Edited By Rahul Rana,Updated: 24 Nov, 2024 04:27 PM
भारत और दक्षिण पूर्व एशियाई राष्ट्रों के संगठन (आसियान) के बीच द्विपक्षीय व्यापार में इस वित्तीय वर्ष की अप्रैल से अक्टूबर तक 5.2% की वृद्धि देखी गई है। अब यह व्यापार 73 अरब डॉलर तक पहुंच चुका है। आसियान भारत का एक प्रमुख व्यापार भागीदार है और यह...
नेशनल डेस्क। भारत और दक्षिण पूर्व एशियाई राष्ट्रों के संगठन (आसियान) के बीच द्विपक्षीय व्यापार में इस वित्तीय वर्ष की अप्रैल से अक्टूबर तक 5.2% की वृद्धि देखी गई है। अब यह व्यापार 73 अरब डॉलर तक पहुंच चुका है। आसियान भारत का एक प्रमुख व्यापार भागीदार है और यह भारत के वैश्विक व्यापार का लगभग 11% हिस्सा है।
वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के अनुसार वित्त वर्ष 2023-24 में आसियान-भारत का द्विपक्षीय व्यापार 121 अरब डॉलर तक पहुंचा था। यह वृद्धि दोनों देशों के बीच बढ़ती आर्थिक और व्यापारिक साझेदारी का प्रतीक है।
आसियान-भारत व्यापार समझौता पर चर्चा
आसियान और भारत के बीच व्यापार संबंधों को और मजबूत बनाने के लिए आसियान-भारत वस्तु व्यापार समझौता (एआईटीआईजीए) की छठी संयुक्त समिति बैठक और इसकी समीक्षा 15-22 नवम्बर 2024 तक नई दिल्ली में हुई। इस बैठक में आसियान के 10 सदस्य देशों - ब्रुनेई, कंबोडिया, इंडोनेशिया, लाओस, मलेशिया, म्यांमार, फिलीपींस, सिंगापुर, थाईलैंड और वियतनाम - के नेताओं और प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया।
बैठक में दोनों पक्षों ने व्यापार और आर्थिक सहयोग को और बढ़ाने के तरीके और अगले कदमों पर चर्चा की। भारतीय और आसियान प्रतिनिधियों ने थाईलैंड और इंडोनेशिया के साथ भी द्विपक्षीय बैठकें कीं जिनमें दोनों देशों के बीच व्यापारिक मुद्दों पर बातचीत की गई।
अगली बैठक फरवरी 2025 में जकार्ता में
भारत और आसियान के प्रतिनिधियों ने व्यापार को बढ़ावा देने के लिए एआईटीआईजीए की समीक्षा की और इस प्रक्रिया को स्थायी बनाने की दिशा में आगे बढ़ने का संकल्प लिया। मंत्रालय के अनुसार एआईटीआईगए संयुक्त समिति की अगली बैठक फरवरी 2025 में इंडोनेशिया के जकार्ता में होगी।
आसियान-भारत व्यापार समझौते के प्रमुख पहलू
एआईटीआईजीए में कुल आठ उप-समितियां शामिल हैं जो विभिन्न व्यापारिक क्षेत्रों पर काम करती हैं। इन क्षेत्रों में बाजार पहुंच, उत्पत्ति के नियम, स्वच्छता और पादप स्वच्छता (एसपीएस) उपाय, मानक और तकनीकी विनियम, सीमा शुल्क प्रक्रियाएं, आर्थिक और तकनीकी सहयोग, व्यापार उपाय और कानूनी एवं संस्थागत प्रावधान शामिल हैं।
एसपीएस उपाय, विशेष रूप से जैव सुरक्षा प्रोटोकॉल होते हैं जो यह सुनिश्चित करते हैं कि खाद्य, चारा, और अन्य कृषि उत्पादों में कीटों, रोगों और संदूषकों से मानव, पशु और पौधों के जीवन और स्वास्थ्य की रक्षा हो।
बता दें कि भारत और आसियान के बीच द्विपक्षीय व्यापार में निरंतर वृद्धि और एआईटीआईजीए के तहत चल रही चर्चाएं दोनों देशों के व्यापारिक रिश्तों को और प्रगति की दिशा में ले जाने के लिए महत्वपूर्ण कदम साबित हो रही हैं। यह समझौता दोनों देशों के बीच आर्थिक संबंधों को मजबूती प्रदान करने का काम कर रहा है, जिससे भविष्य में और अधिक व्यापारिक अवसरों की उम्मीद है।