Edited By Anu Malhotra,Updated: 18 Feb, 2025 10:34 AM
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दिल्ली के नए मुख्यमंत्री के नाम पर सस्पेंस 19 फरवरी को खत्म होने वाला है। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के विधायक दल की बैठक में यह तय किया जाएगा कि दिल्ली की सत्ता की कमान किसके हाथ में होगी। इसके बाद 20 फरवरी को रामलीला मैदान में नए मुख्यमंत्री का...
नेशनल डेस्क: दिल्ली के नए मुख्यमंत्री के नाम पर सस्पेंस 19 फरवरी को खत्म होने वाला है। भारतीय जनता पार्टी के विधायक दल की बैठक में यह तय किया जाएगा कि दिल्ली की सत्ता की कमान किसके हाथ में होगी। इसके बाद 20 फरवरी को रामलीला मैदान में नए मुख्यमंत्री का भव्य शपथ ग्रहण समारोह आयोजित किया जाएगा। दिलचस्प बात यह है कि इस बार समारोह की सारी तैयारियां पहले हो रही हैं, जबकि मुख्यमंत्री का नाम अब तक तय नहीं है।
रामलीला मैदान में तैयारियां जोरों पर, 20 मुख्यमंत्रियों को न्योता
शपथ ग्रहण समारोह 20 फरवरी को शाम 4:30 बजे रामलीला मैदान में होगा, जहां तीन विशाल मंच तैयार किए जा रहे हैं। इस कार्यक्रम में 20 राज्यों के मुख्यमंत्री, उद्योगपति, बॉलीवुड सेलिब्रिटी और संतों को आमंत्रित किया गया है। आम जनता के लिए 20,000 कुर्सियां लगाई जा रही हैं। हालांकि, सबसे बड़ा सवाल यही बना हुआ है—दिल्ली का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा?
सीएम पद की दौड़ में आगे कौन?
दिल्ली चुनाव में 48 सीटों के साथ बीजेपी ने बहुमत हासिल किया, लेकिन मुख्यमंत्री के नाम को लेकर अभी तक संशय बना हुआ है। हाल के दिनों में 15 से अधिक नाम चर्चा में आ चुके हैं, लेकिन अंतिम दौर में दो नाम सबसे आगे माने जा रहे हैं-विजेंद्र गुप्ता और रेखा गुप्ता।
विजेंद्र गुप्ता क्यों हो सकते हैं पसंद?
- रोहिणी से लगातार तीसरी बार विधायक चुने गए हैं।
- 2015 और 2020 में आम आदमी पार्टी (AAP) की लहर के बावजूद जीत दर्ज की।
- 2015 से 2020 तक दिल्ली विधानसभा में विपक्ष के नेता रहे।
- दिल्ली यूनिवर्सिटी छात्र संघ के उपाध्यक्ष रह चुके हैं।
रेखा गुप्ता कितनी मजबूत दावेदार?
- पहली बार शालीमार बाग से विधायक बनी हैं।
- 2015 से चुनाव लड़ रही थीं, 2025 में पहली बार जीत हासिल की।
- दो बार पार्षद रह चुकी हैं और दिल्ली में RSS की सक्रिय सदस्य हैं।
- दिल्ली यूनिवर्सिटी छात्र संघ की अध्यक्ष और सचिव भी रह चुकी हैं।
विजेंद्र गुप्ता का सबसे बड़ा प्लस प्वाइंट यह है कि उन्होंने बीजेपी के सबसे कठिन दौर में भी पार्टी का झंडा बुलंद रखा। वहीं, रेखा गुप्ता के पक्ष में यह तर्क दिया जा रहा है कि बीजेपी ने महिला वोटरों को बड़ी संख्या में अपनी ओर आकर्षित किया है और महिला सीएम बनाने से यह रुझान और मजबूत हो सकता है।
बाजी पलट सकते हैं ये दो और नाम
बीजेपी का इतिहास रहा है कि वह अंतिम समय में अपने फैसलों से चौंका सकती है। इसी कड़ी में राजकुमार भाटिया और अजय महावर के नाम भी फिर चर्चा में आ गए हैं।
राजकुमार भाटिया कौन हैं?
- पहली बार आदर्श नगर सीट से विधायक चुने गए।
- दिल्ली बीजेपी के उपाध्यक्ष हैं और MCD में मनोनीत पार्षद रह चुके हैं।
अजय महावर कौन हैं?
- घोंडा सीट से दूसरी बार बड़े अंतर से जीत दर्ज की।
- पिछली विधानसभा में बीजेपी के चीफ व्हिप थे।
बीजेपी के लिए यह असंभव नहीं है कि पहली बार विधायक बने किसी नेता को मुख्यमंत्री बना दे। पार्टी इससे पहले भी कई बार चौंकाने वाले फैसले ले चुकी है। दिलचस्प यह है कि बीजेपी अपने सातों सांसदों को इस रेस से बाहर रखती दिख रही है, ताकि AAP का यह नैरेटिव न बनने पाए कि बीजेपी के पास 48 विधायकों में भी कोई सीएम बनने लायक नहीं है।
आम आदमी पार्टी में भी अनिश्चितता
जहां बीजेपी अपने मुख्यमंत्री के नाम पर मंथन कर रही है, वहीं आम आदमी पार्टी (AAP) भी तय नहीं कर पाई है कि नेता प्रतिपक्ष कौन होगा। पहले माना जा रहा था कि आतिशी को इस पद की जिम्मेदारी दी जाएगी, लेकिन पार्टी की बैठक के बाद कोई स्पष्ट जवाब नहीं आया।
अब देखना यह होगा कि मंगलवार को बीजेपी किसे दिल्ली की बागडोर सौंपती है और 20 फरवरी को रामलीला मैदान में कौन शपथ लेता है।