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बड़ी खबर: सिखों की अमेरिका से भारत भेजने से पहले उतरवाई पगड़ी!, पंजाब में मचा सियासी हंगामा

Edited By Ashutosh Chaubey,Updated: 17 Feb, 2025 03:39 PM

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अमृतसर हवाई अड्डे पर एक विवादित घटना ने सिख समुदाय में गहरा आक्रोश पैदा कर दिया है। अमेरिका से भारत भेजे गए सिख निर्वासितों को जब उनकी पगड़ी उतारने के लिए कहा गया, तो यह मामला एक बड़े राजनीतिक और धार्मिक विवाद का रूप ले लिया। शिरोमणि गुरुद्वारा...

नेशनल डेस्क: अमृतसर हवाई अड्डे पर एक विवादित घटना ने सिख समुदाय में गहरा आक्रोश पैदा कर दिया है। अमेरिका से भारत भेजे गए सिख निर्वासितों को जब उनकी पगड़ी उतारने के लिए कहा गया, तो यह मामला एक बड़े राजनीतिक और धार्मिक विवाद का रूप ले लिया। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) और शिरोमणि अकाली दल (एसएडी) के नेताओं ने इस घटना की कड़ी निंदा की है और अमेरिकी अधिकारियों के इस कदम को सिखों के धार्मिक अधिकारों का उल्लंघन करार दिया है।

अमृतसर हवाई अड्डे पर जब अमेरिका से डिपोर्ट किए गए सिख निर्वासितों ने आव्रजन औपचारिकताएं पूरी कीं, तो सोशल मीडिया पर कुछ वीडियो वायरल हुए। इन वीडियो में सिख निर्वासितों को बिना पगड़ी के देखा गया, जो सिख धर्म का एक अहम प्रतीक है। इस घटना ने सिख समुदाय में आक्रोश पैदा किया और लोगों ने इसे उनके धार्मिक पहचान और अधिकारों का उल्लंघन माना।
 

एसजीपीसी की कड़ी प्रतिक्रिया

इस घटना के बाद शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) ने अमेरिकी अधिकारियों की कड़ी आलोचना की। एसजीपीसी के पूर्व महासचिव गुरचरण सिंह ग्रेवाल ने कहा, "यह अत्यंत निंदनीय है कि सिख निर्वासितों को बिना पगड़ी के निर्वासित किया गया। यह सिख धर्म के प्रति एक अपमान है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ अपनी आगामी बैठक में इस मुद्दे को उठाना चाहिए था। अगर भारतीय सरकार ऐसा नहीं करती है, तो एसजीपीसी इस मुद्दे को अमेरिकी सरकार के समक्ष उठाएगी।" इसके साथ ही एसजीपीसी ने तुरंत कदम उठाते हुए निर्वासितों को पगड़ी प्रदान की, ताकि वे अपने धार्मिक पहचान के साथ रह सकें। इस घटना को लेकर सोशल मीडिया पर गुस्सा बढ़ता जा रहा है और सिख समुदाय इसे अपने धार्मिक अधिकारों पर हमला मान रहा है।

अकाली दल की प्रतिक्रिया

इस मुद्दे पर शिरोमणि अकाली दल (एसएडी) के नेता बिक्रम सिंह मजीठिया ने भी तीव्र प्रतिक्रिया दी। उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए कहा, "भगवंत मान और उनके मंत्री अमेरिका से युवाओं के निर्वासन पर दिखावटी खेल खेल रहे हैं, लेकिन चौंकाने वाली और शर्मनाक बात यह है कि वे सिख युवाओं को बिना पगड़ी के लाने पर चुप हैं। इस बड़े मुद्दे पर एक भी शब्द नहीं बोला गया।" मजीठिया ने इस घटना पर विदेश मंत्रालय से अपील की कि इसे तुरंत अमेरिकी अधिकारियों के समक्ष उठाया जाए ताकि भविष्य में इस प्रकार की घटनाएं न हों। 

 

 

यह मामला अब सियासी रूप ले चुका है। जहां एक ओर एसजीपीसी और अकाली दल के नेता इसे सिख धर्म के अधिकारों का उल्लंघन मान रहे हैं, वहीं दूसरी ओर यह सवाल उठ रहा है कि भारतीय सरकार इस मुद्दे पर चुप क्यों है। यह घटनाक्रम पंजाब में भी चर्चा का विषय बन चुका है, और लोग यह जानना चाहते हैं कि भारत सरकार ने इस मामले में कोई ठोस कदम क्यों नहीं उठाया।

अमेरिकी अधिकारियों का कदम

अमेरिकी अधिकारियों की ओर से अभी तक इस मामले पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। हालांकि, यह मामला पूरी दुनिया में सिख समुदाय के अधिकारों के प्रति संवेदनशीलता को लेकर सवाल खड़ा कर रहा है। सिख समुदाय के धार्मिक प्रतीक, जैसे पगड़ी, उनके लिए बहुत महत्व रखते हैं और यह उन्हें सम्मान की पहचान के रूप में देखा जाता है।

 

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