Edited By Mahima,Updated: 08 Nov, 2024 03:40 PM
BH नंबर प्लेट भारत में एक विशेष प्रकार की रजिस्ट्रेशन प्लेट है, जो केवल सरकारी, डिफेंस, बैंक, प्रशासनिक और कुछ निजी कंपनियों के कर्मचारियों को मिलती है। यह पूरी भारत में वैलिड रहती है, जिससे मालिकों को अन्य राज्यों में दोबारा रजिस्ट्रेशन नहीं करवाना...
नेशनल डेस्क: भारत में हर वाहन की पहचान उसके नंबर प्लेट से होती है। नंबर प्लेट पर दिखने वाले पहले कुछ अंक यह बताते हैं कि वाहन किस राज्य से संबंधित है। हालाँकि, अब एक नई सुविधा भी शुरू की गई है, जो है BH नंबर प्लेट। यह नंबर प्लेट उन विशेष लोगों के लिए होती है, जिन्हें पूरे भारत में अपनी गाड़ी को बिना किसी राज्य में रजिस्ट्रेशन बदलवाए चलाने की अनुमति मिलती है। इस लेख में हम आपको BH नंबर प्लेट से संबंधित हर एक पहलू के बारे में विस्तार से जानकारी देंगे। जानिए BH नंबर प्लेट क्या है, इसे कौन प्राप्त कर सकता है, इसके फायदे और नुकसान क्या हैं, और इसे प्राप्त करने की प्रक्रिया क्या है।
BH नंबर प्लेट क्या है?
BH नंबर प्लेट एक विशेष प्रकार की रजिस्ट्रेशन प्लेट है, जिसे भारत सरकार के सड़क परिवहन मंत्रालय (MoRTH) द्वारा जारी किया जाता है। BH का मतलब होता है "भारत" (Bharat). यह नंबर प्लेट पूरे देश में मान्य होती है और इसे प्राप्त करने के बाद वाहन मालिक को किसी भी राज्य में जाकर अपनी गाड़ी का रजिस्ट्रेशन नहीं करवाना पड़ता। यह सुविधा उन लोगों के लिए है, जिनका काम या निवास कई राज्यों में होता है, या जिनका कार्यक्षेत्र ट्रांसफर के कारण देशभर में फैला हुआ है।
BH नंबर प्लेट किसे मिलता है?
BH नंबर प्लेट केवल कुछ विशेष लोगों को ही मिलती है। यह केवल उन्हीं व्यक्तियों और संस्थाओं के लिए है, जो सरकार, प्रशासन, बैंकिंग और कुछ निजी कंपनियों के कर्मचारियों में शामिल हैं।
BH नंबर प्लेट प्राप्त करने के पात्र लोग:
1. केंद्र और राज्य सरकार के कर्मचारी: यदि आप सरकारी सेवा में हैं, तो आप BH नंबर प्लेट के लिए आवेदन कर सकते हैं।
2. डिफेंस सेक्टर के कर्मचारी: सेना, नौसेना, वायुसेना आदि के कर्मचारी भी इस नंबर प्लेट के लिए आवेदन कर सकते हैं।
3. बैंक और वित्तीय संस्थानों के कर्मचारी: भारतीय बैंकों में काम करने वाले कर्मचारी और कुछ वित्तीय संस्थान भी BH नंबर प्लेट प्राप्त कर सकते हैं।
4. प्रशासनिक सेवाओं में कार्यरत कर्मचारी: जैसे IAS, IPS, IFS आदि अधिकारी भी BH नंबर प्लेट के पात्र होते हैं।
5. प्राइवेट कंपनियों के कर्मचारी: यदि कोई निजी कंपनी चार या उससे अधिक राज्यों में ऑपरेशंस चला रही है, तो उस कंपनी के कर्मचारी भी BH नंबर प्लेट प्राप्त करने के योग्य हो सकते हैं।
6. गैर-लाभकारी संगठन (NGOs) और बड़े उद्योग समूह: जिनका कार्य पूरे भारत में फैला हुआ हो, उनके कर्मचारी भी आवेदन कर सकते हैं।
BH नंबर प्लेट के फायदे
BH नंबर प्लेट के कई फायदे हैं, खासकर उन लोगों के लिए जिनका काम यात्रा या एक राज्य से दूसरे राज्य में शिफ्ट होने से जुड़ा है।
1. ऑल इंडिया वैलिडिटी: BH नंबर प्लेट का सबसे बड़ा लाभ यह है कि यह पूरे भारत में कहीं भी वैध होती है। इसका मतलब यह है कि यदि किसी व्यक्ति ने BH नंबर प्लेट से अपनी गाड़ी का रजिस्ट्रेशन करवाया है, तो उसे किसी दूसरे राज्य में जाने पर रजिस्ट्रेशन बदलवाने की आवश्यकता नहीं होती।
2. रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया की सरलता: आमतौर पर, जब कोई व्यक्ति एक राज्य से दूसरे राज्य में जाता है, तो उसे अपनी गाड़ी का रजिस्ट्रेशन बदलवाना पड़ता है। लेकिन BH नंबर प्लेट के साथ ऐसा नहीं होता, क्योंकि यह किसी भी राज्य में वैध होती है।
