Edited By Mahima,Updated: 30 Nov, 2024 09:35 AM
गुजरात एटीएस ने ओखा बंदरगाह के कर्मचारी दीपेश गोहिल को गिरफ्तार किया, जो पाकिस्तानी जासूस को भारतीय तटरक्षक बल की जहाजों की संवेदनशील जानकारी दे रहा था। उसे प्रतिदिन 200 रुपये मिलते थे और उसने 42,000 रुपये प्राप्त किए। फेसबुक और व्हाट्सएप के जरिए...
नेशनल डेस्क: गुजरात आतंकवाद निरोधक दस्ता (ATS) ने भारतीय तटरक्षक बल (ICG) के जहाजों और उनकी गतिविधियों के बारे में संवेदनशील जानकारी पाकिस्तान के एजेंटों को भेजने के आरोप में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। आरोपी की पहचान दीपेश गोहिल के रूप में हुई है, जो ओखा बंदरगाह पर एक संविदा कर्मचारी के रूप में कार्यरत था। गुजरात ATS के अधिकारियों ने बताया कि दीपेश गोहिल ने पाकिस्तानी जासूसों के साथ मिलकर तटरक्षक बल के जहाजों की आवाजाही, उनकी स्थिति और अन्य खुफिया जानकारी साझा की थी। इस घातक जासूसी गतिविधि के बदले उसे केवल 200 रुपये प्रतिदिन मिलते थे, और उसने इस तरह से कुल 42,000 रुपये पाकिस्तानी एजेंट से प्राप्त किए।
फेसबुक के जरिए पाकिस्तानी एजेंट से संपर्क
दीपेश गोहिल ओखा बंदरगाह पर काम करता था और उसने फेसबुक के माध्यम से पाकिस्तानी जासूस से दोस्ती की थी। जासूस ने खुद को "साहिमा" नाम से पेश किया और फेसबुक पर दीपेश से संपर्क किया। इसके बाद, व्हाट्सएप के जरिए उनकी बातचीत जारी रही, जिसमें पाकिस्तानी एजेंट ने दीपेश से ओखा बंदरगाह पर खड़ी तटरक्षक नावों का नाम और नंबर पूछा था। पाकिस्तानी जासूस ने दीपेश से यह जानकारी प्राप्त की थी, जो भारतीय तटरक्षक बल की रणनीतिक गतिविधियों से संबंधित थी और समुद्र में देश की सुरक्षा को खतरे में डालने वाली महत्वपूर्ण जानकारी थी। हालांकि, पाकिस्तानी एजेंट की पहचान अभी तक सार्वजनिक नहीं की गई है, लेकिन यह जानकारी बेहद संवेदनशील और सुरक्षा के लिहाज से खतरनाक मानी जा रही है।
200 रुपये की रिश्वत और 42,000 रुपये की रकम
ATS के अधिकारियों ने बताया कि दीपेश को पाकिस्तान के एजेंट को जानकारी देने के बदले 200 रुपये प्रतिदिन की रकम मिलती थी। चूंकि उसके पास अपना कोई बैंक खाता नहीं था, उसने अपने दोस्त के खाते का इस्तेमाल किया। दीपेश ने पाकिस्तानी जासूस से मिली रकम को अपने दोस्त के खाते में ट्रांसफर करवा लिया और फिर अपने दोस्त से नकद पैसे लेकर यह कहा कि यह पैसे वह वेल्डिंग के काम के लिए ले रहा था। इस तरह से उसे कुल 42,000 रुपये मिले थे। ATS ने बताया कि दीपेश को ओखा बंदरगाह पर तटरक्षक बल की नावों तक आसान पहुंच थी, और उसने इसका गलत इस्तेमाल किया। ऐसे संवेदनशील जानकारी साझा करने के कारण देश की सुरक्षा को गंभीर खतरा हो सकता था।
पहले भी हो चुकी हैं इसी तरह की गिरफ्तारियाँ
यह पहला मामला नहीं है जब गुजरात ATS ने इस तरह के जासूसी गतिविधियों को उजागर किया है। इससे पहले, पिछले महीने गुजरात ATS ने पोरबंदर में पंकज कोटिया नामक व्यक्ति को गिरफ्तार किया था, जिसने पाकिस्तान के जासूस को तटरक्षक बल की नावों के बारे में जानकारी दी थी। यह मामला भी भारत की समुद्री सीमा सुरक्षा से जुड़ा हुआ था, और इससे पाकिस्तान को भारतीय तटरक्षक बल की रणनीतिक गतिविधियों के बारे में जानकारी मिलने का खतरा था।
ATS के अधिकारियों का बयान
गुजरात ATS के अधिकारी सिद्धार्थ ने इस बारे में बताते हुए कहा, "हमें खुफिया जानकारी मिली थी कि ओखा बंदरगाह पर एक व्यक्ति व्हाट्सएप के जरिए पाकिस्तानी जासूस से संपर्क कर तटरक्षक बल की नावों के बारे में जानकारी साझा कर रहा था। हमारी जांच के बाद दीपेश गोहिल को गिरफ्तार किया गया है। यह जानकारी पाकिस्तान की नौसेना और आईएसआई के लिए बेहद महत्वपूर्ण हो सकती थी।" उन्होंने यह भी कहा कि इस तरह की जासूसी गतिविधियां भारत की समुद्री सीमा की सुरक्षा के लिए खतरनाक हो सकती हैं। ऐसी जानकारी पाकिस्तान की सेना और एजेंटों के लिए बहुत मूल्यवान हो सकती है, जो इसे अपनी रणनीतिक योजना के तहत इस्तेमाल कर सकते हैं।
राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा
इस घटना से यह स्पष्ट हो गया है कि भारतीय तटरक्षक बल की गतिविधियों की जानकारी पाकिस्तानी एजेंटों के पास पहुंचने से भारत की समुद्री सीमाओं की सुरक्षा को गंभीर खतरा हो सकता है। गुजरात ATS के अधिकारियों का कहना है कि ऐसी गतिविधियों का समय रहते खुलासा और कार्रवाई करना जरूरी है ताकि भारतीय तटरक्षक बल की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। गुजरात ATS ने तटरक्षक बल के साथ मिलकर समुद्री सीमा सुरक्षा को मजबूत करने के लिए कई कदम उठाए हैं, और इस प्रकार की जासूसी गतिविधियों को रोकने के लिए भविष्य में भी कड़ी निगरानी और जांच की जाएगी।