Edited By Rahul Singh,Updated: 01 Jan, 2025 06:28 PM
बीरेन सिंह ने जवाब में कहा कि 1992-93 में जब मणिपुर में भारी हिंसा और तनाव था, तब तत्कालीन प्रधानमंत्री पीवी नरसिंह राव मणिपुर क्यों नहीं गए थे? उन्होंने पूछा कि यदि प्रधानमंत्री पीवी नरसिंह राव और आईके गुजराल के समय मणिपुर में हिंसा थी, तो क्या...
नैशनल डैस्क : मणिपुर में हुई हिंसा के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे पर विपक्ष ने सवाल उठाए हैं। कांग्रेस नेता Jairam Ramesh ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर प्रधानमंत्री मोदी से पूछा कि वह मणिपुर क्यों नहीं गए, जबकि वह देश और विदेश के अन्य हिस्सों का दौरा करते हैं। जयराम रमेश ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री ने जानबूझकर मणिपुर का दौरा नहीं किया। इस पर मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने कड़ी प्रतिक्रिया दी।
1992-93 की हिंसा पर सवाल
मुख्यमंत्री बीरेन सिंह ने जवाब में कहा कि 1992-93 में जब Manipur में भारी हिंसा और तनाव था, तब तत्कालीन प्रधानमंत्री पीवी नरसिंह राव मणिपुर क्यों नहीं गए थे? उन्होंने पूछा कि यदि प्रधानमंत्री पीवी नरसिंह राव और आईके गुजराल के समय मणिपुर में हिंसा थी, तो क्या उन्होंने मणिपुर का दौरा किया और माफी मांगी थी?
मणिपुर के लिए दुखद वर्ष, लेकिन शांति की उम्मीद
2024 के आखिरी दिन मुख्यमंत्री बीरेन सिंह ने मीडिया से बातचीत में कहा कि मणिपुर के लिए यह साल बहुत दुर्भाग्यपूर्ण रहा, लेकिन वे उम्मीद करते हैं कि आने वाले साल में शांति स्थापित होगी। उन्होंने मणिपुर के लोगों से माफी मांगते हुए कहा कि पिछले तीन मई से मणिपुर में हिंसा के कारण कई लोग अपने प्रियजनों को खो चुके हैं और अपने घर छोड़ने को मजबूर हुए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले कुछ महीनों में शांति की दिशा में जो प्रगति हुई है, उससे 2025 तक स्थिति सामान्य हो जाएगी।
समाज से शांति की अपील
मुख्यमंत्री बीरेन सिंह ने मणिपुर के विभिन्न समुदायों से अपील की कि जो भी हुआ, वह अब अतीत की बात है। हमें अतीत की गलतियों को भूलकर एक नया जीवन शुरू करना होगा, ताकि मणिपुर शांति और समृद्धि की ओर बढ़ सके।
कांग्रेस पर आरोप: मणिपुर की हिंसा के लिए जिम्मेदार
मुख्यमंत्री ने Congress से यह भी सवाल किया कि मणिपुर की मौजूदा स्थिति के लिए जिम्मेदार कौन है। उन्होंने कहा, "सभी जानते हैं कि मणिपुर में जो हिंसा चल रही है, वह कांग्रेस द्वारा किए गए गलत फैसलों की वजह से है।" मुख्यमंत्री ने म्यांमार के शरणार्थियों को मणिपुर में बसाने और म्यांमार आधारित उग्रवादियों के साथ समझौते करने का उदाहरण दिया। यह काम गृह मंत्री रहते हुए पी चिदंबरम ने किया था।
हिंसा में 180 से अधिक लोगों की मौत
गौरतलब है कि मणिपुर में पिछले साल मई से जारी हिंसा में अब तक 180 से अधिक लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। यह हिंसा मेइती समुदाय द्वारा अनुसूचित जनजाति (ST) दर्जे की मांग और कुकी समुदाय द्वारा इसके विरोध के कारण हुई है।