Edited By rajesh kumar,Updated: 06 Feb, 2025 06:03 PM
पश्चिम बंगाल के प्रमुख नेता रहे इंद्रजीत सिन्हा, जिन्हें 'बुलेट दा' के नाम से भी जाना जाता है, इन दिनों बीरभूम जिले के तारापीठ श्मशान घाट में भीख मांगते हुए नजर आए। उनकी बीमार हालत की तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल होते ही हलचल मच गई।
नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल के प्रमुख नेता रहे इंद्रजीत सिन्हा, जिन्हें 'बुलेट दा' के नाम से भी जाना जाता है, इन दिनों बीरभूम जिले के तारापीठ श्मशान घाट में भीख मांगते हुए नजर आए। उनकी बीमार हालत की तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल होते ही हलचल मच गई।
इंद्रजीत सिन्हा एक समय में भाजपा के एक प्रमुख नेता थे और उन्होंने पार्टी के लिए कई महत्वपूर्ण काम किए थे। उन्हें पश्चिम बंगाल भाजपा में स्वास्थ्य सेवा प्रकोष्ठ का संयोजक नियुक्त किया गया था। वे भाजपा कार्यकर्ताओं को राज्य के सरकारी अस्पतालों में भर्ती कराने में मदद करते थे।
सुकांत मजूमदार ने दिए ये निर्देश
राज्य के बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सुकांत मजूमदार ने इस घटना पर तुरंत प्रतिक्रिया दी और बीरभूम के बीजेपी जिलाध्यक्ष से संपर्क कर सिन्हा को अस्पताल में भर्ती करवाने का निर्देश दिया। इसके बाद, नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी ने भी उनकी मदद की और उन्हें कोलकाता के एक बड़े प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया गया।
'कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से जूझ रहे थे'
इंद्रजीत सिन्हा पिछले दो सालों से कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से जूझ रहे थे। पहले उनके शरीर में ट्यूमर पाया गया, फिर उन्हें कैंसर का पता चला। इलाज के लिए वे अस्पताल नहीं जा सके और उनकी हालत बिगड़ती गई। उनकी जीवन की स्थिति इतनी खराब हो गई थी कि वे पिछले दो महीनों से तारापीठ श्मशान घाट में भीख मांगने पर मजबूर थे। इस वक्त वे एक पेड़ के नीचे रात बिता रहे थे और उनके पास रहने और खाने का कोई ठीक इंतजाम नहीं था। इंद्रजीत सिन्हा अविवाहित थे और उनके माता-पिता का निधन हो चुका था, जिससे उनका कोई सहारा नहीं था।
10 साल पहले भाजपा की थी ज्वाइन
इंद्रजीत सिन्हा पहले कांग्रेस में थे, लेकिन करीब दस साल पहले उन्होंने पार्टी छोड़कर भाजपा जॉइन की थी। भाजपा के लिए उन्होंने कड़ी मेहनत की, लेकिन अब बीमारी के कारण वे पार्टी का काम करने में सक्षम नहीं हैं। उनकी यह दयनीय स्थिति देख भाजपा नेता और कार्यकर्ताओं ने उनकी मदद की, लेकिन इस दुखद स्थिति में किसी के सहारे के बिना इंद्रजीत सिन्हा को अपनी हालत का सामना करना पड़ रहा है।