Edited By Ashutosh Chaubey,Updated: 04 Jan, 2025 08:02 PM
बेंगलुरु के एक तकनीकी विशेषज्ञ अतुल सुभाष की आत्महत्या के मामले में उसकी पत्नी निकिता सिंघानिया, सास निशा सिंघानिया और साले अनुराग सिंघानिया को बेंगलुरु की सत्र अदालत ने जमानत दे दी है। अतुल ने 9 दिसंबर को अपनी पत्नी और उसके परिवार पर उत्पीड़न का...
नेशनल डेस्क: बेंगलुरु के एक तकनीकी विशेषज्ञ अतुल सुभाष की आत्महत्या के मामले में उसकी पत्नी निकिता सिंघानिया, सास निशा सिंघानिया और साले अनुराग सिंघानिया को बेंगलुरु की सत्र अदालत ने जमानत दे दी है। अतुल ने 9 दिसंबर को अपनी पत्नी और उसके परिवार पर उत्पीड़न का आरोप लगाने के बाद आत्महत्या कर ली थी। आत्महत्या से पहले उसने एक वीडियो और नोट छोड़ा था जिसमें उसने अपनी पत्नी और ससुराल वालों पर मानसिक उत्पीड़न, जबरन वसूली के प्रयास और झूठे मामलों में फंसाने का आरोप लगाया। उसने यह भी आरोप लगाया था कि उसकी पत्नी ने मामले को निपटाने के लिए 3 करोड़ रुपये की मांग की थी। अतुल की शादी 2019 में निकिता से हुई थी और उनका एक बेटा भी था, जो अब चार साल का है।
अतुल के माता-पिता का कहना है कि वे अपने पोते की कस्टडी पाने के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटा रहे हैं, क्योंकि उन्हें डर है कि उनके पोते की देखभाल ठीक से नहीं हो रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि निकिता अपने बेटे को "एटीएम" की तरह इस्तेमाल करती थी, पैसे के लिए उसे तंग किया जाता था। सुभाष के वकील ने कहा कि आरोपी पत्नी को जमानत पाने के लिए बच्चे का इस्तेमाल नहीं करने दिया जाना चाहिए।
इस पूरे मामले में एक और महत्वपूर्ण पहलू यह है कि कर्नाटक उच्च न्यायालय ने बेंगलुरु की सत्र अदालत को यह निर्देश दिया था कि वह जमानत याचिका पर निर्णय ले। 14 दिसंबर को निकिता को गुरुग्राम से गिरफ्तार किया गया था, जबकि उनकी मां और भाई को उत्तर प्रदेश के प्रयागराज से पकड़ा गया था। अब, यह मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है, जहां अगले सप्ताह 7 जनवरी को कस्टडी पर सुनवाई होगी।