Edited By Parveen Kumar,Updated: 27 Nov, 2024 05:46 PM
बाजार के विशेषज्ञों के अनुसार, चालू वित्त वर्ष (वित्त वर्ष 2025) में बैंकों द्वारा जारी किए गए इंफ्रास्ट्रक्चर बॉन्ड की कुल रकम 1 ट्रिलियन रुपये (1 लाख करोड़ रुपये) को पार कर सकती है। यह आंकड़ा वित्त वर्ष 2024 के मुकाबले लगभग दोगुना होगा। अब तक,...
नेशनल डेस्क : बाजार के विशेषज्ञों के अनुसार, चालू वित्त वर्ष (वित्त वर्ष 2025) में बैंकों द्वारा जारी किए गए इंफ्रास्ट्रक्चर बॉन्ड की कुल रकम 1 ट्रिलियन रुपये (1 लाख करोड़ रुपये) को पार कर सकती है। यह आंकड़ा वित्त वर्ष 2024 के मुकाबले लगभग दोगुना होगा। अब तक, बैंकों ने इंफ्रास्ट्रक्चर बॉन्ड के जरिए करीब 74,256 करोड़ रुपये जुटाए हैं, जबकि पिछले साल (वित्त वर्ष 2024) में यह राशि लगभग 51,081 करोड़ रुपये थी।
भारत के सरकारी बैंकों के लिए जमा राशि जुटाना एक चुनौती बन गया है, इसलिए उन्होंने क्रेडिट ग्रोथ को फंड करने के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर बॉन्ड का ज्यादा इस्तेमाल करना शुरू किया है। भारतीय स्टेट बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, केनरा बैंक, बैंक ऑफ महाराष्ट्र, बैंक ऑफ इंडिया और इंडियन बैंक जैसे बैंकों ने भी इस वित्त वर्ष में बड़ी रकम जुटाई है।
इंफ्रास्ट्रक्चर बॉन्ड विशेष रूप से बड़े संस्थागत निवेशकों को आकर्षित कर रहे हैं, क्योंकि इनकी क्रेडिट क्वालिटी बहुत मजबूत होती है और ये लंबी अवधि के निवेशकों के लिए उपयुक्त होते हैं। इन बॉन्ड्स को अधिक जोखिम वाले टियर-2 और AT1 बॉन्ड्स पर प्राथमिकता दी जाती है।
बैंकों के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर बॉन्ड का फायदा यह है कि इससे जुटाई गई रकम पर किसी भी तरह की नियामक आरक्षित राशि (जैसे कि नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) और वैधानिक तरलता अनुपात (एसएलआर)) की कोई आवश्यकता नहीं होती। इसके विपरीत, जब बैंकों को जमा राशि के रूप में रकम मिलती है, तो उन्हें भारतीय रिजर्व बैंक के पास सीआरआर के रूप में कुछ प्रतिशत राशि रखनी होती है और एसएलआर में निवेश करना पड़ता है।
रॉकफोर्ट फिनकैप के संस्थापक वेंकटकृष्णन श्रीनिवासन का कहना है, "इंफ्रास्ट्रक्चर बॉन्ड के जरिए इस वित्त वर्ष में अब तक 75,000 करोड़ रुपये जुटाए जा चुके हैं और उम्मीद है कि वित्त वर्ष 2025 तक यह आंकड़ा 1 ट्रिलियन रुपये को पार करेगा।"
हाल ही में भारतीय स्टेट बैंक ने 15 साल के इंफ्रास्ट्रक्चर बॉन्ड के जरिए 7.23 प्रतिशत कूपन दर पर 10,000 करोड़ रुपये जुटाए हैं, जिससे कुल राशि इस वित्त वर्ष में 30,000 करोड़ रुपये हो गई। इसके अलावा, बैंक ऑफ इंडिया 10 साल के इंफ्रास्ट्रक्चर बॉन्ड के जरिए 5,000 करोड़ रुपये जुटाने की योजना बना रहा है। बैंक डीलरों का कहना है कि बैंकों को लंबी अवधि के इंफ्रास्ट्रक्चर बॉन्ड पर अच्छी दरें मिल रही हैं, और अगले कुछ महीनों में इस तरह के और निर्गम की उम्मीद है।