोस्ट में जयशंकर ने दक्षेस का उल्लेख नहीं किया। जयशंकर ने ‘एक्स' पर पोस्ट किया, ‘‘बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के विदेश मामलों के सलाहकार मोहम्मद तौहीद हुसैन से मुलाकात की। बातचीत हमारे द्विपक्षीय संबंधों के साथ-साथ बिम्सटेक पर भी केंद्रित थी।'' इस साल 2 से 4 अप्रैल तक बैंकॉक में होने वाले छठे बिम्सटेक शिखर सम्मेलन के बाद बांग्लादेश थाईलैंड की जगह अध्यक्ष बन जाएगा।

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बयान में कहा गया, ‘‘दोनों पक्षों ने द्विपक्षीय संबंधों के संदर्भ में दोनों पड़ोसियों के सामने आने वाली चुनौतियों को पहचाने और उनसे निपटने के लिए मिलकर काम करने की आवश्यकता पर चर्चा की।'' पिछले साल सितंबर में संयुक्त राष्ट्र महासभा से इतर मुलाकात के बाद दोनों विदेश मंत्रियों की यह दूसरी भेंट थी। इससे एक महीने पहले तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख हसीना को हिंसक छात्र आंदोलन के बाद पद छोड़ना पड़ा था और यूनुस ने सत्ता संभाली थी। हसीना के अपदस्थ होने के बाद बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर हमलों को लेकर भारत और बांग्लादेश के बीच घनिष्ठ संबंध गंभीर तनाव में आ गए थे। हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा की घटनाओं में वृद्धि हुई थी, साथ ही बांग्लादेश में मंदिरों पर हमले भी हुए थे, जिससे नई दिल्ली में गहरी चिंताएं पैदा हुई थीं।


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बांग्लादेश और भारत के बीच 4,000 किलोमीटर से ज्यादा लंबी सीमा है, वहां भी छिटपुट अशांति भी देखने को मिली है। दोनों देशों के सीमा बलों के प्रमुख इस हफ़्ते नई दिल्ली में वार्षिक सम्मेलन में मिलने वाले हैं। बयान में कहा गया है, ‘‘दोनों पक्षों ने इस बात पर भी ध्यान दिया कि दोनों देशों के सीमा सुरक्षा बलों के महानिदेशकों के स्तर पर बैठक 18-20 फ़रवरी, 2025 को नई दिल्ली में होने वाली है।'' बयान में कहा गया है कि बांग्लादेश के विदेश मामलों के सलाहकार और भारतीय विदेश मंत्री ने उम्मीद जताई कि बैठक के दौरान सीमा से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की जाएगी और उनका समाधान निकाला जाएगा।  

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