Edited By Parminder Kaur,Updated: 15 Sep, 2024 12:59 PM
प्रमुख ऑटो निर्माता कंपनियों ने पिछले कुछ महीनों से इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) के निर्माण की गति धीमी कर दी है। हाल ही में बड़ी ऑटो कंपनी वोल्वो ने कहा है कि वह पूरी तरह से ईवी बनाने की अपनी योजना को तेजी से आगे नहीं बढ़ाएगी। इसी तरह जनरल मोटर्स और...
ऑटो डेस्क. प्रमुख ऑटो निर्माता कंपनियों ने पिछले कुछ महीनों से इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) के निर्माण की गति धीमी कर दी है। हाल ही में बड़ी ऑटो कंपनी वोल्वो ने कहा है कि वह पूरी तरह से ईवी बनाने की अपनी योजना को तेजी से आगे नहीं बढ़ाएगी। इसी तरह जनरल मोटर्स और फोर्ड ने भी अपने पूर्व घोषित इलेक्ट्रिक मॉडल्स को पेश करने में देरी करने की बात कही है।
इसका असर केवल बड़ी कंपनियों पर ही नहीं पड़ेगा, बल्कि सैकड़ों अन्य कंपनियों पर भी पड़ेगा, जो इन बड़ी कंपनियों को विभिन्न प्रकार के सामान और पुर्जे सप्लाई करती हैं। ऑटो इंडस्ट्री के ट्रेड ग्रुप एमईएमए के एक सर्वे के अनुसार, सप्लायर्स की सबसे बड़ी चिंता यह है कि अगर ऑटो कंपनियां अपनी पूर्व योजना के अनुसार ईवी नहीं बनाएंगी, तो इससे सप्लायर्स की स्थिति भी प्रभावित होगी। बड़ी कार कंपनियों की तुलना में सप्लायर्स और छोटी कंपनियों के पास पूंजी बहुत कम होती है, जिससे उनकी वित्तीय स्थिति पर बड़ा असर पड़ सकता है। इसके अलावा इस बदलाव से लोगों के रोजगार पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। पिछले कुछ वर्षों में ऑटो सप्लायर्स ने लगभग नौ लाख लोगों को रोजगार दिया है। अमेरिका के 100 सबसे बड़े ऑटो सप्लायर्स में से 60 मिशिगन में स्थित हैं।
पिछले साल राष्ट्रपति बाइडेन की सरकार ने 2032 तक दो तिहाई वाहनों को इलेक्ट्रिक बनाने का लक्ष्य तय किया था। हालांकि, इस साल सरकार ने अपने रुख को नरम कर दिया है। इसके साथ ही इलेक्ट्रिक वाहनों की मांग बढ़ी है, लेकिन खरीदारों का उत्साह ठंडा पड़ा है। एलजी एनर्जी सॉल्यूशंस की बैटरी डिवीजन के अधिकारी टिम डीबेस्टोस ने कहा- 'एक साल पहले ईवी पर काम न करने को एक बड़ा मौका गंवाना माना जाता था। लेकिन अब ऐसा नहीं है। हमें अब लचीला रवैया अपनाना पड़ेगा।'