Edited By Rohini Oberoi,Updated: 28 Jan, 2025 03:10 PM
उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में एक स्थानीय अदालत ने पत्नी की हत्या के मामले में आरोपी पति को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। शख्स ने शराब पीने से मना करने पर पत्नी पर हमला कर उसकी जान ले ली थी। शख्स साल 2021 से जेल में था। यह सजा 27 जनवरी को फास्ट...
नेशनल डेस्क। उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में एक स्थानीय अदालत ने पत्नी की हत्या के मामले में आरोपी पति को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। शख्स ने शराब पीने से मना करने पर पत्नी पर हमला कर उसकी जान ले ली थी। शख्स साल 2021 से जेल में था। यह सजा 27 जनवरी को फास्ट ट्रैक कोर्ट के न्यायाधीश रवि कुमार दिवाकर ने सुनाई। आरोपी श्रवण कुमार (35 वर्ष) पर 50,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है।
क्या था मामला?
श्रवण कुमार और उसकी पत्नी मीना (30 वर्ष) बरेली के सीबी गंज इलाके के सर्वोदय नगर में रहते थे। अभियोजन पक्ष के अनुसार श्रवण कुमार अक्सर शराब पीने के लिए पैसे मांगता था। इसी कारण से पति-पत्नी के बीच अक्सर झगड़े होते थे।
11 अगस्त 2021 को श्रवण नशे की हालत में घर लौटा। उसकी पत्नी मीना ने इस बात का विरोध किया जिसके बाद श्रवण गुस्से में घर से निकल गया। रात को करीब 11:30 बजे वह वापस लौटा और चाकू लेकर पत्नी पर हमला कर दिया। उसने चाकू से मीना के पेट में वार किया जिससे उसकी मौत हो गई।
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पुलिस ने कैसे की कार्रवाई?
घटना के बाद सीबी गंज पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया। पुलिस ने जांच के दौरान आरोपी को 13 अगस्त 2021 को गिरफ्तार कर लिया। तब से श्रवण जेल में बंद है।
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अदालत का फैसला
अदालत ने श्रवण को भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 302 के तहत दोषी ठहराया। न्यायाधीश ने अपने फैसले में कहा कि जीवनसाथी की हत्या न केवल कानूनन अपराध है बल्कि यह एक नैतिक पाप भी है।
जज ने हिंदू पौराणिक कथाओं का जिक्र करते हुए भगवान शिव के अर्धनारीश्वर रूप का उदाहरण दिया जो वैवाहिक रिश्ते की पवित्रता को दर्शाता है। उन्होंने आरोपी के नाम की तुलना महाकाव्य के महान पात्र श्रवण कुमार से की जिन्होंने अपने माता-पिता की तीर्थ यात्रा में निस्वार्थ सेवा की थी। जज ने कहा कि दोनों के कामों में बहुत बड़ा अंतर है।
साक्ष्य और गवाह
अदालत ने फैसला सुनाते समय पीड़िता के भाई कल्लू और मां शांति समेत 10 गवाहों के बयान को अहम माना। इन गवाहों और सबूतों के आधार पर अदालत ने श्रवण को दोषी ठहराया और उसे आजीवन कारावास की सजा दी।