यात्रियों की सहूलियत के लिए रेलवे का बड़ा कदम, 10,000 सामान्य कोच तैयार किए जा रहे हैं - वैष्णव

Edited By Rahul Rana,Updated: 05 Dec, 2024 10:28 AM

big step by railways for the convenience of passengers

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को लोकसभा में भारतीय रेलवे के सुधारों को लेकर कुछ अहम घोषणाएं कीं। उन्होंने बताया कि रेलवे आम यात्रियों को अधिक सहूलियत देने के लिए अपनी ट्रेनें और सेवाएं सुधारने पर जोर दे रहा है। इसके तहत रेलवे जल्द ही अपने...

नॅशनल डेस्क। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को लोकसभा में भारतीय रेलवे के सुधारों को लेकर कुछ अहम घोषणाएं कीं। उन्होंने बताया कि रेलवे आम यात्रियों को अधिक सहूलियत देने के लिए अपनी ट्रेनें और सेवाएं सुधारने पर जोर दे रहा है। इसके तहत रेलवे जल्द ही अपने बेड़े में 10,000 सामान्य कोच जोड़ने की योजना बना रहा है जिनमें से पहले 1,000 कोच दिसंबर 2024 तक जोड़े जाएंगे। यह कदम खासकर उन यात्रियों के लिए उठाया जा रहा है जो एसी कोच की बजाय सामान्य डिब्बों में यात्रा करना पसंद करते हैं।

रेलवे संशोधन विधेयक पेश

लोकसभा में बुधवार को अश्विनी वैष्णव ने रेलवे संशोधन विधेयक पेश किया। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार गरीबों के कल्याण के लिए समर्पित है और रेलवे के विकास के लिए कई योजनाएं बनाईं जा रही हैं। उनके मुताबिक भारतीय रेलवे पुनर्विकास परियोजना के तहत 1,300 रेलवे स्टेशनों का पुनर्निर्माण किया जा रहा है। इस परियोजना को अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत किया जा रहा है जो दुनिया की सबसे बड़ी रेलवे पुनर्निर्माण परियोजना मानी जा रही है।

स्टेशनों का पुनर्निर्माण

रेल मंत्री ने बताया कि इस परियोजना के तहत कई स्टेशनों का पुनर्निर्माण 700-800 करोड़ रुपये की लागत से किया जाएगा जबकि कुछ अन्य स्टेशनों का पुनर्निर्माण 100-200 करोड़ रुपये की लागत से होगा। इसके अलावा रेलवे के नेटवर्क के विस्तार, पटरियों के दोहरीकरण और विद्युतीकरण पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि तकनीक का इस्तेमाल करने से रेल दुर्घटनाओं की संख्या में कमी आई है।

महिलाओं की बढ़ी संख्या

रेल मंत्री ने यह भी बताया कि रेलवे में महिला कर्मचारियों की संख्या 31 मार्च 2024 तक 99,809 हो जाएगी। इनमें से 2,037 महिलाएं लोको पायलट हैं जो रेलवे में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी को दर्शाता है।

टिकटों पर छूट

विपक्ष ने बुजुर्गों और अन्य वर्गों को मिलने वाली सब्सिडी फिर से शुरू करने की मांग की थी जिस पर वैष्णव ने जवाब देते हुए बताया कि रेलवे हर साल 56,993 करोड़ रुपये की सब्सिडी देती है। इसके तहत हर टिकट पर 46 प्रतिशत की छूट दी जाती है। उदाहरण के लिए अगर टिकट की कीमत 100 रुपये है तो रेलवे केवल 54 रुपये ही लेता है। यह सब्सिडी भविष्य में भी जारी रहेगी।

रेलवे बोर्ड का एकीकरण

वहीं रेल मंत्री ने बताया कि सरकार रेलवे अधिनियम 1989 और भारतीय रेलवे बोर्ड अधिनियम को एकीकृत करने की दिशा में काम कर रही है। इस प्रस्तावित रेलवे संशोधन विधेयक के तहत रेलवे बोर्ड अधिनियम को निरस्त किया जाएगा और इसके प्रावधानों को रेलवे अधिनियम में शामिल किया जाएगा।

वैष्णव ने यह भी स्पष्ट किया कि सरकार का उद्देश्य रेलवे का निजीकरण नहीं है बल्कि उसका आधुनिकीकरण करना है। उन्होंने कहा कि रेलवे की शुरुआत लोकनिर्माण विभाग के अंग के रूप में हुई थी लेकिन अब यह देश की यातायात का मुख्य हिस्सा बन चुका है। इस सुधार का उद्देश्य रेलवे की कार्यक्षमता बढ़ाना है।

विपक्ष का विरोध

विपक्ष ने इस कदम पर प्रतिक्रिया देते हुए आरोप लगाया कि सरकार रेलवे का निजीकरण कर रही है जिससे युवाओं के रोजगार के अवसर कम हो जाएंगे। विपक्ष का कहना था कि सरकार आधुनिकीकरण के नाम पर रेलवे को निजी हाथों में बेच रही है। इसके साथ ही कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने वंदे भारत ट्रेनों में परोसे जाने वाले खराब भोजन का मुद्दा उठाया और सरकार से सख्त कार्रवाई की मांग की। उन्होंने वंदे भारत ट्रेन में कीड़े पाए जाने की घटनाओं का उदाहरण भी दिया।

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