Edited By Mahima,Updated: 07 Sep, 2024 12:11 PM
भारत के केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण बयान देते हुए कहा है कि भारत हमेशा शांति का पक्षधर रहा है, लेकिन वर्तमान वैश्विक परिस्थितियों को देखते हुए, उन्होंने सेना कमांडरों को सलाह दी है कि उन्हें युद्ध के लिए सदैव तैयार...
नेशनल डेस्क: भारत के केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण बयान देते हुए कहा है कि भारत हमेशा शांति का पक्षधर रहा है, लेकिन वर्तमान वैश्विक परिस्थितियों को देखते हुए, उन्होंने सेना कमांडरों को सलाह दी है कि उन्हें युद्ध के लिए सदैव तैयार रहना चाहिए।
शांति का संदेश और वर्तमान स्थिति
मीडिया से बातचीत करते हुए राजनाथ सिंह ने कहा, “भारत ने हमेशा शांति का संदेश दिया है और ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ के सिद्धांत को अपनाया है। भारत हमेशा शांति का समर्थन करता आया है, और यह जारी रहेगा। हालांकि, आज के वैश्विक हालात को देखते हुए, मैंने अपने आर्मी कमांडर्स से कहा है कि हमें युद्ध के लिए हमेशा तैयार रहना चाहिए। इसका उद्देश्य है कि किसी भी हालात में हमारी शांति भंग न हो सके।”
यह भी पढ़ें : बारिश से मची तबाही, 170 बच्चों समेत 337 लोगों की मौत, 5 हजार से ज्यादा लोग बेघर
आर्मी कमांडरों के सम्मेलन में प्रमुख बातें
गुरुवार को लखनऊ में आयोजित आर्मी कमांडरों के सम्मेलन में, राजनाथ सिंह ने वैश्विक संघर्षों जैसे रूस-यूक्रेन युद्ध, इजरायल-हमास विवाद और बांग्लादेश की मौजूदा स्थिति का उल्लेख किया। उन्होंने कमांडरों से इन घटनाओं का गहराई से विश्लेषण करने की अपील की और भविष्य में संभावित चुनौतियों का पूर्वानुमान लगाने की सलाह दी। रक्षा मंत्री ने उत्तरी सीमा पर सुरक्षा स्थिति और पड़ोसी देशों में हो रही घटनाओं के बारे में सतर्क रहने की आवश्यकता पर जोर दिया।
यह भी पढ़ें : Public Holiday: स्कूल-कॉलेज, बैंक और सरकारी दफ्तर दो दिन रहेंगे बंद, जानिए क्या है वजह
भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार
राजनाथ सिंह ने कहा, “वैश्विक अस्थिरता के बावजूद, भारत शांति और विकास की दिशा में आगे बढ़ रहा है। लेकिन बढ़ती चुनौतियों को देखते हुए हमें सतर्क रहने की जरूरत है। हमे वर्तमान की गतिविधियों पर ध्यान केंद्रित करना होगा और भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार रहना होगा। इसके लिए एक मजबूत और सुदृढ़ राष्ट्रीय सुरक्षा प्रणाली की आवश्यकता है। हमारे पास अचूक प्रतिरोधक क्षमता होनी चाहिए।”
युद्ध की दिशा कर सकती है तय
रक्षा मंत्री ने अंतरिक्ष और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध की क्षमताओं के विकास की आवश्यकता पर भी बल दिया। उन्होंने आर्मी कमांडरों से डेटा और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के क्षेत्र में नवीनतम तकनीकी प्रगति को अपनाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा, “ये तकनीकी घटक सीधे संघर्ष में भाग नहीं लेते, लेकिन उनकी अप्रत्यक्ष भागीदारी युद्ध की दिशा तय कर सकती है।”