लग्जरी गाड़ियां चुराने वाले बड़े सिंडिकेट का पर्दाफाश, मास्टरमाइंड समेत 7 गिरफ्तार

Edited By Harman Kaur,Updated: 28 Mar, 2025 01:06 PM

big syndicate of stealing luxury cars busted 7 arrested

दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने दुबई से ऑपरेट हो रहे एक लग्जरी गाड़ी चोरी करने वाले बड़े सिंडिकेट का पर्दाफाश किया है। इस गिरोह का मुख्य आरोपी ख्वाजा सारिक हुसैन उर्फ शारिक साटा है, जो अपने भतीजे आमिर पाशा के साथ मिलकर गाड़ी चोरी की घटनाओं को अंजाम...

नेशनल डेस्क: दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने दुबई से ऑपरेट हो रहे एक लग्जरी गाड़ी चोरी करने वाले बड़े सिंडिकेट का पर्दाफाश किया है। इस गिरोह का मुख्य आरोपी ख्वाजा सारिक हुसैन उर्फ शारिक साटा है, जो अपने भतीजे आमिर पाशा के साथ मिलकर गाड़ी चोरी की घटनाओं को अंजाम देता था। पुलिस ने महाराष्ट्र कंट्रोल ऑफ ऑर्गनाइज्ड क्राइम एक्ट (मकोका) के तहत इस मामले में यूपी, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, पंजाब और पश्चिम बंगाल के कई शहरों में छापेमारी की और सात आरोपियों को गिरफ्तार किया है।

पुलिस ने बरामद की 8 लग्जरी गाड़ियां
गिरफ्तार आरोपियों की पहचान यूपी के मैनपुरी के राज बाबू उर्फ आकिब, कोलकाता के सुमित जालान, शैलेंद्र शॉ, अरका भट्टाचार्य, मेरठ के मोहम्मद रईस, बदायूं के सागिर अहमद और जयपुर के रवि कुलदीप के रूप में हुई है। पुलिस ने इनसे आठ लग्जरी गाड़ियां बरामद की हैं और इनकी गिरफ्तारी से दस मामलों का समाधान हुआ है।

'की-प्रोग्रामिंग टूल का उपयोग कर नई चाबियां बना लेते थे'
क्राइम ब्रांच के डीसीपी अपूर्वा गुप्ता ने बताया कि इस गिरोह के बारे में जानकारी इंस्पेक्टर अरुण सिंधु की टीम को मिली थी, जो गाड़ी चोरी के मामलों की जांच कर रहे थे। इस सिंडिकेट में अलग-अलग छोटे-छोटे सब-ग्रुप्स होते थे, जो कार, एसयूवी और कमर्शियल गाड़ियां चोरी करते थे। इन गिरोह के सदस्य कंप्यूटर आधारित स्कैनिंग डिवाइस और की-प्रोग्रामिंग टूल का उपयोग कर नई चाबियां बना लेते थे।

देशभर में की छापेमारी कर 7 को पकड़ा
दिल्ली-एनसीआर में गाड़ी चोरी करने के बाद गिरोह के सदस्य सारिक उर्फ साटा से संपर्क करते थे और उसे बताई गई जगह पर गाड़ी डिलीवर कर देते थे। इसके बाद ये चोरी की गई गाड़ियां राजस्थान, मणिपुर, नागालैंड, छत्तीसगढ़, नागपुर, अहमदाबाद, हैदराबाद, नेपाल बॉर्डर जैसे स्थानों पर ठिकाने लगा दी जाती थीं। सारिक इस सिंडिकेट को लंबे समय से चला रहा था। क्राइम ब्रांच ने सितंबर 2024 में मकोका के तहत इस गिरोह के खिलाफ मामला दर्ज किया था और देशभर में छापेमारी कर सात आरोपियों को गिरफ्तार किया।

गिरोह ने दिल्ली से चोरी की 35 गाड़ियां
पुलिस के अनुसार, राज बाबू उर्फ आकिब ने बीएससी किया है और 2014 में सारिक साटा से संपर्क किया था। वह जावेद और काबरा के साथ मिलकर गाड़ी चोरी करने लगा और शकील उर्फ राजू को चोरी की गाड़ियां सप्लाई करने लगा। इस गिरोह ने दिल्ली से करीब 35 गाड़ियां चोरी की। सागिर अहमद, रवि कुलदीप और अन्य आरोपियों के खिलाफ भी कई मामले दर्ज हैं।

नकली नोट बनाने का भी करता था काम
गिरोह का मास्टरमाइंड सारिक हुसैन 1971 में संभल में पैदा हुआ था। 1996 में वह दिल्ली आ गया और यहां एक ट्रांसपोर्ट कंपनी में ड्राइवर के तौर पर काम करने लगा। इसके बाद वह अपराध की दुनिया में घुस गया और कई तरह की चोरियों में शामिल हो गया। 1999 में मुरादाबाद में डकैती के मामले में पकड़ा गया और उस पर नेशनल सिक्योरिटी एक्ट (NSA) भी लगा। वह नकली नोट बनाने का भी काम करता था और दुबई भागने से पहले उसके खिलाफ 60 से अधिक केस दर्ज थे।

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