Edited By Tanuja,Updated: 04 Mar, 2025 11:38 AM

अबू धाबी के बाद, दक्षिण अफ्रीका के जोहानिसबर्ग में दक्षिणी गोलार्ध का सबसे बड़ा BAPS हिंदू मंदिर बनने जा रहा है। यह मंदिर 37,000 वर्ग मीटर में फैला होगा और अगले तीन वर्षों में तैयार ...
जोहानिसबर्ग: अबू धाबी के बाद, दक्षिण अफ्रीका के जोहानिसबर्ग में दक्षिणी गोलार्ध का सबसे बड़ा BAPS हिंदू मंदिर बनने जा रहा है। यह मंदिर 37,000 वर्ग मीटर में फैला होगा और अगले तीन वर्षों में तैयार हो जाएगा। यह भव्य मंदिर जोहानिसबर्ग के लैनसेरिया कॉरिडोर में बन रहा है। पिछले महीने 33,000 वर्ग मीटर में फैले सांस्कृतिक परिसर का उद्घाटन BAPS प्रमुख महंत स्वामी महाराज की उपस्थिति में किया गया। अब दूसरे चरण में 2,500 वर्ग मीटर के पारंपरिक मंदिर का निर्माण कार्य शुरू हो चुका है। BAPS मंदिर के निर्माण से दक्षिण अफ्रीका में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और यह सभी धर्मों के बीच संवाद और सांस्कृतिक आदान-प्रदान का केंद्र बनेगा।
BAPS विरासत और PM मोदी का समर्थन
BAPS हिंदू मंदिर और सांस्कृतिक केंद्र दक्षिण अफ्रीकी भारतीय समुदाय की विरासत और रंगभेद काल के संघर्षों का प्रतीक होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी पिछली दक्षिण अफ्रीका यात्रा के दौरान इस परियोजना का अनावरण किया था। संभावना है कि वह नवंबर 2025 में जोहानिसबर्ग में होने वाले G20 सम्मेलन के दौरान इस मंदिर का दौरा कर सकते हैं।
भारतीय और अफ्रीकी संस्कृति का संगम
BAPS दक्षिण अफ्रीका के प्रवक्ता हेमांग देसाई ने बताया कि इस मंदिर की डिज़ाइन में भारतीय और अफ्रीकी कला एवं संस्कृति का अनूठा संगम देखने को मिलेगा, जैसा कि अबू धाबी मंदिर में भी स्थानीय संस्कृति को शामिल किया गया था।
पर्यावरण अनुकूल निर्माण और भव्यता
मंदिर परिसर में 500 से अधिक वृक्ष लगाए जा रहे हैं। निर्माण में जल दक्षता, सौर ऊर्जा और पर्यावरण संरक्षण को प्राथमिकता दी जा रही है। 4.5 एकड़ में फैले इस मंदिर में भव्य सभा हॉल, बैंक्वेट हॉल, शुद्ध सात्विक भोजन के लिए रेस्तरां (शायोना), विभिन्न धार्मिक गतिविधियों के लिए 20 कमरे होंगे। भारत के जयपुर, तिरुपति और अन्य शहरों से स्वामीनारायण, अक्षर पुरुषोत्तम, राधाकृष्ण, सीताराम, गणपति, हनुमान, तिरुपति बालाजी और कार्तिकेय स्वामी की मूर्तियां मंगवाई गई हैं, जिन्हें मंदिर पूरा होने के बाद पुनः स्थापित किया जाएगा।
दक्षिण अफ्रीका में BAPS का योगदान
- BAPS दक्षिण अफ्रीका की स्थापना 1974 में 30 लोगों ने मिलकर की थी।
- वर्तमान में 7 मंदिर, 8 कम्युनिटी सेंटर और 2,000 से अधिक सक्रिय सदस्य हैं।
- मंदिर के लोगो में दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रीय फूल ‘प्रोटिया’ को दिखाया गया है, जो साहस और लचीलेपन का प्रतीक है।
मंदिर में भोजन और ‘पिंक हेलमेट’ ग्रुप की अनूठी पहल
मंदिर परिसर में सात्विक रसोई होगी, जहां श्रद्धालुओं को मोहन थाल, लड्डू, साबूदाना वड़ा, खीर और अन्य पारंपरिक व्यंजन परोसे जाएंगे। महिला स्वयंसेवकों का ‘पिंक हेलमेट ग्रुप’ निर्माण कार्य में अहम भूमिका निभा रहा है। उन्होंने मंदिर परिसर की रंगाई, नक्काशीदार स्तंभों की सैंडिंग और अन्य सजावट का कार्य किया, जिससे लाखों रैंड की बचत हुई।