Edited By Mahima,Updated: 30 Oct, 2024 12:26 PM
बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने दिवाली पर पटाखों को लेकर चिंता जताने वालों को बकरी ईद पर ध्यान देने का सुझाव दिया। उन्होंने बकरी ईद के दौरान होने वाली बकरी की हत्या को लेकर कानून बनाने की मांग की। शास्त्री ने कहा कि हिंदू...
नेशनल डेस्क: बागेश्वर धाम के प्रमुख, पंडित धीरेंद्र शास्त्री, अपने विवादास्पद बयानों के लिए जाने जाते हैं। हाल ही में, उन्होंने दिवाली पर पटाखों को लेकर एक बयान दिया है, जिससे वह एक बार फिर चर्चा में आए हैं। उनका यह बयान इस संदर्भ में महत्वपूर्ण है कि उन्होंने दीवाली के त्योहार को लेकर उठाए जा रहे सवालों का जवाब दिया है और बकरी ईद पर होने वाली गतिविधियों पर भी तीखी प्रतिक्रिया दी है।
दिवाली और पटाखों पर आपत्ति
धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि दिवाली के अवसर पर कुछ लोग पटाखों के जलाने को लेकर चिंतित होते हैं और इसके कारण प्रदूषण बढ़ने की बात करते हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे लोग दीप जलाने के लिए तेल और घी की बर्बादी की चिंता भी जताते हैं। उन्होंने इन चिंताओं का मजाक उड़ाते हुए कहा कि यह ज्ञान दिवाली पर नहीं, बल्कि बकरी ईद पर देना चाहिए। उनका मानना है कि बकरी ईद के दौरान लाखों बकरों की हत्या होती है, और इस पर कोई चर्चा नहीं होती।
बकरी ईद पर विचार
पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने यह सुझाव दिया कि बकरी ईद को समाप्त करने के लिए एक कानून बनाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस दिन जो पैसे खर्च होते हैं, उन्हें गरीबों में बांटने से समाज का भला होगा। उनका यह विचार सामाजिक और धार्मिक मुद्दों पर गहन सोच को दर्शाता है, और यह स्पष्ट करता है कि वह एक समावेशी और संवेदनशील समाज की ओर अग्रसर होना चाहते हैं।
दोगले रवैये की आलोचना
शास्त्री ने यह भी कहा कि जब भी कोई हिंदू त्योहार आता है, तब उस पर बयानबाजी होती है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि होली के समय पानी की बर्बादी को लेकर कई टिप्पणियाँ की जाती हैं, जबकि बकरी ईद पर बकरों की हत्या पर कोई आवाज़ नहीं उठाता। उनका कहना था कि यह दोगला रवैया समाज में असमानता और भेदभाव को बढ़ावा देता है। उन्होंने कहा कि जब पूरी दुनिया नए साल के अवसर पर पटाखे जलाती है, तब किसी को कोई परेशानी नहीं होती, लेकिन हिंदू त्योहारों पर इसे गलत ठहराया जाता है।
मजाकिया अंदाज में चेतावनी
पंडित शास्त्री ने अपने बयान को एक मजाकिया अंदाज में भी पेश किया। उन्होंने कहा कि उन्होंने सुतली बम खरीद लिए हैं, और अगर कोई व्यक्ति दिवाली पर उन्हें ज्ञान देने की कोशिश करेगा, तो वह उसके मुंह में पटाखा रखकर उसे फोड़ देंगे। इस टिप्पणी ने उनके व्यक्तित्व के चुलबुले और बेबाक स्वभाव को उजागर किया। पंडित धीरेंद्र शास्त्री का यह बयान न केवल दिवाली के त्योहार पर हो रहे विवादों को लेकर एक नया दृष्टिकोण प्रस्तुत करता है, बल्कि बकरी ईद जैसे धार्मिक पर्व पर भी गंभीरता से विचार करने का आग्रह करता है। उनका बयान यह दिखाता है कि वे सामाजिक असमानताओं और धार्मिक भेदभाव के खिलाफ खड़े हैं। उनके विचारों ने एक बार फिर से समाज में चर्चा को जन्म दिया है, और यह देखने योग्य होगा कि इस पर प्रतिक्रिया किस प्रकार आती है। शास्त्री का यह स्पष्ट संदेश है कि हमें एक समरस और समर्पित समाज के लिए मिलकर काम करना चाहिए।