Edited By Parveen Kumar,Updated: 23 Mar, 2025 09:21 PM

नई दिल्ली में अप्रैल में होने वाला एमसीडी मेयर चुनाव इस बार कई मायनों में खास रहेगा। पहली बार ऐसा हो सकता है कि सत्ता में होने के बावजूद आम आदमी पार्टी (AAP) का मेयर न बने और बीजेपी को बढ़त मिल जाए।
नेशनल डेस्क : नई दिल्ली में अप्रैल में होने वाला एमसीडी मेयर चुनाव इस बार कई मायनों में खास रहेगा। पहली बार ऐसा हो सकता है कि सत्ता में होने के बावजूद आम आदमी पार्टी (AAP) का मेयर न बने और बीजेपी को बढ़त मिल जाए।
BJP को बढ़त, AAP पिछड़ी
एमसीडी में दिल्ली विधानसभा स्पीकर ने 14 विधायकों को बतौर सदस्य मनोनीत किया है, जिसमें 11 विधायक बीजेपी के और 3 विधायक AAP के हैं। इस वजह से मेयर चुनाव में बीजेपी को संख्याबल में फायदा हुआ है।
मेयर चुनाव में कुल 262 सदस्य मतदान करेंगे, जिनमें पार्षद, विधायक और सांसद शामिल हैं। 131 वोट बहुमत के लिए जरूरी हैं।
- बीजेपी के पास 135 वोट (117 पार्षद + 11 विधायक + 7 सांसद)
- AAP के पास 119 वोट (113 पार्षद + 3 विधायक + 3 सांसद)
कांग्रेस के सिर्फ 8 पार्षद हैं, इसलिए उनके समर्थन से भी AAP का मेयर बनना मुश्किल है।
बाप-बेटे की जोड़ी पहली बार MCD सदन में
इस चुनाव में जंगपुरा से बीजेपी विधायक तरविंदर सिंह मारवाह और उनके बेटे अर्जुन सिंह मारवाह (लाजपत नगर से पार्षद) दोनों एमसीडी सदन में नजर आएंगे, जो पहली बार होगा।
बीजेपी की सत्ता वापसी के बाद बड़ा चुनाव
एमसीडी में 15 साल बाद बीजेपी की सत्ता बदली थी, जिसके बाद तीन साल तक AAP के मेयर रहे। अब यह चौथे साल का मेयर चुनाव है, जिसमें बीजेपी को बढ़त मिलती दिख रही है।