Edited By Utsav Singh,Updated: 17 Nov, 2024 08:08 PM
मणिपुर में जारी हिंसा को लेकर नेशनल पीपुल्स पार्टी (NPP) ने भाजपा नीत सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया है। यह कदम मणिपुर में चल रही अशांति और मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह की कोशिशों को लेकर उठाया गया है।
नेशनल डेस्क : मणिपुर में जारी हिंसा को लेकर नेशनल पीपुल्स पार्टी (NPP) ने भाजपा नीत सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया है। यह कदम मणिपुर में चल रही अशांति और मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह की कोशिशों को लेकर उठाया गया है।
NPP ने क्यों लिया समर्थन वापस?
नेशनल पीपुल्स पार्टी (NPP) ने मणिपुर में जारी हिंसा को लेकर भा.ज.पा. सरकार पर गंभीर सवाल उठाए हैं। पार्टी का कहना है कि मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह की नीतियों के कारण राज्य में स्थिति बिगड़ी है और हिंसा को रोकने में वे नाकाम साबित हो रहे हैं।
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BJP सरकार को जिम्मेदार ठहराया
NPP ने भाजपा सरकार को राज्य में बढ़ती अशांति के लिए जिम्मेदार ठहराया। उनका आरोप है कि भाजपा के शासन के दौरान राज्य में हालात और बिगड़े हैं और केंद्र और राज्य सरकारों की नाकामियों की वजह से हिंसा और संघर्ष का दौर चलता रहा है।
क्या है मणिपुर की स्थिति?
मणिपुर में इन दिनों जातीय हिंसा और साम्प्रदायिक संघर्ष जारी है, जिसने राज्य में शांति और सामान्य जीवन को प्रभावित किया है। इस हिंसा के कारण कई लोगों की जानें जा चुकी हैं और बड़ी संख्या में लोग घायल हुए हैं। NPP के इस कदम ने भाजपा सरकार को एक बड़ा झटका दिया है, जो पहले से ही मणिपुर में अपनी सत्ता को लेकर संघर्ष कर रही थी।
NPP का भविष्य कदम
एनपीपी के इस निर्णय के बाद मणिपुर में भाजपा सरकार के लिए भविष्य की स्थिति और भी मुश्किल हो गई है। एनपीपी का समर्थन वापस लेने से राज्य सरकार को अल्पमत में आने का खतरा है। इसके बाद यह देखना होगा कि भाजपा सरकार इस नई चुनौती से कैसे निपटेगी और मणिपुर में शांति बहाली के लिए क्या कदम उठाएगी।
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BJP सरकार की प्रतिक्रिया
भा.ज.पा. ने NPP के इस फैसले पर अभी तक आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन यह निश्चित रूप से पार्टी के लिए एक बड़ा संकट बन सकता है। भाजपा के नेताओं को मणिपुर में जारी हिंसा के समाधान के लिए प्रभावी कदम उठाने की आवश्यकता है, ताकि राज्य में शांति बहाल हो सके।