Edited By Ashutosh Chaubey,Updated: 24 Feb, 2025 05:36 PM
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दिल्ली में इस वक्त एक बड़ा राजनीतिक विवाद उठ खड़ा हुआ है, जब मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के कार्यालय से शहीद भगत सिंह और बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की तस्वीरें हटाने का मामला सामने आया। विपक्ष ने इस कदम पर तीखी आलोचना की है, जबकि दिल्ली सरकार ने इसका कड़ा...
नेशनल डेस्क: दिल्ली में इस वक्त एक बड़ा राजनीतिक विवाद उठ खड़ा हुआ है, जब मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के कार्यालय से शहीद भगत सिंह और बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की तस्वीरें हटाने का मामला सामने आया। विपक्ष ने इस कदम पर तीखी आलोचना की है, जबकि दिल्ली सरकार ने इसका कड़ा जवाब दिया है। आइए जानते हैं पूरी कहानी विस्तार से।
दिल्ली विधानसभा का तीन दिवसीय सत्र सोमवार से शुरू हुआ। पहले दिन विधायकों ने शपथ ली, लेकिन सत्र का पहला दिन काफी हंगामेदार साबित हुआ। विधानसभा में आम आदमी पार्टी (आप) के नेताओं ने मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और उनकी सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। इस दौरान विपक्ष की नेता आतिशी ने मुख्यमंत्री पर गंभीर आरोप लगाए।
क्या है आरोप?
आतिशी ने आरोप लगाया कि दिल्ली सरकार ने मुख्यमंत्री के कार्यालय से शहीद भगत सिंह और बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की तस्वीरें हटा दी हैं। उनका कहना था कि यह एक राजनीतिक साजिश है, जिसे बीजेपी के दलित और सिख विरोधी मानसिकता का हिस्सा बताया गया। आतिशी ने कहा, "अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली सरकार के हर कार्यालय में भगत सिंह और बाबा साहेब अंबेडकर की तस्वीरें लगवाई थीं, लेकिन अब उन्हें हटा दिया गया है।
दिल्ली बीजेपी का रुख
दिल्ली बीजेपी ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स (Twitter) पर एक पोस्ट जारी करते हुए कहा, "मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और दिल्ली कैबिनेट के सभी मंत्रियों के कार्यालयों में महात्मा गांधी, भगत सिंह, बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीरें हैं।" बीजेपी ने दावा किया कि ये तस्वीरें केवल सरकार के मुखिया के तौर पर दिखती हैं, न कि किसी दलगत राजनीति के तहत। दिल्ली सरकार ने इस मुद्दे पर अपनी स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि इन तस्वीरों को वहां लगाया गया है क्योंकि ये शहीद और महान नेता देश के मार्गदर्शक हैं।
सीएम रेखा गुप्ता का जवाब
विपक्ष की आलोचनाओं के बाद मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा, "भगत सिंह और बाबा साहब अंबेडकर हमारे देश के शहीद और महान नेता हैं। उनकी तस्वीरों को हटाने का कोई सवाल नहीं था। इन तस्वीरों को हटा दिया गया क्योंकि यह उनके काम का सम्मान था, और इसे लोगों के भले के लिए किया गया है।" सीएम रेखा गुप्ता ने ये भी कहा कि जो लोग इसे लेकर विवाद उठा रहे हैं, वे दरअसल अपने भ्रष्टाचार और गलत कामों को छिपाने की कोशिश कर रहे हैं। उनका कहना था, "क्या सरकार के मुखिया के तौर पर हमारी फोटो नहीं लगनी चाहिए? क्या राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री की तस्वीरें नहीं लगनी चाहिए?"
स्पीकर विजेंद्र गुप्ता की प्रतिक्रिया
विधानसभा के स्पीकर विजेंद्र गुप्ता ने इस हंगामे पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि विपक्ष का रवैया गैरजिम्मेदाराना था। उन्होंने कहा, "विपक्ष के इस रवैये से सदन की कार्यवाही में खलल पड़ा है और यह संसदीय प्रणाली का उल्लंघन है।" स्पीकर ने विपक्ष से अनुरोध किया कि वे सदन की कार्यवाही को सुचारू रूप से चलने दें। इस दौरान, हंगामे के कारण विधानसभा की कार्यवाही को 15 मिनट के लिए स्थगित करना पड़ा।
सत्तापक्ष और विपक्ष की तकरार
विधानसभा में जिस तरह से यह मुद्दा उठाया गया, उससे सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच तकरार बढ़ गई। बीजेपी ने इस विवाद को उठाते हुए आरोप लगाया कि दिल्ली सरकार अपने गलत कामों को छिपाने के लिए शहीदों की तस्वीरों का इस्तेमाल कर रही है।