Edited By Rahul Rana,Updated: 29 Nov, 2024 09:16 AM
टी-सीरीज के मालिक भूषण कुमार की कजिन और अभिनेता कृष्ण कुमार की बेटी तिशा कुमार का निधन महज 20 साल की उम्र में हो गया था जिसने उनके परिवार को गहरे शोक में डाल दिया। तिशा की मौत को लेकर पहले कई खबरों में दावा किया गया था कि वह कैंसर से पीड़ित थीं...
नेशनल डेस्क। टी-सीरीज के मालिक भूषण कुमार की कजिन और अभिनेता कृष्ण कुमार की बेटी तिशा कुमार का निधन महज 20 साल की उम्र में हो गया था जिसने उनके परिवार को गहरे शोक में डाल दिया। तिशा की मौत को लेकर पहले कई खबरों में दावा किया गया था कि वह कैंसर से पीड़ित थीं लेकिन अब उनकी मां तान्या सिंह ने इस पर खुलासा किया है। तान्या ने बताया कि उनकी बेटी की मौत कैंसर से नहीं बल्कि मेडिकल स्टाफ की लापरवाही के कारण हुई थी।
तान्या सिंह ने किया इमोशनल पोस्ट
तान्या सिंह ने इंस्टाग्राम पर तिशा के बारे में एक इमोशनल पोस्ट शेयर किया जिसमें उन्होंने पहली बार यह पुष्टि की कि तिशा की मौत कैंसर के कारण नहीं बल्कि मेडिकल लापरवाही के चलते हुई थी। तान्या ने अपनी बेटी के हौसले और जज्बे की तारीफ करते हुए बताया कि तिशा हमेशा अपनी बीमारी के बावजूद बहादुरी से लड़ी और उसने कभी डर को अपने ऊपर हावी नहीं होने दिया। उन्होंने यह भी कहा कि तिशा चाहती थी कि सभी लोग खासकर युवा मेडिकल निदान और समस्याओं से डरने के बजाय अपने शरीर की इम्युनिटी पर भरोसा रखें।
मां ने क्या लिखा पोस्ट में?
तान्या ने अपनी पोस्ट में लिखा- "कई लोग मुझसे पूछ रहे हैं कि क्या हुआ मैं आपको बताना चाहती हूं। सच एक ऐसी चीज है जो हर किसी के नजरिए पर निर्भर करती है। जब किसी निर्दोष आत्मा के साथ किसी और के बुरे कर्मों के कारण अन्याय होता है तो चीजें उलझन भरी और मुश्किल हो जाती हैं लेकिन अंत में कोई भी अपने कर्मों के नतीजों से बच नहीं सकता।" उन्होंने यह भी कहा कि कभी-कभी किसी और के बुरे कर्मों के कारण पूरी जिंदगी खत्म हो जाती है और यह नहीं मायने रखता कि लोग इस बारे में क्या सोचते हैं। सच आखिरकार सामने आता है।
तान्या का संदेश और तिशा का संघर्ष
तान्या ने अपनी बेटी तिशा के संघर्ष को भी याद किया। उन्होंने लिखा, "तिशा ने कभी भी डर को स्वीकार नहीं किया। वह सबसे बहादुर 20 साल की लड़की थी जिसने अपनी जिंदगी को शांति और डर से मुक्त तरीके से जी।" तान्या ने यह भी कहा कि तिशा का मानना था कि मेडिकल निदान और समस्याओं से डरने की बजाय इम्युनिटी को मजबूत करना चाहिए। तिशा ने अपनी जिंदगी के अनुभवों से यह सिखाया कि कैसे गलत निदान और कीमोथेरेपी के साइड इफेक्ट्स से जूझते हुए बायोमेडिसिन के जरिए जीवन को सुधार सकते हैं।
कैंसर नहीं, वैक्सीनेशन की वजह से हुआ था ऑटोइम्यून समस्या
तान्या ने आगे बताया कि उनकी बेटी को शुरू में कैंसर नहीं था। 15 साल की उम्र में तिशा को एक वैक्सीनेशन मिली थी जिसके बाद उसे एक ऑटोइम्यून समस्या हो गई। इसका इलाज गलत तरीके से किया गया था। तान्या ने माता-पिता को सलाह दी कि अगर उनके बच्चे में सिर्फ "लिंफ नोड्स की सूजन" हो तो पहले दूसरे और तीसरे राय जरूर लें इससे पहले कि वह "बोन-मैरो टेस्ट" या "बायोप्सी" कराएं। लिंफ नोड्स शरीर के रक्षात्मक अंग होते हैं और ये भावनात्मक कारणों से भी सूज सकते हैं।
तान्या ने यह भी कहा कि वह हर दिन प्रार्थना करती हैं कि कोई भी बच्चा इस निर्दयी मेडिकल जाल का शिकार न हो। वहीं तान्या ने अपनी बेटी के निधन के कारण और मेडिकल लापरवाही को लेकर गंभीर सवाल उठाए हैं। उनकी बातों से यह स्पष्ट है कि तिशा की मौत को लेकर कई पहलुओं पर ध्यान देने की जरूरत है खासकर मेडिकल प्रक्रिया में सावधानी बरतने की।