Haryana Election : भूपेंद्र हुड्डा का पार्टी पर आधिपत्य जमाना पड़ गया कांग्रेस को भारी

Edited By Utsav Singh,Updated: 08 Oct, 2024 08:18 PM

bhupendra hooda s dominance over party has become overwhelming congress

हरियाणा कांग्रेस में आधिपत्य स्थापित करने के चक्कर में भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने उन तमाम बड़े नेताओं को कांग्रेस से निकलवा दिया जिनका राजनीतिक आधार था।  कांग्रेस को ताजा झटका इस चुनाव से पहले ही किरण चौधरी और श्रुति चौधरी के पार्टी छोड़ने के कारण लगा।

नेशनल डेस्क : हरियाणा कांग्रेस में आधिपत्य स्थापित करने के चक्कर में भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने उन तमाम बड़े नेताओं को कांग्रेस से निकलवा दिया जिनका राजनीतिक आधार था।  कांग्रेस को ताजा झटका इस चुनाव से पहले ही किरण चौधरी और श्रुति चौधरी के पार्टी छोड़ने के कारण लगा। किरण चौधरी ने पार्टी छोड़ते समय अपने ट्विटर पर लिखा कि " मैंने कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से त्यागपत्र दे दिया है।हरियाणा के जनक चौ.बंसीलाल जी के संस्कारों व विचारधारा को हरियाणा में प्रसारित करना और क्षेत्र एवं प्रदेश का ईमानदारी से विकास करना मेरी हमेशा प्राथमिकता रहेगी" .

किरण चौधरी तीन बार हरियाणा के मुख्यमंत्री , तीन बार सांसद और 7 बार विधायक रहे चौधरी बंसी लाल की बहु हैं और उनका हरियाणा के जाट वोटरों में अच्छा ख़ासा आधार है।  भूपेंद्र सिंह हुड्डा खुद जाट नेता होने के कारण किसी अन्य जाट नेता को राज्य में उभरने नहीं देना चाहते थे लिहाजा कांग्रेस में किरण चौधरी के लिए हालत ऐसे बना दिए गए कि उन्हें पार्टी से अलविदा कहना पड़ा। इस से पहले अगस्त 2022 में कुलदीप बिश्नोई और उनकी पत्नी रेणुका ने कांग्रेस पार्टी छोड़ दी थी और भाजपा का दामन थाम लिया था।  कुलदीप बिश्नोई पूर्व मुख्य मंत्री भजन लाल के बेटे हैं और उनका अपना राजनीतिक आधार है लेकिन हुड्डा के प्रभाव के कारण ही कांग्रेस में उन्हें सम्मान नहीं मिला लिहाजा वह भाजपा में चले गए।  

इसी प्रकार दो बार देश के उप प्रधान मंत्री रहे चौधरी देवी लाल के बेटे रणजीत सिंह चौटाला ने भी कांग्रेस को अलविदा कह दिया था और बाद में भाजपा में शामिल हो गए।  कांग्रेस के राजनीतिक आधार वाले यह तीनों नेता कांग्रेस को अलविदा कहने के बाद अब भाजपा के साथ हैं। इनमे से रणजीत सिंह चौटाला हरियाणा की सरकार में मंत्री हैं जबकि किरण चौधरी भाजपा की तरफ से  राज्य सभा की सदस्य हैं और उनकी बेटी श्रुति चौधरी तोशम सीट से विधान सभा का चुनाव भी जीत गई हैं जबकि कुलदीप बिश्नोई के बेटे भव्य बिश्नोई आदमपुर सीट से चुनाव हार गए हैं। 

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