Edited By Rahul Rana,Updated: 18 Apr, 2025 12:12 PM
दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने शुक्रवार को राष्ट्रीय राजधानी के सबसे अधिक जलभराव वाले क्षेत्रों में से एक मिंटो ब्रिज अंडरपास का निरीक्षण किया। यह निरीक्षण मानसून से पहले की तैयारियों की समीक्षा के तहत किया गया। मुख्यमंत्री के साथ इस मौके पर...
नेशनल डेस्क: दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने शुक्रवार को राष्ट्रीय राजधानी के सबसे अधिक जलभराव वाले क्षेत्रों में से एक मिंटो ब्रिज अंडरपास का निरीक्षण किया। यह निरीक्षण मानसून से पहले की तैयारियों की समीक्षा के तहत किया गया। मुख्यमंत्री के साथ इस मौके पर लोक निर्माण विभाग के मंत्री प्रवेश वर्मा भी मौजूद रहे।
स्वचालित पंप और नई पाइपलाइन की व्यवस्था:
मुख्यमंत्री ने बताया कि भारी बारिश के समय जलनिकासी की व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए मिंटो ब्रिज पर स्वचालित पंप लगाए गए हैं। इसके साथ ही यहां पर 2.5 किलोमीटर लंबी पाइपलाइन भी बिछाई गई है, जिससे पानी का बहाव तेज़ी से हो सके।
रेखा गुप्ता ने कहा:
"कर्मचारियों को हर समय ड्यूटी पर तैनात रखा जाएगा, ताकि किसी भी आपात स्थिति से तुरंत निपटा जा सके।"
संवेदनशील स्थानों की हुई पहचान, समयबद्ध कार्रवाई का आश्वासन
मुख्यमंत्री ने बताया कि पूरे शहर में उन जगहों की पहचान कर ली गई है, जहां हर साल मानसून के दौरान जलभराव की समस्या होती है। सरकार इन स्थानों पर सुधारात्मक उपाय कर रही है और यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि इस बार हालात काबू में रहें।
उन्होंने कहा कि:
"दिल्ली सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए समयबद्ध तरीके से हर कदम उठाएगी कि इस वर्ष राजधानी में जलभराव की समस्या न हो।"
अन्य प्रमुख स्थानों का भी होगा निरीक्षण:
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने यह भी जानकारी दी कि वह आने वाले दिनों में अन्य प्रमुख जलभराव वाले क्षेत्रों जैसे रिंग रोड स्थित डब्ल्यूएचओ बिल्डिंग के पास, और पुल प्रह्लादपुर अंडरपास का भी निरीक्षण करेंगी। इन इलाकों में हर साल जलभराव की स्थिति गंभीर हो जाती है, जिससे आम जनता को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है।
राजधानी को जलभराव से दिलाने की तैयारी:
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के नेतृत्व में दिल्ली सरकार ने इस वर्ष मानसून से पहले ही व्यापक योजना बनाई है। जलभराव की समस्या को जड़ से खत्म करने के लिए स्वचालित पंप, पाइपलाइन, और कर्मचारियों की तैनाती जैसी व्यवस्थाएं की जा रही हैं। यह देखा जाना बाकी है कि इन प्रयासों का ज़मीनी असर कितना होता है, लेकिन सरकार की मंशा और तैयारी को देखते हुए यह कहा जा सकता है कि इस बार दिल्लीवासी मानसून में राहत की उम्मीद कर सकते हैं।