भारत में महिला आयकर रिटर्न दाखिल करने वालों की संख्या में बड़ी बढ़ोतरी, महाराष्ट्र सबसे आगे

Edited By Rahul Rana,Updated: 01 Dec, 2024 01:44 PM

big increase in the number of women filing income tax returns in india

भारत में महिला आयकर रिटर्न (आईटीआर) दाखिल करने वालों की संख्या में लगातार वृद्धि देखी जा रही है। आकलन वर्ष 2019-20 में जहां कुल 1.83 करोड़ महिलाओं ने अपना आयकर रिटर्न दाखिल किया था वहीं आकलन वर्ष 2023-24 में यह संख्या 25 प्रतिशत बढ़कर 2.29 करोड़ हो...

नेशनल डेस्क। भारत में महिला आयकर रिटर्न (आईटीआर) दाखिल करने वालों की संख्या में लगातार वृद्धि देखी जा रही है। आकलन वर्ष 2019-20 में जहां कुल 1.83 करोड़ महिलाओं ने अपना आयकर रिटर्न दाखिल किया था वहीं आकलन वर्ष 2023-24 में यह संख्या 25 प्रतिशत बढ़कर 2.29 करोड़ हो गई है। इस वृद्धि को देख कर यह साफ संकेत मिलता है कि अधिक महिलाएं अब टैक्स अनुपालन में शामिल हो रही हैं और अपनी आय का सही तरीके से विवरण दे रही हैं।

राज्यवार आंकड़े

फाइनेंस मिनिस्ट्री के आंकड़ों के मुताबिक महाराष्ट्र में महिला आयकर रिटर्न दाखिल करने वालों की संख्या में सबसे बड़ी वृद्धि देखी गई है। आकलन वर्ष 2019-20 में जहां महाराष्ट्र में 29.94 लाख महिलाएं आईटीआर फाइल कर रही थीं वहीं अब यह संख्या आकलन वर्ष 2023-24 में 36.83 लाख तक पहुंच  गई है। इस दौरान 6.88 लाख महिलाओं की वृद्धि हुई है हालांकि 23 प्रतिशत की यह वृद्धि राष्ट्रीय औसत से थोड़ी कम है।

इसके बाद उत्तर प्रदेश का नंबर आता है जहां 4.62 लाख महिलाओं ने अपना रिटर्न दाखिल किया है। उत्तर प्रदेश में महिला आईटीआर फाइल करने वालों में 29 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। आकलन वर्ष 2019-20 में उत्तर प्रदेश में 15.81 लाख महिला आईटीआर फाइलर थीं जो बढ़कर 20.43 लाख हो गईं। इसके अलावा गुजरात में भी महिला आईटीआर फाइलिंग में 24 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है और यहां 4.41 लाख महिलाएं रिटर्न फाइल करती हैं।

सबसे ज्यादा महिला आईटीआर फाइल करने वाले राज्य

आकलन वर्ष 2023-24 में महाराष्ट्र (36.83 लाख) सबसे ज्यादा महिला आईटीआर फाइल करने वाला राज्य रहा। इसके बाद गुजरात (22.50 लाख) और उत्तर प्रदेश (20.43 लाख) का स्थान था।

सबसे कम महिला ITR फाइल करने वाले क्षेत्र

भारत के छोटे-छोटे क्षेत्रों में महिला आईटीआर फाइल करने की संख्या बहुत कम है। सबसे कम महिला आईटीआर फाइलर्स वाले क्षेत्रों में लद्दाख (205), लक्षद्वीप (1,125) और मिज़ोरम (2,090) रहे। हालांकि लद्दाख में महिला आईटीआर फाइलिंग में सबसे बड़ी वृद्धि देखने को मिली। आकलन वर्ष 2019-20 में यहां सिर्फ 30 महिला आईटीआर फाइलर्स थीं जो आकलन वर्ष 2023-24 में बढ़कर 205 हो गईं।

मिजोरम में भी दोगुनी वृद्धि

मिज़ोरम में महिला आईटीआर फाइल करने वालों की संख्या आकलन वर्ष 2019-20 में 1,068 थी जो आकलन वर्ष 2023-24 में बढ़कर 2,090 हो गई। इसका मतलब है कि मिजोरम में इस अवधि में महिला आईटीआर फाइल करने वालों की संख्या दोगुनी हो गई है।

चंडीगढ़ में गिरावट

वहीं चंडीगढ़ ऐसा एकमात्र क्षेत्र है जहां महिला आईटीआर फाइल करने वालों की संख्या घटी है। आकलन वर्ष 2019-20 में यहां 89,873 महिलाएं आईटीआर फाइल कर रही थीं, जो आकलन वर्ष 2023-24 में घटकर 88,115 हो गईं।

महिलाओं का बढ़ता आयकर अनुपालन

महिलाओं की बढ़ती संख्या से यह साफ है कि देश में आयकर रिटर्न दाखिल करने के प्रति जागरूकता बढ़ रही है। इससे न सिर्फ सरकार को ज्यादा टैक्स रेवेन्यू मिलता है, बल्कि यह वित्तीय पारदर्शिता और बेहतर कर अनुपालन का भी संकेत है।

क्या है आईटीआर?

आईटीआर (आयकर रिटर्न) एक ऐसा फॉर्म होता है जिसके जरिए व्यक्ति अपनी आय और उस पर चुकाए गए टैक्स का विवरण आयकर विभाग को देता है। इसके जरिए व्यक्ति अपनी टैक्स देनदारी के बारे में जानकारी देता है और यदि उसे कोई रिफंड बनता है तो वह भी प्राप्त कर सकता है।

बता दें कि भारत में महिलाओं की आयकर रिटर्न दाखिल करने की संख्या में वृद्धि यह दर्शाता है कि देश में कर अनुपालन की संस्कृति मजबूत हो रही है। अब महिलाएं भी अपने वित्तीय मामलों को अधिक जिम्मेदारी से संभाल रही हैं और टैक्स नियमों का पालन कर रही हैं।

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