Edited By Parminder Kaur,Updated: 15 Feb, 2025 04:10 PM
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पुणे के पिंपरी-चिंचवड क्षेत्र को औद्योगिक शहर माना जाता है, लेकिन अब यहां चिखली और कुदलवाड़ी इलाके में चल रही अतिक्रमण हटाने की बड़ी कार्रवाई चर्चा में है। इस कार्रवाई में अब तक 465 एकड़ ज़मीन से 2,845 अनधिकृत निर्माण और पत्रा शेड हटाए जा चुके हैं।
नेशनल डेस्क. पुणे के पिंपरी-चिंचवड क्षेत्र को औद्योगिक शहर माना जाता है, लेकिन अब यहां चिखली और कुदलवाड़ी इलाके में चल रही अतिक्रमण हटाने की बड़ी कार्रवाई चर्चा में है। इस कार्रवाई में अब तक 465 एकड़ ज़मीन से 2,845 अनधिकृत निर्माण और पत्रा शेड हटाए जा चुके हैं।
यह इलाका पहले छोटे और बड़े व्यवसायों का केंद्र था, जहां लाखों लोग काम करते थे। अब नगर निगम की इस कार्रवाई के चलते करीब एक से दो लाख लोग बेरोजगार हो गए हैं। यह अभियान 8 फरवरी से शुरू हुआ था और सोमवार तक इसे जारी रखने की योजना है।
नगर आयुक्त का बयान
नगर आयुक्त शेखर सिंह ने बताया कि यह कार्रवाई नदी प्रदूषण और लगातार आग लगने की घटनाओं को देखते हुए की गई है। इस अभियान के कारण इस इलाके में करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ है, क्योंकि यहां ज्यादातर कबाड़खाने थे, जिन पर हजारों परिवारों की रोजी-रोटी निर्भर थी।
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स्थानीय व्यापारियों और श्रमिकों का विरोध
स्थानीय व्यापारियों और श्रमिकों ने इस कार्रवाई का विरोध किया है। उनका कहना है कि वे पिछले 25 सालों से यहां कारोबार कर रहे थे और नगर निगम को टैक्स भी दे रहे थे, फिर अचानक इतनी बड़ी कार्रवाई क्यों की गई? उनका आरोप है कि इन स्क्रैप गोदामों को स्मार्ट सिटी परियोजना में अवरोध माना जा रहा है।
लघु उद्यमी संघ के अध्यक्ष संदीप बेलसरे ने कहा कि यह कार्रवाई अमानवीय और क्रूर है, जिससे हजारों लोग बेघर और बेरोजगार हो गए हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या महानगर पालिका और प्रशासन इस नुकसान की भरपाई करेगा? इस मामले पर कानूनी सलाह लेने की बात भी की गई है।