Edited By Mahima,Updated: 14 Jan, 2025 12:10 PM
ऑस्ट्रेलिया से मिली हार के बाद बीसीसीआई ने टीम इंडिया के लिए नए और कड़े नियम लागू किए हैं। इन नियमों में खिलाड़ियों के परिवारों के लिए यात्रा की अवधि को सीमित करना, टीम बस में यात्रा करना, और वीआईपी सुविधाओं को रोकना शामिल है। इसके अलावा, बीसीसीआई...
नेशनल डेस्क: ऑस्ट्रेलिया से मिली हार के बाद भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने टीम इंडिया के खिलाड़ियों और उनके परिवारों के लिए कुछ नए कड़े नियम लागू किए हैं। इन नियमों के अनुसार, यदि कोई टूर्नामेंट 45 दिन या उससे अधिक लंबा है, तो खिलाड़ी अपने परिवार के साथ केवल 14 दिन ही रह सकते हैं। अगर टूर्नामेंट छोटा होता है, तो यह समय 7 दिन तक सीमित होगा। इस निर्णय के तहत यह स्पष्ट किया गया है कि खिलाड़ियों की पत्नियां पूरे टूर्नामेंट के दौरान उनके साथ नहीं रह सकतीं। केवल 2 सप्ताह के लिए परिवार को साथ रहने की अनुमति होगी, जो कि पहले के नियमों से कड़ा है। इसके अतिरिक्त, BCC ने यह भी निर्णय लिया है कि सभी खिलाड़ी अब टीम बस में ही यात्रा करेंगे, और उन्हें किसी अन्य प्रकार के परिवहन का उपयोग करने की अनुमति नहीं होगी। इस फैसले का उद्देश्य टीम के बीच समानता बनाए रखना और यात्रा को अधिक संगठित और अनुशासित बनाना है।
नए नियमों के तहत गौतम गंभीर के निजी मैनेजर को भी अब वीआईपी बॉक्स या टीम बस में बैठने की अनुमति नहीं होगी। उन्हें टीम से अलग होटल में रहने के लिए कहा जाएगा। इससे पहले कई बार गंभीर के निजी मैनेजर को विशेष सुविधाएं दी जाती थीं, लेकिन अब यह नियमों के तहत नहीं होगा। BCC ने यह फैसला लिया है ताकि सभी खिलाड़ी समान स्तर पर सुविधाएं प्राप्त करें और किसी भी प्रकार की असमानता को रोका जा सके। इसके अलावा, BCC ने यह भी साफ किया है कि अगर खिलाड़ी का सामान 150 किलोग्राम से अधिक है, तो अतिरिक्त सामान शुल्क का भुगतान बोर्ड नहीं करेगा। इसका मतलब यह है कि खिलाड़ियों को अपना सामान नियंत्रित करने और उसके हिसाब से यात्रा करना होगा।
BCC ने ऑस्ट्रेलिया सीरीज के बाद रोहित शर्मा और गौतम गंभीर के साथ समीक्षा बैठक की थी। इस बैठक में इन नए नियमों पर चर्चा की गई थी, ताकि टीम के प्रदर्शन को बेहतर बनाया जा सके। BCC ने इस दौरान यह भी निर्णय लिया कि किसी भी प्रकार की जल्दबाजी से बचते हुए टीम की संरचना पर विचार किया जाएगा, ताकि चैंपियंस ट्रॉफी जैसे महत्वपूर्ण टूर्नामेंट से पहले कोई भी नकारात्मक प्रभाव न पड़े।
ऑस्ट्रेलिया दौरे पर भारतीय टीम का प्रदर्शन
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हाल ही में संपन्न पांच मैचों की बॉर्डर गावस्कर टेस्ट सीरीज में भारतीय टीम को 1-3 से शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा। इस हार के कारण भारतीय टीम विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप (WTC) के फाइनल में प्रवेश नहीं कर पाई। यह भारतीय क्रिकेट के लिए एक बड़ा झटका था क्योंकि भारतीय टीम ने पहले तीन सीजन में से किसी भी सीजन में WTC फाइनल में क्वालिफाई नहीं किया था। इस हार के बाद भारतीय क्रिकेट में कई सवाल उठे, जिसमें टीम के बल्लेबाजों और गेंदबाजों के प्रदर्शन पर ध्यान केंद्रित किया गया। विराट कोहली ने 5 मैचों में केवल 190 रन बनाए, जो कि एक औसत प्रदर्शन था। रोहित शर्मा का प्रदर्शन और भी खराब रहा, उन्होंने 3 मैचों में महज 31 रन बनाए।
इस हार में एक स्पष्ट बात सामने आई कि भारतीय टीम के खिलाड़ी ‘रेड बॉल’ क्रिकेट में कमजोर साबित हो रहे हैं। शॉट सेलेक्शन में लापरवाही, लगातार गलतियां, और मानसिक मजबूती की कमी जैसे कारक भारतीय टीम की हार का कारण बने। ऋषभ पंत को बार-बार जोखिमपूर्ण शॉट खेलते हुए आउट होते देखा गया, और विराट कोहली ऑफ-स्टंप के बाहर की गेंदों को खेलने में असमर्थ दिखे। गेंदबाजों के मामले में भी स्थिति कुछ बेहतर नहीं थी। मोहम्मद सिराज और हर्षित राणा जैसे गेंदबाज अपनी लय खोते हुए नजर आए।
भारतीय टीम की कुछ बड़ी कमजोरियां उजागर
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मिली हार ने भारतीय टीम की कुछ बड़ी कमजोरियां उजागर की हैं, जिन पर अब BCC और टीम प्रबंधन ध्यान देने की योजना बना रहे हैं। भारतीय टीम को मानसिक और तकनीकी सुधार की जरूरत है, विशेषकर टेस्ट क्रिकेट के लिए। इसके अलावा, खिलाड़ियों के फिटनेस स्तर और मानसिक मजबूती पर भी ध्यान देने की आवश्यकता है। BCC ने यह भी स्पष्ट किया है कि अब टीम इंडिया को अपनी रणनीति में बदलाव करने की आवश्यकता है, ताकि आगामी चैंपियंस ट्रॉफी और अन्य महत्वपूर्ण टूर्नामेंट्स में उनका प्रदर्शन बेहतर हो सके। आने वाले समय में भारतीय टीम इंग्लैंड के खिलाफ टी20 और वनडे सीरीज खेलेगी, और उसके बाद फरवरी में चैंपियंस ट्रॉफी में भाग लेगी। यह सीरीज और टूर्नामेंट भारतीय क्रिकेट के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकते हैं, और टीम को अपनी कमजोरियों को सुधारने के लिए समय मिल सकता है।