Edited By Mahima,Updated: 08 Mar, 2025 11:17 AM

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत के साथ टैरिफ में कटौती पर सहमति की पुष्टि की। उनका कहना था कि भारत ने यह कदम अमेरिका के व्यापारिक दबावों के कारण उठाया है। अमेरिका अब पारस्परिक टैरिफ लागू करेगा। भारत को अपने टैरिफ में व्यापक कटौती करनी होगी...
नेशनल डेस्क: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार को दावा किया कि भारत ने अमेरिकी उत्पादों पर टैरिफ में कटौती करने पर सहमति जताई है। ट्रंप ने इसे अपने प्रशासन की कड़ी मेहनत और व्यापार में असमानताओं को उजागर करने की रणनीति की सफलता बताया। उनका कहना था कि भारत ने यह कदम इसलिये उठाया, क्योंकि अब कोई उनके व्यापारिक नीतियों को सामने ला रहा है। ट्रंप ने अपनी बात को और स्पष्ट करते हुए कहा कि भारत, जो पहले अमेरिकी उत्पादों पर बहुत अधिक टैरिफ लगाता था, अब उस नीति में बदलाव करने के लिए तैयार हो गया है।
ट्रंप का यह बयान भारत के खिलाफ अमेरिकी प्रशासन द्वारा पारस्परिक टैरिफ (Reciprocal Tariff) लागू करने की घोषणा के कुछ दिन बाद आया। अमेरिका ने 2 अप्रैल से भारत के आयातों पर पारस्परिक टैरिफ लगाने की बात कही है। ट्रंप का यह दावा था कि भारत अपने व्यापारिक नीतियों के कारण अमेरिकी कंपनियों को भारी नुकसान पहुंचा रहा है, और यह कदम अमेरिका की ओर से उस नुकसान की भरपाई करने के लिए उठाया गया है।
भारत हमसे बहुत अधिक टैरिफ वसूलता है
ट्रंप ने कहा, "भारत हमसे बहुत अधिक टैरिफ वसूलता है। आप भारत में कुछ भी नहीं बेच सकते। अब, भारत सहमत हो गया है और वह अपने टैरिफ में कटौती करना चाहता है, क्योंकि अब कोई ऐसा है, जो उनकी पोल खोल रहा है।" ट्रंप ने यह भी कहा कि भारत ने अमेरिकी उत्पादों पर बहुत अधिक टैरिफ लगाकर अमेरिका के व्यापार को नुकसान पहुँचाया है, और यही कारण है कि अब उसे अपने नीतियों में बदलाव लाने के लिए मजबूर किया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि चीन का औसत टैरिफ अमेरिकी उत्पादों पर दोगुना है, जबकि दक्षिण कोरिया का औसत टैरिफ चार गुना अधिक है। उनका यह बयान इस बात को प्रमाणित करता है कि अमेरिका अपने व्यापारिक रिश्तों में बदलाव करने के लिए गंभीर है और अब वह ऐसे देशों से उसी तरह का व्यवहार करेगा जैसा वे अमेरिका से करते हैं।
2 अप्रैल से पारस्परिक टैरिफ लगाने की योजना
अमेरिका ने 2 अप्रैल से पारस्परिक टैरिफ लगाने की योजना बनाई है, जिसका मतलब है कि अगर भारत अमेरिकी उत्पादों पर टैक्स लगाएगा, तो अमेरिका भी भारतीय सामानों पर वैसा ही टैक्स लगाएगा। ट्रंप ने अमेरिकी संसद में कहा कि उनका यह कदम उन देशों के खिलाफ है जो अमेरिकी उत्पादों पर अधिक टैक्स लगाते हैं और अमेरिकी कंपनियों को नुकसान पहुंचाते हैं। ट्रंप ने मजाकिया अंदाज में यह भी कहा कि 1 अप्रैल से पारस्परिक टैरिफ लागू नहीं होंगे, क्योंकि वह अप्रैल फूल डे के दिन लागू नहीं करना चाहते थे।
भारत पर व्यापार नीतियों का दबाव
अमेरिकी वाणिज्य सचिव हॉवर्ड लटनिक ने इंडिया टुडे कॉन्क्लेव 2025 में कहा कि भारत को अपने टैरिफ में व्यापक कटौती करनी होगी, ताकि अमेरिकी उत्पाद भारतीय बाजार में समान रूप से प्रवेश कर सकें। लटनिक ने यह भी कहा कि केवल कुछ विशेष उत्पादों, जैसे कि व्हिस्की और हार्ले डेविडसन बाइक पर टैरिफ कम करने से काम नहीं चलेगा, बल्कि भारत को बड़े स्तर पर टैरिफ में कटौती करनी होगी। उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय बाजार में कृषि उत्पादों को लेकर व्यापारिक खुलापन लाना बहुत जरूरी है। उनका मानना है कि अगर भारत अपने टैरिफ में कम से कम कुछ प्रमुख बदलाव करता है, तो अमेरिका और भारत के बीच व्यापारिक रिश्ते समान स्तर पर आ सकते हैं।
भारत की कंपनियों की रणनीतियाँ
ट्रंप के बयान और अमेरिका के द्वारा पारस्परिक टैरिफ लागू करने की घोषणा के बाद, भारत की कई कंपनियां, खासकर ऑटो पार्ट्स, कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स, ज्वेलरी और कपड़े बनाने वाली कंपनियां, अब अमेरिकी व्यापारिक साझेदारों के साथ अपने व्यापारिक जोखिम को कम करने के लिए रणनीतियाँ बना रही हैं। इन कंपनियों का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि अमेरिका के साथ व्यापार में कोई विघ्न न आए और निरंतरता बनी रहे।
भारत-अमेरिका व्यापार में बदलाव की आवश्यकता
लटनिक ने कहा कि अमेरिका अब अपनी नीति में बदलाव कर रहा है। पहले, अमेरिका भारत पर टैरिफ नहीं लगाता था, लेकिन अब अमेरिका भी उन देशों के साथ समान नीति अपनाएगा, जो अपने बाजारों में अमेरिकी उत्पादों पर अधिक टैक्स लगाते हैं। अंत में, ट्रंप और लटनिक दोनों ने भारत से यह अपील की है कि वह अपने व्यापारिक नीतियों में व्यापक बदलाव करें, ताकि दोनों देशों के बीच व्यापार समान स्तर पर और निष्पक्ष तरीके से हो सके।