Edited By Ashutosh Chaubey,Updated: 15 Feb, 2025 01:34 PM
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बीजेपी में होली से पहले एक बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है। दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में बीजेपी की धमाकेदार जीत के बाद पार्टी में नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो गई है। यह चुनाव प्रक्रिया मार्च के पहले सप्ताह तक चल सकती है और...
नेशनल डेस्क: बीजेपी में होली से पहले एक बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है। दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में बीजेपी की धमाकेदार जीत के बाद पार्टी में नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो गई है। यह चुनाव प्रक्रिया मार्च के पहले सप्ताह तक चल सकती है और होली (14 मार्च 2025) से पहले पार्टी को नया अध्यक्ष मिल सकता है। इस बार चर्चा है कि बीजेपी दक्षिण भारत से किसी नेता को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने पर विचार कर रही है, क्योंकि पार्टी का ध्यान अब दक्षिणी राज्यों पर है, जो भविष्य में पार्टी के लिए अहम हो सकते हैं।
बीजेपी में नए अध्यक्ष का चुनाव प्रक्रिया और समयसीमा
बीजेपी के संविधान के मुताबिक राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव तब तक नहीं हो सकता जब तक देश के आधे से अधिक राज्यों के प्रदेश अध्यक्षों के चुनाव न हो जाएं। फरवरी 2025 के अंत तक 18 राज्यों के प्रदेश अध्यक्षों के चुनाव पूरे हो जाएंगे, और उसके बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव की तारीख की घोषणा की जाएगी। पार्टी की इस योजना को लेकर सूत्रों का कहना है कि मार्च के पहले सप्ताह तक अध्यक्ष का चुनाव प्रक्रिया में आ सकता है।
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दक्षिण भारत से बीजेपी अध्यक्ष बनने की संभावना
इस बार पार्टी में इस बात की चर्चा हो रही है कि बीजेपी का नया राष्ट्रीय अध्यक्ष दक्षिण भारत से होना चाहिए। यह फैसला दक्षिणी राज्यों में पार्टी को मजबूत करने के उद्देश्य से लिया जा सकता है, क्योंकि इन राज्यों में बीजेपी को अब तक बड़ा जनसमर्थन नहीं मिल सका है। दक्षिण भारत में इस बार दो नेताओं के नाम सबसे ज्यादा चर्चा में हैं: के. अन्नामलई और दग्गुबती पुरंदेश्वरी।
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के. अन्नामलई आईपीएस अफसर से नेता तक
के. अन्नामलई का जन्म 6 जून 1984 को तमिलनाडु के करूर जिले में हुआ था। वे एक पूर्व भारतीय पुलिस सेवा (IPS) अधिकारी हैं और वर्तमान में बीजेपी के तमिलनाडु प्रदेश अध्यक्ष हैं। अन्नामलई ने अपनी आईपीएस की नौकरी से इस्तीफा देकर 2019 में बीजेपी जॉइन की थी। इसके बाद उन्होंने तमिलनाडु में पार्टी के विस्तार और विचारधारा को फैलाने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए। वे राज्य में बीजेपी को मजबूत करने के लिए लगातार प्रयासरत हैं।
दग्गुबती पुरंदेश्वरी सिनेमा से राजनीति तक का सफर
दग्गुबती पुरंदेश्वरी का जन्म 22 जनवरी 1959 को आंध्र प्रदेश में हुआ था। वे एक प्रसिद्ध फिल्म निर्माता दग्गुबती रामानायडू और अभिनेत्री विजयलक्ष्मी की बेटी हैं। पुरंदेश्वरी का राजनीतिक सफर 2004 में भारतीय जनता पार्टी से जुड़ने के साथ शुरू हुआ था। उन्होंने चित्तूर से लोकसभा चुनाव जीतकर पार्टी की राजनीति में अपनी पहचान बनाई। वह केंद्रीय मंत्री के तौर पर भी काम कर चुकी हैं और उनका राजनीतिक अनुभव गहरा है।
दक्षिण भारत से अध्यक्ष क्यों महत्वपूर्ण है यह कदम?
पार्टी सूत्रों का कहना है कि बीजेपी को दक्षिण भारत में अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए एक नए नेतृत्व की आवश्यकता है। पिछले 20 वर्षों से दक्षिण भारत से किसी भी नेता को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने का मौका नहीं मिला है। वेंकैया नायडू 2002 से 2004 तक बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे, जो दक्षिण भारत से थे। अब पार्टी नए अध्यक्ष के रूप में किसी दक्षिण भारतीय नेता को चुनने पर विचार कर रही है ताकि दक्षिणी राज्यों में बीजेपी को और मजबूत किया जा सके।
2029 लोकसभा चुनाव की रणनीति
बीजेपी का नया राष्ट्रीय अध्यक्ष अगले लोकसभा चुनाव 2029 के लिए पार्टी की पूरी रणनीति और नेतृत्व की जिम्मेदारी संभालेगा। पार्टी का ध्यान अब इस पर है कि नया अध्यक्ष किस प्रकार से पार्टी की आगामी चुनावी रणनीति को आकार देगा। 2024 में जे.पी. नड्डा का कार्यकाल समाप्त होने के बाद, पार्टी को नए नेतृत्व की आवश्यकता महसूस हो रही है।
बीजेपी की अध्यक्षता का निर्विरोध चुनाव परंपरा कायम रहेगी?
अब तक बीजेपी में राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव निर्विरोध होता आया है, यानी केवल एक व्यक्ति ही नामांकन करता है और बिना किसी वोटिंग के उसे अध्यक्ष चुन लिया जाता है। पिछले कुछ सालों में यह परंपरा कायम रही है, और इस बार भी इसके जारी रहने की संभावना है। हालांकि 2013 में नितिन गडकरी के दोबारा अध्यक्ष बनने के समय थोड़ी हलचल मची थी, जब यशवंत सिन्हा ने नामांकन लिया था, लेकिन बाद में उन्होंने पर्चा वापस ले लिया था। इस बार भी चुनाव प्रक्रिया शांतिपूर्ण और निर्विरोध होने की उम्मीद है।