Edited By Mahima,Updated: 19 Aug, 2024 11:13 AM
कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में 9 अगस्त 2024 को एक पोस्ट ग्रेजुएट ट्रेनी डॉक्टर की हत्या के बाद देशभर में आक्रोश फैल गया है। इस डॉक्टर के शव की पोस्टमार्टम रिपोर्ट सामने आई है, जिसने इस बर्बर अपराध के गंभीर पहलुओं को उजागर किया है।
नेशनल डेस्क: कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में 9 अगस्त 2024 को एक पोस्ट ग्रेजुएट ट्रेनी डॉक्टर की हत्या के बाद देशभर में आक्रोश फैल गया है। इस डॉक्टर के शव की पोस्टमार्टम रिपोर्ट सामने आई है, जिसने इस बर्बर अपराध के गंभीर पहलुओं को उजागर किया है।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में क्या आया सामने?
पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार, मृतक डॉक्टर के शरीर पर 14 से अधिक चोट के निशान मिले हैं। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि शरीर पर किसी भी प्रकार का फ्रैक्चर नहीं पाया गया है। रिपोर्ट में सिर, गाल, होंठ, नाक, जबड़ा, ठुड्डी, गर्दन, हाथ, कंधे, घुटने, टखने और प्राइवेट पार्ट्स पर चोट के निशान दर्ज किए गए हैं। बाहरी और आंतरिक जननांगों का वजन 151 ग्राम पाया गया। रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि शरीर के कई हिस्सों में खून के थक्के जमने के साथ फेफड़ों में रक्तस्राव देखा गया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार, पीड़िता के शरीर पर और प्राइवेट पार्ट्स में लगी सभी चोटें उसकी मृत्यु से पहले की हैं। मेडिकल ऑफिसर ने बताया कि पीड़िता की मौत गला घोंटने के कारण हुई थी और प्राइवेट पार्ट्स में बलात्कारी प्रवेश के चिकित्सीय साक्ष्य मिले हैं। रिपोर्ट में यौन उत्पीड़न की संभावना का भी जिक्र किया गया है।
पोस्ट ग्रेजुएट ट्रेनी डॉक्टर के साथ हुई बर्बरता
इस जघन्य अपराध पर सुप्रीम कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया है। 20 अगस्त को चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ इस मामले की सुनवाई करेगी। हालांकि यह केस सुनवाई के लिए तय मुकदमों की सूची में 66वें नंबर पर है, लेकिन विशेष उल्लेख किया गया है कि पीठ इसे प्राथमिकता पर सुनेगी। 17 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट के समक्ष इस मुद्दे पर एक याचिका दायर की गई थी, जिसमें पोस्ट ग्रेजुएट ट्रेनी डॉक्टर के साथ हुई बर्बरता का स्वत: संज्ञान लेने का आग्रह किया गया था।
देशभर के अस्पतालों में डॉक्टरों ने की हड़ताल
इस बीच, देशभर के अस्पतालों में डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ के बीच आक्रोश की लहर है। दिल्ली एम्स के रेजिडेंट डॉक्टरों ने कोलकाता में ट्रेनी डॉक्टर की हत्या के विरोध में 12 अगस्त से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का ऐलान किया है। वे OPD और वार्ड सेवाओं सहित सभी वैकल्पिक और नॉन-इमरजेंसी सेवाओं को निलंबित कर रहे हैं। दिल्ली एम्स के डॉक्टरों ने सुबह 11 बजे से मरीजों को लगभग 36 प्रकार की मुफ्त वैकल्पिक OPD सेवाएं देने का निर्णय लिया है।
सुरक्षा के लिए केंद्रीय कानून बनाने की अपील
प्रदर्शनकारी डॉक्टर पीड़िता के लिए न्याय और चिकित्सा कर्मियों के लिए सुरक्षा अधिनियम की मांग कर रहे हैं। एम्स के रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखकर स्वास्थ्य कर्मियों और चिकित्सा संस्थानों की सुरक्षा के लिए एक केंद्रीय कानून बनाने की अपील की है। कोलकाता की घटना के बाद, पद्म पुरस्कार विजेता डॉक्टरों के एक समूह ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से तत्काल हस्तक्षेप की अपील की है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने पिछले हफ्ते कहा था कि वह मेडिकल प्रोफेशनल्स की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक समिति बनाएगा।
चिकित्सा कर्मियों की सुरक्षा को प्राथमिकता
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने 17 अगस्त को आश्वासन दिया कि वह मेडिकल प्रोफेशनल्स की सुरक्षा सुनिश्चित करने के उपाय सुझाने के लिए एक समिति बनाएगा। सरकार इस बात को लेकर गंभीर है कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके और चिकित्सा कर्मियों की सुरक्षा को प्राथमिकता दी जा सके। यह मामला न केवल एक जघन्य अपराध की ओर इशारा करता है बल्कि यह भी दिखाता है कि देश में मेडिकल पेशेवरों की सुरक्षा और उनके अधिकारों के प्रति संवेदनशीलता की कितनी जरूरत है।