Edited By Tanuja,Updated: 12 Jan, 2025 06:17 PM
बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय ने भारत और बांग्लादेश सीमा पर बढ़ते तनाव को लेकर रविवार को भारतीय उच्चायुक्त प्रणय वर्मा को तलब किया। यह कदम...
Dhaka: बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय ने चीन और पाकिस्तान की तरह "उलटा चोर कोतवाल को डांटे" की तर्ज पर भारत और बांग्लादेश सीमा पर बढ़ते तनाव को लेकर रविवार को भारतीय उच्चायुक्त प्रणय वर्मा को तलब किया। यह कदम तब उठाया गया जब ढाका ने आरोप लगाया कि भारत ने द्विपक्षीय समझौतों का उल्लंघन करते हुए सीमा के पांच स्थानों पर बाड़ लगाने की कोशिश की है। भारतीय उच्चायुक्त प्रणय वर्मा को दोपहर 3 बजे बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय में जाते हुए देखा गया। उनकी मुलाकात बांग्लादेश के विदेश सचिव जशीम उद्दीन के साथ लगभग 45 मिनट तक चली।
हालांकि अंतरिम सरकार की ओर से इस बैठक को लेकर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया, लेकिन अधिकारियों ने पुष्टि की कि भारतीय राजदूत को तलब किया गया है। यह घटना दोनों देशों के बीच सीमा विवाद को लेकर बढ़ते तनाव को दिखाती है। आगे की जानकारी का इंतजार है।भारत और बांग्लादेश के बीच हालिया सीमा विवाद उस समय उभरा जब बांग्लादेश ने आरोप लगाया कि भारत ने द्विपक्षीय समझौतों का उल्लंघन करते हुए सीमा पर पांच स्थानों पर बाड़ लगाने की कोशिश की है। बांग्लादेश का कहना है कि ये कोशिशें **दोनों देशों के बीच तय सीमा रेखा (Land Boundary Agreement - LBA) और समझौतों के खिलाफ हैं।
बांग्लादेश का पक्ष
- बांग्लादेश ने दावा किया है कि भारत की ओर से की गई ये गतिविधियां सीमावर्ती क्षेत्रों में तनाव बढ़ा सकती हैं ।
- बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय ने भारतीय उच्चायुक्त को तलब कर इस मामले पर विरोध जताया और स्पष्टीकरण मांगा।
सीमा विवाद की पृष्ठभूमि
- भारत और बांग्लादेश के बीच 4,096 किलोमीटर लंबी सीमा है, जो दुनिया की सबसे लंबी भूमि सीमा में से एक है।
- दोनों देशों ने 2015 में सीमा विवाद सुलझाने के लिए एलबीए (Land Boundary Agreement) पर हस्ताक्षर किए थे। इस समझौते के तहत कई क्षेत्रों का आदान-प्रदान हुआ और विवाद सुलझा लिया गया।
- लेकिन, कई जगहों पर सीमा निर्धारण और बाड़ लगाने को लेकर विवाद बना रहता है।
- इस घटना से दोनों देशों के बीच राजनयिक रिश्तों में तनाव बढ़ सकता है।
- बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने इसे लेकर चिंता और असंतोष जाहिर किया है।
- दोनों देशों के बीच बातचीत और कूटनीति से इस मामले को सुलझाने की कोशिश की जा सकती है।