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बड़ा फेरबदल: BSP में होगा बड़ा बदलाव! उत्तराधिकारी को लेकर क्लियर हुआ मामला?

Edited By Ashutosh Chaubey,Updated: 17 Feb, 2025 01:08 PM

big change in bsp is the matter regarding the successor clear

बसपा (बहुजन समाज पार्टी) में इन दिनों कुछ ठीक नहीं चल रहा है। पार्टी की आंतरिक राजनीति में बड़ा बदलाव आने की आशंका जताई जा रही है। मायावती द्वारा अपने उत्तराधिकारी को लेकर दी गई हालिया चेतावनी ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। इससे पहले पार्टी में एक और...

नेशनल डेस्क: बसपा (बहुजन समाज पार्टी) में इन दिनों कुछ ठीक नहीं चल रहा है। पार्टी की आंतरिक राजनीति में बड़ा बदलाव आने की आशंका जताई जा रही है। मायावती द्वारा अपने उत्तराधिकारी को लेकर दी गई हालिया चेतावनी ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। इससे पहले पार्टी में एक और विवाद सामने आया था, जब मायावती के भतीजे आकाश आनंद के ससुर अशोक सिद्धार्थ को पार्टी से बाहर कर दिया गया था। इसके बाद मायावती के सोशल मीडिया पोस्ट ने इन घटनाओं को और भी बड़ा मोड़ दे दिया है।

मायावती का सोशल मीडिया पोस्ट, उत्तराधिकारी का मामला गंभीर

मायावती ने रविवार को अपने एक्स (पूर्व में ट्विटर) अकाउंट पर पांच पोस्ट कर यह संकेत दिए कि पार्टी और आंदोलन का कोई उत्तराधिकारी तभी बनेगा, जब वह अपने संघर्षों में पूरी तरह से खुद को झोंक दे। मायावती ने लिखा, “कांशीराम की तरह मेरे जीते जी पार्टी का उत्तराधिकारी तभी बनेगा जब वह हर दुख-तकलीफ उठाकर उसे आगे बढ़ाने में लगा रहे।” उनका यह बयान इस ओर इशारा करता है कि अगर आकाश आनंद उनके तरीकों से काम नहीं करते तो वह उत्तराधिकारी बनने के लिए योग्य नहीं माने जाएंगे।

 


यह पोस्ट, जो मायावती ने अचानक और बिना किसी पूर्व सूचना के की, उनके भतीजे आकाश आनंद को स्पष्ट चेतावनी के रूप में देखी जा रही है। मायावती ने यह भी कहा कि उनके संघर्ष को आगे बढ़ाने के लिए कांशीराम ने अपनी पूरी ज़िंदगी बलिदान कर दी थी, और वह भी उसी मार्ग पर चल रही हैं। इससे यह साफ होता है कि मायावती अब पार्टी के भविष्य को लेकर पूरी तरह से गंभीर हैं और कोई जल्दबाजी में फैसले नहीं लेना चाहतीं।

 

भतीजे आकाश आनंद पर मायावती का असंतोष

मायावती ने भतीजे आकाश आनंद को पहले पार्टी के प्रचार में पूरी तरह से सक्रिय किया था। उन्हें कई राज्यों में विधानसभा और लोकसभा चुनावों में प्रचारक बना दिया गया था। लेकिन उनके प्रयासों का परिणाम नहीं निकला। सीतापुर में उनकी सभा के बाद एफआईआर दर्ज होने के कारण उनके कार्यक्रम रद्द कर दिए गए थे। इसके बाद मायावती ने उन्हें अपरिपक्व बताकर पार्टी की ज़िम्मेदारियों से हटा दिया था। हाल ही में हरियाणा और दिल्ली विधानसभा चुनावों में भी आकाश आनंद को जिम्मेदारी दी गई थी, लेकिन इन चुनावों में टिकट वितरण को लेकर काफी विवाद हुआ। माना जा रहा है कि यही विवाद परिणामों पर असर डालने का कारण बना। इसके लिए आकाश आनंद और उनके करीबी अशोक सिद्धार्थ को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है।

आकाश आनंद की राजनीति में असफलता

मायावती के पोस्ट और पार्टी के अंदर चल रहे विवादों से ऐसा लग रहा है कि बसपा में आने वाले समय में बड़े बदलाव हो सकते हैं। आकाश आनंद, जो पहले पार्टी की अगुआई में मायावती के सबसे करीबी और भरोसेमंद थे, अब पार्टी में ही अपनी स्थिति को लेकर सवालों के घेरे में हैं। उनकी असफलताएं और विवादों से यह सवाल उठ रहा है कि क्या वे बसपा के अगले नेता बन पाएंगे?

 

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