Edited By Radhika,Updated: 15 Mar, 2025 12:54 PM

केंद्र सरकार ने हाईवे पर फास्टैग के इस्तेमाल को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए हैं। अगर आपके वाहन पर फास्टैग नहीं है, तो आपको टोल पर दोगुना शुल्क चुकाना पड़ेगा। इस मामले को लेकर बॉम्बे हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई थी, जिसमें यह सवाल उठाया...
नेशनल डेस्क : केंद्र सरकार ने हाईवे पर फास्टैग के इस्तेमाल को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए हैं। अगर आपके वाहन पर फास्टैग नहीं है, तो आपको टोल पर दोगुना शुल्क चुकाना पड़ेगा। इस मामले को लेकर बॉम्बे हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई थी, जिसमें यह सवाल उठाया गया था कि फास्टैग का उपयोग कैसे किया जाए, खासकर उन लोगों के लिए जो तकनीकी दृष्टि से सक्षम नहीं हैं।
क्या था याचिका का मुद्दा?
पुणे के अर्जुन खानपुरे द्वारा दायर की गई याचिका में कहा गया था कि कई लोग तकनीकी रूप से अनजान हैं और फास्टैग के बिना उन्हें टोल प्लाजा पर दोगुना शुल्क देना उनके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है। याचिकाकर्ता ने यह भी आग्रह किया कि कम से कम एक लेन बिना फास्टैग वाले वाहनों के लिए हो, ताकि नकद भुगतान करने वालों को भी सुविधा मिल सके।

हाईकोर्ट ने क्या कहा-
बॉम्बे हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस आलोक आराध्ये और न्यायमूर्ति भारती डांगरे ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि यह निर्णय एक नीति के तहत लिया गया है जिसका उद्देश्य सड़क यातायात को और सुगम बनाना है। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि फास्टैग से लैस न होने पर दोगुना शुल्क वसूला जाना जुर्माना नहीं, बल्कि एक नियम है। सरकार ने इस नीति को लागू करने से पहले जनता को पर्याप्त समय दिया है।
कोर्ट ने कहा कि फास्टैग की शुरुआत 2014 में हुई थी और इसे हर हाल में लागू किया जाएगा। इस फैसले से यह भी साफ हो गया कि यह तकनीक प्रयोग करने में आसान है और मोबाइल फोन के माध्यम से इसे रिचार्ज भी किया जा सकता है।