भारत में ई-चालान से अरबों का राजस्व: तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश और दिल्ली में सबसे ज्यादा वसूली

Edited By Pardeep,Updated: 11 Dec, 2024 09:53 PM

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सड़क परिवहन और राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने हाल ही में संसद में एक महत्वपूर्ण बयान देते हुए बताया कि पिछले पांच वर्षों में भारत में 18 करोड़ 24 लाख 5 हजार 50 ई-चालान जारी किए गए हैं, जिनसे सरकार को अरबों रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ है।

नेशनल डेस्कः सड़क परिवहन और राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने हाल ही में संसद में एक महत्वपूर्ण बयान देते हुए बताया कि पिछले पांच वर्षों में भारत में 18 करोड़ 24 लाख 5 हजार 50 ई-चालान जारी किए गए हैं, जिनसे सरकार को अरबों रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ है। इन चालानों के माध्यम से सरकार ने न केवल सड़क सुरक्षा को बढ़ावा दिया, बल्कि वित्तीय संसाधनों की महत्वपूर्ण प्राप्ति भी सुनिश्चित की। 

ई-चालान से सरकार को 12,632 करोड़ रुपये का राजस्व
नितिन गडकरी ने जानकारी दी कि 1 जनवरी 2019 से 31 दिसंबर 2023 के बीच, केवल ई-चालान से सरकार ने कुल 12,631 करोड़ 97 लाख 14 हजार 315 रुपये का राजस्व प्राप्त किया। यह राशि विभिन्न राज्यों से वसूली गई है, जिनमें तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश और दिल्ली जैसे प्रमुख राज्य शामिल हैं। 

तमिलनाडु में 5 करोड़ से ज्यादा ई-चालान जारी 
ई-चालान जारी करने में तमिलनाडु सबसे आगे रहा है, जहां अकेले पिछले पांच वर्षों में 5 करोड़ से ज्यादा ई-चालान जारी किए गए। इन चालानों से तमिलनाडु सरकार ने 755 करोड़ रुपये से अधिक की राशि वसूली। यह आंकड़ा यह बताता है कि इस राज्य ने सड़क सुरक्षा के नियमों को लागू करने के लिए डिजिटल साधनों का कितना प्रभावी उपयोग किया है। 

दिल्ली और उत्तर प्रदेश में भारी राजस्व वसूली 
दिल्ली में भी ई-चालान प्रणाली ने अच्छा प्रदर्शन किया, जहां 90 लाख 22 हजार 711 चालान जारी किए गए, जिससे सरकार को 571 करोड़ 43 लाख 38 हजार 802 रुपये का राजस्व मिला। वहीं, उत्तर प्रदेश ने सबसे ज्यादा राजस्व कमाया है, भले ही ई-चालान जारी करने के मामले में तमिलनाडु के बाद दूसरे स्थान पर रहा। उत्तर प्रदेश में ई-चालान से प्राप्त राजस्व का आंकड़ा 24,95 करोड़ रुपये से ज्यादा था। 

केरल और हरियाणा का भी अच्छा प्रदर्शन 
केरल और हरियाणा ने भी ई-चालान प्रणाली में अच्छे परिणाम दिए हैं। केरल में 1 करोड़ 88 लाख 35 हजार 738 चालान जारी किए गए, जिससे राज्य को 690 करोड़ 92 लाख रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ। वहीं हरियाणा ने 1 करोड़ 3 लाख ई-चालान जारी किए और इनसे प्राप्त राजस्व का आंकड़ा 14 अरब 65 करोड़ रुपये से ज्यादा रहा। 

लद्दाख में सबसे कम ई-चालान जारी 
हालांकि, सभी राज्यों में ई-चालान जारी करने की प्रवृत्ति समान नहीं रही। लद्दाख, जहां सबसे कम 651 ई-चालान जारी किए गए, यह आंकड़ा सबसे निचले स्थान पर था। इसके बावजूद, इन चालानों से प्रशासन को 2 लाख 96 हजार 625 रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ। इसके बाद सबसे कम ई-चालान जारी करने वाले राज्यों में सिक्किम, मणिपुर, मिजोरम, दादरा नगर हवेली और मेघालय का नंबर आता है। 

ई-चालान की प्रक्रिया: एक डिजिटल क्रांति 
ई-चालान की प्रक्रिया में सुधार और इसके डिजिटल रूप में विस्तार ने भारतीय सड़कों पर नियमों के उल्लंघन को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। यह प्रणाली न केवल भ्रष्टाचार को कम करने में मदद कर रही है, बल्कि ट्रैफिक नियमों के पालन को सुनिश्चित करने के लिए एक पारदर्शी और स्वचालित तरीका प्रदान करती है।

इसके अलावा, ई-चालान प्रणाली के माध्यम से यातायात पुलिस और प्रशासन को भी ज्यादा दक्षता मिल रही है। अब चालान जारी करने के लिए किसी पुलिसकर्मी की आवश्यकता नहीं होती, जिससे मानवीय हस्तक्षेप और रिश्वतखोरी की संभावना कम हो गई है। 

नितिन गडकरी का बयान: सड़कों की सुरक्षा और प्रौद्योगिकी का प्रभाव 
नितिन गडकरी ने संसद में यह भी बताया कि ई-चालान की बढ़ती संख्या और इससे होने वाली राजस्व वसूली सरकार के लिए सड़क सुरक्षा और यातायात नियमों के अनुपालन को सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इसके साथ ही, यह सरकार के डिजिटलीकरण और प्रौद्योगिकी आधारित सुधारों का भी एक हिस्सा है, जो आने वाले समय में और भी मजबूत होने की उम्मीद है।

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