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खत्म हुआ ट्रंप का जलवा 20% गिरा Bitcoin, निवेशक हलकान

Edited By Ashutosh Chaubey,Updated: 25 Feb, 2025 06:54 PM

bitcoin price bitcoin crashes bitcoin falls to lowest level after trump s oath

डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनते ही बिटकॉइन ने ऑल टाइम हाई का उछाल मारते हुए $109,114.88 (95,03,546.50 INR) के आकड़े को छुआ था लेकिन 25 जनवरी को यह अपने सबसे उच्च स्तर से गिरकर अपने सबसे निचले स्तर पर पहुंच चुका है और इसमें लगभग 20% की गिरावट देखने...

बिजनेस डेस्क: डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनते ही बिटकॉइन ने ऑल टाइम हाई का उछाल मारते हुए $109,114.88 (95,03,546.50 INR) के आकड़े को छुआ था लेकिन 25 फरवरी को यह अपने सबसे उच्च स्तर से गिरकर अपने सबसे निचले स्तर $86,873 पर पहुंच चुका है और इसमें लगभग ऑल टाइम का 20% की गिरावट देखने को मिली है। साल 2025 में अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के बाद क्रिप्टोकरेंसी की दुनिया में एक बड़ा बदलाव आया। जब डोनाल्ड ट्रंप ने 20 जनवरी 2025 को शपथ ली, तो बिटकॉइन ने एक ऐतिहासिक उछाल लिया। उस दिन बिटकॉइन की कीमत $109,114 ( 95,14,571.67 INR) के पार पहुंच गई थी, जो इसके अब तक के सबसे ऊंचे स्तर पर थी। ट्रंप की राष्ट्रपति चुनाव में जीत और उनके द्वारा क्रिप्टो से जुड़े नियमों में ढील देने के वादे ने क्रिप्टो बाजार को उत्साहित कर दिया था। इसके बाद बिटकॉइन में ऐतिहासिक तेजी देखी गई। इस तेजी के बाद अब 25 फरवरी 2025 को बिटकॉइन में 7.08 % की गिरावट देखने को मिली और इसकी कीमत $86,873 ( 75,75,190.95 INR) पर आ गई। यानि लगभग कुल 1 महीनें में 19,39,381 INR का नुकसान हुआ है।

डोनाल्ड ट्रंप के वादों का असर बिटकॉइन पर

डोनाल्ड ट्रंप के प्रचार अभियान के दौरान यह वादा किया गया था कि वह क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े नियमों में ढील देंगे और क्रिप्टो रिजर्व बनाने का भी प्रयास करेंगे। इससे ट्रंप की जीत के बाद क्रिप्टोकरेंसी के निवेशकों में उम्मीद का माहौल था। बिटकॉइन की कीमत $109,114 तक पहुंची और निवेशक उत्साहित थे कि अब उनका निवेश काफी लाभकारी होगा। यह बिटकॉइन के इतिहास में एक बड़ा मील का पत्थर साबित हुआ। लेकिन, इस तेजी के बाद बिटकॉइन में 20% की गिरावट आई। 

क्रिप्टोकरेंसी की गिरावट का कारण क्या?

क्रिप्टोकरेंसी की गिरावट का एक और कारण चीन पर अमेरिकी निवेश प्रतिबंधों का लागू होना था। 25 फरवरी 2025 को बिटकॉइन में 7.08% की गिरावट देखने को मिली और इसकी कीमत $86,873 पर आ गई। चीन के खिलाफ अमेरिका की नीति के कारण निवेशकों में डर का माहौल था, जिससे क्रिप्टोकरेंसी में बिकवाली बढ़ी और बाजार को तगड़ा झटका लगा। इसके अलावा डॉलर पर भी दबाव बढ़ गया, क्योंकि ट्रंप ने कनाडा और मैक्सिको पर टैरिफ बढ़ाने की घोषणा की थी।

ट्रंप की क्रिप्टो नीति पर उठे सवाल

यहां यह भी ध्यान देने वाली बात है कि ट्रंप की जीत के बाद क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े कई राज्यों के प्रस्तावों पर सवाल उठे। मोंटाना, नॉर्थ डकोटा और व्योमिंग जैसे राज्यों में बिटकॉइन रिजर्व से जुड़े प्रस्ताव विफल हो गए, जिससे क्रिप्टो बाजार को एक बड़ा झटका लगा। इसके अलावा जापान की मुद्रा येन की मजबूती भी बिटकॉइन की गिरावट का कारण बनी। विशेषज्ञों के मुताबिक जापान के बैंक ऑफ जापान द्वारा ब्याज दरों में वृद्धि की संभावना ने भी येन को मजबूत किया जिसका असर क्रिप्टोकरेंसी पर पड़ा।

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