बाइडन प्रशासन द्वारा भारत चुनाव के लिए दी गई फंडिंग रद्द, ट्रंप ने कहा - बहुत टैरिफ लगाते हैं, भारत को जरूरत नहीं

Edited By Mahima,Updated: 19 Feb, 2025 10:08 AM

biden administration cancels funding for india elections

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत के चुनावों के लिए बाइडन प्रशासन द्वारा दी गई 21 मिलियन डॉलर की फंडिंग को रद्द करने के फैसले का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि भारत को इस वित्तीय मदद की जरूरत नहीं है। भारतीय राजनीति में इस पर विवाद हो गया, जहां...

नेशनल डेस्क: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत के चुनावों के लिए 21 मिलियन डॉलर की अमेरिकी सहायता को रद्द करने के फैसले का समर्थन किया है। यह फंडिंग बाइडन प्रशासन ने भारत में मतदान बढ़ाने के उद्देश्य से मंजूर की थी, लेकिन हाल ही में एलन मस्क के नेतृत्व वाले सरकारी दक्षता विभाग (DOGE) ने इसे रद्द कर दिया। यह फंडिंग भारत में लोकतांत्रिक प्रक्रिया को मजबूत करने के लिए थी, जिसे 16 फरवरी को रद्द किया गया।

फंडिंग को पहले बाइडन प्रशासन ने मंजूरी दी
एलन मस्क के नेतृत्व में काम कर रहे सरकारी दक्षता विभाग (DOGE) ने 21 मिलियन डॉलर की फंडिंग को रद्द करने की घोषणा की। इस फंडिंग को पहले बाइडन प्रशासन ने मंजूरी दी थी, जिसका उद्देश्य भारत में मतदान को बढ़ावा देना था और लोगों को लोकतांत्रिक प्रक्रिया में भागीदारी के लिए प्रेरित करना था। हालांकि, DOGE ने इसे अमेरिकी करदाताओं के खर्चे के रूप में रद्द किया। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस निर्णय का समर्थन करते हुए कहा कि भारत को इस तरह की विदेशी सहायता की जरूरत नहीं है। उन्होंने अपने बयान में कहा, "भारत के पास पहले से ही बहुत अधिक पैसा है। वे दुनिया के सबसे अधिक कर लगाने वाले देशों में से एक हैं, और उनके टैरिफ बहुत ज्यादा हैं। हमें वहां व्यापार करने में भी मुश्किल होती है। मैं भारत और उनके प्रधानमंत्री का सम्मान करता हूं, लेकिन मैं यह समझता हूं कि अमेरिका को भारत के चुनावों के लिए 21 मिलियन डॉलर क्यों देने चाहिए।"

भारत में राजनीतिक हलचल तेज
अमेरिकी राष्ट्रपति के इस बयान के बाद भारत में राजनीतिक हलचल तेज हो गई। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने ट्विटर पर लिखा, "यह साफ हो रहा है कि कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार ने देश के हितों के खिलाफ विदेशी ताकतों को भारत की संस्थाओं में घुसने का मौका दिया।" उन्होंने अमेरिकी अरबपति निवेशक जॉर्ज सोरोस का नाम लेते हुए आरोप लगाया कि वे भारत की चुनावी प्रक्रिया में हस्तक्षेप करना चाहते हैं। मालवीय का कहना था कि ये ताकतें हमेशा भारत को कमजोर करने की कोशिश करती हैं।

भारत की लोकतांत्रिक प्रक्रिया या चुनावी प्रक्रिया में विदेशी हस्तक्षेप अनुचित 
कांग्रेस पार्टी ने इस मुद्दे को गंभीरता से लिया और इसकी जांच की मांग की। पार्टी के वरिष्ठ नेता अजय माकन ने कहा, "हमारा स्पष्ट मानना है कि भारत की लोकतांत्रिक प्रक्रिया या चुनावी प्रक्रिया में किसी भी प्रकार का विदेशी हस्तक्षेप अनुचित है। हम इसका विरोध करते हैं और इसकी जांच की जानी चाहिए। यह हमारे लोकतंत्र के लिए खतरा है और हम इसे गंभीरता से लेते हैं।" कांग्रेस ने आरोप लगाया कि यह विदेशी हस्तक्षेप भारत की आंतरिक लोकतांत्रिक प्रक्रिया को कमजोर करने की कोशिश है और इसे किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जा सकता। इस प्रकार कांग्रेस ने इस मामले की जांच की मांग की, ताकि यह साफ हो सके कि भारत की चुनावी प्रक्रिया में कोई विदेशी ताकत हस्तक्षेप कर रही है या नहीं।

भारत में चुनावी प्रक्रिया के लिए विदेशी फंडिंग
इस मामले के बाद कई सवाल भी उठ रहे हैं कि क्या यह भारत में चुनावी प्रक्रिया के लिए विदेशी फंडिंग पर किसी प्रकार का दबाव बनाने की कोशिश है। जहां एक ओर ट्रंप और बीजेपी ने इसे भारत के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप माना, वहीं कांग्रेस ने इसे जांच के लायक मुद्दा करार दिया। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत के चुनावों के लिए 21 मिलियन डॉलर की अमेरिकी सहायता को रद्द करने के निर्णय का समर्थन किया, यह सहायता बाइडन प्रशासन ने भारत में मतदान बढ़ाने के लिए मंजूरी दी थी। ट्रंप ने कहा कि भारत को इस तरह की मदद की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि भारत पहले से ही समृद्ध है और उच्च टैरिफ लगाता है। भारतीय राजनीति में इसे लेकर विवाद बढ़ गया है, जहां बीजेपी और कांग्रेस के नेताओं ने अपनी-अपनी राय दी है और इसकी जांच की मांग की है। 

 

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