Edited By Radhika,Updated: 13 Feb, 2025 06:25 PM

इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने महाकुंभ में 29 जनवरी को हुई भगदड़ के दौरान लापता हुए सभी लोगों का विवरण एकत्रित करने के लिए न्यायिक निगरानी समिति के गठन की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई के लिए 19 फरवरी की तिथि बृहस्पतिवार को तय की।
नेशनल डेस्क : इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने महाकुंभ में 29 जनवरी को हुई भगदड़ के दौरान लापता हुए सभी लोगों का विवरण एकत्रित करने के लिए न्यायिक निगरानी समिति के गठन की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई के लिए 19 फरवरी की तिथि बृहस्पतिवार को तय की। प्रयागराज जिले के सुरेश चंद्र पांडेय की इस याचिका पर मुख्य न्यायाधीश अरुण भंसाली और न्यायमूर्ति क्षितिज शैलेंद्र की पीठ ने याचिकाकर्ता को याचिका में लगाये गये आरोपों के समर्थन में सामग्री रिकॉर्ड में दर्ज कराने का निर्देश देते हुए अगली सुनवाई की तिथि 19 फरवरी तय की।
इस जनहित याचिका में याचिकाकर्ता ने उन समाचार रिपोर्ट का संदर्भ दिया है जिनमें कहा गया है कि भगदड़ में मारे गए लोगों के शव दयनीय स्थिति में रखे गए हैं। याचिकाकर्ता ने कहा है कि शवों को कथित तौर पर जमीन पर बोरे में लपेटकर रखा गया है और ‘रेफ्रिजरेशन' की व्यवस्था नहीं होने से शव सड़ गल रहे हैं। इस जनहित याचिका से एक दिन पूर्व उच्चतम न्यायालय ने तीन फरवरी को उत्तर प्रदेश सरकार के अधिकारियों के खिलाफ जनहित याचिका पर सुनवाई करने से यह कहते हुए इनकार कर दिया था कि याचिकाकर्ता इलाहाबाद उच्च न्यायालय से संपर्क करे। उत्तर प्रदेश सरकार ने 29 जनवरी को हुई भगदड़ की घटना की जांच के लिए इलाहाबाद उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश हर्ष कुमार की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय एक न्यायिक आयोग गठित किया है। आयोग ने इस घटना के संबंध में लोगों से सूचना उपलब्ध कराने को कहा है।