Edited By Utsav Singh,Updated: 26 Jun, 2024 02:45 PM
आम आदमी पार्टी ने बुधवार को आरोप लगाया कि जब दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को धन शोधन मामले में उच्चतम न्यायालय से जमानत मिलने की पूरी संभावना थी तब भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) बौखला गयी और उसने एक ‘‘फर्जी मामले'' में उन्हें सीबीआई द्वारा...
नई दिल्ली : आम आदमी पार्टी ने बुधवार को आरोप लगाया कि जब दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को धन शोधन मामले में उच्चतम न्यायालय से जमानत मिलने की पूरी संभावना थी तब भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) बौखला गयी और उसने एक ‘‘फर्जी मामले'' में उन्हें सीबीआई द्वारा गिरफ्तार करवा दिया।
इससे पहले, बुधवार को दिल्ली की एक अदालत ने केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को आबकारी नीति मामले में केजरीवाल को औपचारिक रूप से गिरफ्तार करने की अनुमति दे दी।विशेष न्यायाधीश अमिताभ रावत के आदेश के बाद सीबीआई ने केजरीवाल को गिरफ्तार कर लिया। सीबीआई ने मामले में मुख्यमंत्री को 5 दिन की हिरासत में भेजने का अनुरोध किया था।
‘आप' ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘तानाशाह ने जुल्म की सारी हदें पार कर दी है। आज जब मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को जमानत मिलने की पूरी संभावना थी तो बौखलाहट में भाजपा ने फर्जी मामले में सीबीआई से केजरीवाल को गिरफ्तार करवा दिया।''
आज साबित हो हया तानाशाह डरता है तो केजरीवाल से 🔥
जब उसे लगा की अब तो सुप्रीम कोर्ट से इस फर्जी केस में अरविंद केजरीवाल को जमानत मिल जाएगी तब उसने CBI को भेज दिया। एक आम आदमी से इतना डर तानाशाह? pic.twitter.com/SVj7IO49Gf
— Aam Aadmi Party Delhi (@AAPDelhi) June 26, 2024
उसने कहा, ‘‘सीबीआई केजरीवाल जी को राउज एवेन्यू अदालत लेकर पहुंची, जहां रक्त में उनका शर्करा स्तर बहुत नीचे गिर गया। तानाशाह, तुम कितने भी जुल्म ढा लो, केजरीवाल ना ही झुकेगा और ना ही टूटेगा।'' केजरीवाल दिल्ली की आबकारी नीति से जुड़े धन शोधन मामले के सिलसिले में 1 अप्रैल से जेल में हैं। इस मामले की जांच प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) कर रहा है। उच्चतम न्यायालय ने 10 मई को लोकसभा चुनाव के लिए प्रचार करने के वास्ते केजरीवाल को 21 दिन की अंतरिम जमानत दी थी। वह 2 जून को जेल लौटे थे।
दिल्ली के उपराज्यपाल ने आबकारी नीति 2021-22 में कथित अनियमितताओं और भ्रष्टाचार को लेकर केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से इसकी जांच कराने का आदेश दिया था जिसके बाद इस नीति को जुलाई 2022 में रद्द कर दिया गया था।