Puja Khedkar case : विवादों से घिरीं IAS पूजा खेडकर पर बड़ा एक्शन, सभी परीक्षाओं में शामिल होने पर लगी रोक

Edited By Rahul Singh,Updated: 31 Jul, 2024 06:17 PM

big action on ias pooja khedkar surrounded by controversies

आईएएस पूजा खेडकर पर विवादों के बाद संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने बड़ा कदम उठाया है। यूपीएससी ने पूजा खेडकर के भविष्य में किसी भी परीक्षा या चयन में भाग लेने पर रोक लगा दी है।

नई दिल्ली। आईएएस पूजा खेडकर पर विवादों के बाद संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) ने बड़ा कदम उठाया है। यूपीएससी ने Pooja Khedkar के भविष्य में किसी भी परीक्षा या चयन में भाग लेने पर रोक लगा दी है। यूपीएससी ने आईएएस पूजा खेडकर के खिलाफ बड़ा कदम उठाते हुए उनकी CSE-2022 की उम्मीदवारी को भी रद्द कर दिया है। आयोग ने पुष्टि की है कि पूजा खेडकर ने CSE-2022 के नियमों का उल्लंघन किया है।

यूपीएससी ने CSE के पिछले 15 वर्षों के डाटा की गहन जांच की, जिसमें 15 हजार से अधिक उम्मीदवार शामिल थे। जांच के दौरान पाया गया कि पूजा खेडकर ने परीक्षा के नियमों का पालन नहीं किया। इस जांच के आधार पर उनकी उम्मीदवारी को रद्द कर दिया गया है। खेडकर के खिलाफ पिछले कुछ समय से विभिन्न विवादों की रिपोर्टें सामने आ रही थीं, जिनमें उनके कार्यशैली और फैसलों को लेकर सवाल उठाए गए थे।

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यह कदम यूपीएससी द्वारा लिए गए कड़े निर्णयों में से एक माना जा रहा है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि आयोग अपनी चयन प्रक्रियाओं और अधिकारियों की आचरण की गंभीरता से निगरानी करता है। वर्तमान में पूजा खेडकर को भविष्य में किसी भी सरकारी सेवा परीक्षा में शामिल होने की अनुमति नहीं होगी, जिससे उनके करियर पर बड़ा प्रभाव पड़ सकता है।


जमानत अर्जी पर एक अगस्त को फैसला आएगा

दिल्ली की एक अदालत धोखाधड़ी और जालसाजी के एक मामले में आरोपी भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) की प्रशिक्षु अधिकारी पूजा खेडकर की अग्रिम जमानत अर्जी पर एक अगस्त को फैसला सुना सकती है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश देवेंद्र कुमार जंगला ने बुधवार को खेडकर द्वारा दायर अर्जी पर दलीलें सुनने के बाद आदेश सुरक्षित रख लिया। खेडकर ने अपने वकील के माध्यम से दायर अर्जी में दावा किया कि उन्हें ‘‘गिरफ्तारी का आसन्न खतरा'' है। कार्यवाही के दौरान अभियोजन पक्ष के साथ-साथ संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की ओर से उपस्थित हुए वकील ने अर्जी का विरोध करते हुए दावा किया कि उन्होंने ‘‘व्यवस्था को धोखा दिया है।'' यूपीएससी की ओर से पेश वकील ने अदालत के समक्ष दावा किया, ‘‘उन्होंने (खेडकर) कानून और कानूनी प्रक्रिया का दुरुपयोग किया है। उनके द्वारा कानून का दुरुपयोग करने की आशंका अभी भी बनी हुई है। वह एक साधन संपन्न व्यक्ति हैं।'' 

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