Edited By Ashutosh Chaubey,Updated: 10 Mar, 2025 12:26 PM

महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल मचाने वाली एक बड़ी खबर सामने आई है। पुणे से कांग्रेस के पूर्व विधायक रविंद्र धंगेकर ने पार्टी छोड़ने का ऐलान कर दिया है। वह आज शाम महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से मुलाकात कर शिवसेना में शामिल होंगे। इस खबर...
नेशनल डेस्क: महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल मचाने वाली एक बड़ी खबर सामने आई है। पुणे से कांग्रेस के पूर्व विधायक रविंद्र धंगेकर ने पार्टी छोड़ने का ऐलान कर दिया है। वह आज शाम महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से मुलाकात कर शिवसेना में शामिल होंगे। इस खबर के बाद कांग्रेस को महाराष्ट्र में बड़ा झटका लगा है।
एक्स हैंडल पर दी जानकारी
रविंद्र धंगेकर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर यह जानकारी साझा की। उन्होंने लिखा, "मुझे पिछले 30 वर्षों से पुणे के आम लोगों के लिए संघर्ष करने वाले व्यक्ति के रूप में जाना जाता है। इसलिए मैं उस पार्टी के बारे में सोच रहा हूं जो पुणे के लोगों के लिए लड़ते हुए मुझे ताकत देगी। इस संबंध में आज शाम विस्तार से बात होगी।"
क्यों छोड़ी कांग्रेस?
राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि रविंद्र धंगेकर कांग्रेस पार्टी में अपनी उपेक्षा से नाराज थे। पार्टी के अंदरूनी मतभेद और नेतृत्व की अनदेखी ने उन्हें नया रास्ता अपनाने पर मजबूर कर दिया। इसके अलावा, शिवसेना की बढ़ती लोकप्रियता और एकनाथ शिंदे की नीतियों ने भी उन्हें आकर्षित किया।
एकनाथ शिंदे की बढ़ती लोकप्रियता
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे हाल ही में अपने बड़े फैसलों के चलते सुर्खियों में रहे हैं। उन्होंने ‘लाडकी बहिन योजना’ में बड़ा बदलाव करते हुए इसे और प्रभावी बनाने का वादा किया है। इस योजना के तहत महिलाओं को पहले 1500 रुपये प्रतिमाह दिए जाते थे, जिसे अब बढ़ाकर 2100 रुपये करने की योजना बनाई गई है। इस कदम से राज्य की लाखों महिलाओं को फायदा होगा।
लाडकी बहिन योजना पर एकनाथ शिंदे का बयान
एकनाथ शिंदे ने कहा, "हमने चुनाव में राज्य की लाडकी बहिनों से 2100 रुपये प्रतिमाह देने का वादा किया था और हम इस वादे को जरूर निभाएंगे। जब मैं मुख्यमंत्री था, तब हमने इस योजना की शुरुआत की थी। तत्कालीन उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार के साथ मिलकर हमने यह बड़ा फैसला लिया था।"
महाविकास आघाड़ी पर तंज
एकनाथ शिंदे ने इस मौके पर महाविकास आघाड़ी (एमवीए) के नेताओं पर भी तंज कसा। उन्होंने कहा, "लाडली बहनों ने हमें भरपूर वोट देकर सत्ता में लाया और सौतेले भाइयों को घर में बैठा दिया। यह जनता का आशीर्वाद है और हम इसे व्यर्थ नहीं जाने देंगे।"
क्या कांग्रेस को होगा नुकसान?
रविंद्र धंगेकर जैसे वरिष्ठ नेताओं का पार्टी छोड़ना कांग्रेस के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। यह आगामी चुनावों में पार्टी की स्थिति को कमजोर कर सकता है। महाराष्ट्र में कांग्रेस पहले ही शिवसेना और एनसीपी से कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना कर रही है। ऐसे में वरिष्ठ नेताओं का जाना पार्टी के लिए बड़ी चुनौती साबित हो सकता है।
क्या धंगेकर को मिलेगा बड़ा पद?
सूत्रों की मानें तो शिवसेना में शामिल होने के बाद रविंद्र धंगेकर को कोई महत्वपूर्ण पद दिया जा सकता है। उनकी लोकप्रियता और अनुभव को देखते हुए पार्टी उन्हें बड़ी जिम्मेदारी सौंप सकती है।