Edited By Rohini Oberoi,Updated: 18 Mar, 2025 07:36 PM

रेल दुर्घटनाओं की हालिया घटनाओं के बाद विपक्ष की तरफ से किए गए हमलों के बीच सोमवार को राज्यसभा में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने महत्वपूर्ण बयान दिया। उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी और लालू प्रसाद के रेल मंत्री रहते हुए औसतन हर दिन एक या दो रेल...
नेशनल डेस्क। रेल दुर्घटनाओं की हालिया घटनाओं के बाद विपक्ष की तरफ से किए गए हमलों के बीच सोमवार को राज्यसभा में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने महत्वपूर्ण बयान दिया। उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी और लालू प्रसाद के रेल मंत्री रहते हुए औसतन हर दिन एक या दो रेल दुर्घटनाएं होती थीं जबकि अब सरकार की नीतियों के कारण यह संख्या कम होकर प्रति वर्ष केवल 30 दुर्घटनाओं तक रह गई है।
पिछले कार्यकालों में कितनी दुर्घटनाएं हुईं?
वैष्णव ने अपनी बात रखते हुए कहा कि जब राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव रेल मंत्री थे (2005-06) तो उस समय कुल 698 दुर्घटनाएं और पटरी से उतरने की घटनाएं हुई थीं। वहीं ममता बनर्जी के रेल मंत्री रहते हुए 395 दुर्घटनाएं और पटरी से उतरने की घटनाएं हुईं। कांग्रेस के मल्लिकार्जुन खड़गे के रेल मंत्री बनने पर यह संख्या 38 तक सीमित हो गई थी।
उन्होंने कहा, "पहले औसतन प्रतिदिन एक दुर्घटना होती थी लेकिन अब यह संख्या घटकर प्रति वर्ष सिर्फ 30 हो गई है। यदि हम 43 रेल दुर्घटनाओं को भी शामिल करें तो कुल दुर्घटनाएं 73 होती हैं यानी पहले जो आंकड़ा करीब 700 था वह अब 80 से भी कम हो गया है जोकि 90% की कमी को दर्शाता है।"
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रेलवे क्षेत्र में सुधार की ओर कदम रेल मंत्री ने कहा कि बिहार के सारण जिले में स्थित मढ़ौरा फैक्ट्री से जल्द ही करीब 100 इंजन निर्यात किए जाएंगे। उन्होंने यह भी बताया कि यह फैक्ट्री पहले निष्क्रिय थी लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सत्ता में आने के बाद इसे चालू किया गया। अब 'मेड इन बिहार' इंजन दुनिया भर के गंतव्यों तक पहुंचेंगे।
रेलवे का वित्तीय प्रदर्शन और भविष्य की योजना वैष्णव ने बताया कि भारतीय रेलवे ने कोविड महामारी के दौरान अपनी कार्यकुशलता को साबित किया है और अब यात्री और माल ढुलाई दोनों में वृद्धि देखी जा रही है। रेलवे की वित्तीय स्थिति अच्छी है और इसे लगातार सुधारने के प्रयास जारी हैं। उन्होंने कहा कि "अच्छे प्रदर्शन के कारण रेलवे अपने खर्चों को अपनी आय से पूरा कर रहा है।"
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उन्होंने यह भी बताया कि एक किलोमीटर यात्रा की लागत लगभग 1.4 रुपये है लेकिन यात्रियों से सिर्फ 73 पैसे लिए जाते हैं। इस साल भारतीय रेलवे ने 1,400 इंजनों का उत्पादन किया है जो अमेरिका और यूरोप के संयुक्त उत्पादन से अधिक है। नॉन-एसी कोच की संख्या बढ़ाने की योजना रेल मंत्री ने जनरल और नॉन-एसी कोच की संख्या घटाने के आरोपों का भी जवाब दिया। उन्होंने कहा कि जनरल कोचों की संख्या एसी कोचों की तुलना में 2.5 गुना बढ़ाई जा रही है। साथ ही मौजूदा उत्पादन योजना के तहत 17,000 नॉन-एसी कोचों का निर्माण किया जाएगा।
वहीं अश्विनी वैष्णव ने राज्यसभा में अपने बयान में रेलवे की सुधरी हुई स्थिति, दुर्घटनाओं में कमी और भविष्य की योजनाओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने यह भी बताया कि रेलवे की वित्तीय स्थिति मजबूत हो रही है और इसे आगे और बेहतर बनाने की कोशिश की जा रही है।