3. कामकाजी लोगों के लिए लाभकारी: जो लोग सरकारी सेवा, बैंकिंग, या डिफेंस सेक्टर में काम करते हैं और जिनका ट्रांसफर विभिन्न राज्यों में होता रहता है, उन्हें BH नंबर प्लेट के जरिए कई राहतें मिलती हैं। उन्हें हर बार गाड़ी के रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया से नहीं गुजरना पड़ता।
4. सुविधा और पारदर्शिता: BH नंबर प्लेट के जरिए गाड़ी की पहचान करना आसान हो जाता है, और यह सुनिश्चित करता है कि वाहन का रजिस्ट्रेशन सभी राज्यों में एक जैसा हो।
5. समय और पैसे की बचत: BH नंबर प्लेट के साथ, आपको राज्य-विशेष रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया से बचने का मौका मिलता है। इससे समय और शुल्क दोनों की बचत होती है।
6. वाहन के अधिकारों की रक्षा: BH नंबर प्लेट यह सुनिश्चित करती है कि वाहन का स्वामित्व पूरे भारत में वैध रहे, जिससे वाहन मालिक को किसी राज्य में फिर से रजिस्ट्रेशन करवाने की जरूरत नहीं होती।
BH नंबर प्लेट के नुकसान
हालांकि BH नंबर प्लेट के कई फायदे हैं, लेकिन इसके कुछ नुकसान भी हो सकते हैं:
1. सीमित पात्रता: BH नंबर प्लेट केवल कुछ विशेष श्रेणी के व्यक्तियों के लिए उपलब्ध है। यह हर नागरिक के लिए नहीं है। सामान्य नागरिक या जो लोग किसी निजी क्षेत्र में काम करते हैं, वे इस नंबर प्लेट के लिए पात्र नहीं हैं।
2. ट्रांसपोर्ट गाड़ियों के लिए नहीं: BH नंबर प्लेट का उपयोग केवल व्यक्तिगत उपयोग वाली गाड़ियों के लिए किया जा सकता है। यह ट्रक, बस, मालवाहन, या अन्य ट्रांसपोर्ट गाड़ियों के लिए लागू नहीं है।
3. कागजी कार्यवाही और प्रक्रिया: BH नंबर प्लेट प्राप्त करने के लिए आपको लंबी प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है, जिसमें कई दस्तावेज़ और प्रमाण पत्र जमा करने होते हैं। यह समय और मेहनत की आवश्यकता होती है।
4. अधिक शुल्क: चूंकि यह एक विशेष प्रकार की नंबर प्लेट है, इसके लिए कुछ अतिरिक्त शुल्क भी लिया जा सकता है, जो सामान्य रजिस्ट्रेशन शुल्क से अधिक हो सकता है।
BH नंबर प्लेट प्राप्त करने की प्रक्रिया
BH नंबर प्लेट प्राप्त करने के लिए आपको कुछ खास कदमों का पालन करना होता है:
1. Vahan पोर्टल पर लॉगिन करें: सबसे पहले, आपको MoRTH के आधिकारिक पोर्टल Vahan पर जाकर अपना अकाउंट बनाना होगा और लॉगिन करना होगा।
2. फॉर्म भरें: इसके बाद, आपको आवेदन के लिए फॉर्म 20 (सरकारी कर्मचारियों के लिए) या फॉर्म 16 (प्राइवेट कंपनियों के कर्मचारियों के लिए) भरना होगा।
3. आवश्यक दस्तावेज़: आवेदन के साथ आपको अपने वर्क सर्टिफिकेट, एम्पलाई आईडी, और अन्य प्रमाणपत्र (जैसे कि पहचान प्रमाण, निवास प्रमाण) की जरूरत होगी।
4. एलिजिबिलिटी चेक: राज्य अथॉरिटी आपके दस्तावेज़ों की जांच करेगी और आपकी पात्रता की पुष्टि करेगी।
5. BH सीरीज नंबर का चयन: इसके बाद आपको अपने वाहन के लिए BH सीरीज नंबर का चयन करना होगा।
6. फीस का भुगतान: आवेदन के बाद आपको निर्धारित फीस का भुगतान करना होगा। फीस का भुगतान करने के बाद, RTO द्वारा आपके वाहन के लिए BH नंबर जनरेट कर दिया जाएगा।
7. नंबर प्लेट प्राप्त करें: जब आपकी रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया पूरी हो जाएगी, तो आपको BH नंबर प्लेट जारी कर दी जाएगी, जो आपके वाहन में लगी रहेगी और पूरे भारत में मान्य होगी।
BH नंबर प्लेट भारत में एक नई व्यवस्था है, जो खासतौर पर उन लोगों के लिए बनी है जिनका काम या जीवन कई राज्यों में बंटा हुआ है। यह सुविधा सरकारी कर्मचारियों, बैंक कर्मचारियों, डिफेंस सेक्टर कर्मचारियों, और कुछ प्राइवेट कंपनियों के कर्मचारियों को मिलती है। BH नंबर प्लेट के फायदे स्पष्ट हैं, खासकर उन लोगों के लिए जो अक्सर स्थानांतरित होते रहते हैं। हालांकि इसके कुछ नुकसान भी हैं, जैसे कि इसे सभी के लिए उपलब्ध नहीं होना और ट्रांसपोर्ट गाड़ियों के लिए इसे लागू न होना।