प्रोटीन पाउडर खाने वालों के लिए आई बड़ी खबर

Edited By Rahul Singh,Updated: 29 Jun, 2024 10:32 AM

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अगर आप प्रोटीन पाउडर खाने के शौकीन हैं तो यह खबर आपके लिए है। दरअसल,सरकार अधिकृत मेडिकल प्रमाणपत्रों के बिना या भ्रामक लेबलिंग दावों के साथ प्रोटीन सप्लीमेंट्स, पाउडर और शेक की धड़ल्ले से हो रही बिक्री पर लगाम लगाने के लिए तैयार है।

नई दिल्ली : अगर आप प्रोटीन पाउडर खाने के शौकीन हैं तो यह खबर आपके लिए है। दरअसल,सरकार अधिकृत मेडिकल प्रमाणपत्रों के बिना या भ्रामक लेबलिंग दावों के साथ प्रोटीन सप्लीमेंट्स, पाउडर और शेक की धड़ल्ले से हो रही बिक्री पर लगाम लगाने के लिए तैयार है।

झूठे और भ्रामक दावों के साथ बेचे जा रहे प्रोटीन

भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) प्रोटीन सप्लीमेंट्स पर सख्त नियम जारी करने के लिए तैयार है, क्योंकि एक अध्ययन किया है जिसमें पता चला है कि दर्जनों प्रोटीन पाउडर और सप्लीमेंट्स स्टोर शेल्फ, जिम और ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर झूठे और भ्रामक दावों के साथ बेचे जा रहे हैं।

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FSSAI के एक अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर कहा, "बाजार में बहुत सारे प्रोटीन उत्पाद हैं जो फायदेमंद से ज्यादा हानिकारक हैं। इसका उद्देश्य सख्त नियम बनाना है ताकि लोगों के स्वास्थ्य को कोई नुकसान न हो।" जानकार लोगों के अनुसार, इस कार्रवाई से ऐसे कई उत्पादों की बिक्री पर प्रतिबंध लग सकता है जो नए नियमों को पूरा नहीं करते हैं। मैक्स हेल्थकेयर के एंडोक्रिनोलॉजी और डायबिटीज के चेयरमैन डॉ. अंबरीश मिथल ने कहा, "प्रोटीन उत्पादों पर गलत लेबलिंग बहुत आम है और यह बहुत बड़ी चिंता का विषय है। इसके अलावा, ऐसे उत्पादों में क्या शामिल है? हमें नहीं पता। अगर किसी का नियमित आहार प्रोटीन की जरूरतों को पूरा नहीं करता है, तो वह प्रोटीन सप्लीमेंट ले सकता है, लेकिन सीमित मात्रा में और नियमन और चिकित्सा मार्गदर्शन के तहत।" 

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प्रोटीन सप्लीमेंट का जिक्र करते हुए स्नैपडील और टाइटन कैपिटल के सह-संस्थापक कुणाल बहल ने 12 अप्रैल को एक्स पर एक पोस्ट में कहा था, "मैंने एक बहुत ही प्रसिद्ध घरेलू ब्रांड का इस्तेमाल किया, यह मानकर कि यह सुरक्षित होगा। 6-8 सप्ताह के भीतर इसने मेरे लिए गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं पैदा कर दीं। शुक्र है कि जब मैंने इसे लेना बंद किया तो स्वास्थ्य की स्थिति ठीक हो गया। कृपया बहुत सावधान रहें।" 

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2023 में सालाना बिक्री में 33,028.5 करोड़ रुपये तक बढ़ गई

फिटनेस के बारे में बढ़ती जागरूकता के कारण बाजार में बहुत सारे महंगे प्रोटीन सप्लीमेंट्स उपलब्ध हो गए हैं और इस मांग को भुनाने के लिए कई निर्माता आगे आ रहे हैं। हेल्थकार्ट और अमेजन जैसे ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर "हाई परफॉरमेंस" प्रोटीन पाउडर के 2-3 किलो के जार 2,000-6,800 रुपये में बिक रहे हैं। मसलब्लेज बायोजाइम परफॉरमेंस, ओएन (ऑप्टिमम न्यूट्रिशन) गोल्ड स्टैंडर्ड, मायफिटफ्यूल, न्यूट्राबेगोल्ड और एटम व्हे प्रोटीन इन प्लेटफॉर्म पर सबसे ज्यादा लिस्ट किए गए प्रोटीन पाउडर में से हैं। इंटरनेशनल मार्केट एनालिसिस रिसर्च एंड कंसल्टिंग (IMARC) ग्रुप के अनुसार, भारत का प्रोटीन-आधारित उत्पादों का बाजार 2023 में सालाना बिक्री में 33,028.5 करोड़ रुपये तक बढ़ गई, जो फार्मेसियों, जिम, सामान्य व्यापार स्टोर और ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर ऐसे उत्पादों की बढ़ती बिक्री से प्रेरित है। रिसर्च कंसल्टेंसी, जिसका नोएडा, अमेरिका और लंदन में कार्यालय हैं, ने 2024 और 2032 के बीच प्रोटीन-आधारित उत्पादों की बिक्री में 15.8% की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि का अनुमान लगाया है, जो 1,28,460.5 करोड़ रुपये है।

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