Edited By Ashutosh Chaubey,Updated: 16 Feb, 2025 11:52 AM
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दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में बीजेपी की शानदार जीत के बाद पार्टी में एक बड़ा राजनीतिक बदलाव हो सकता है। बीजेपी के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, और पार्टी को नया अध्यक्ष होली (14 मार्च 2025) से पहले मिल सकता है। सूत्रों...
नेशनल डेस्क: दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में बीजेपी की शानदार जीत के बाद पार्टी में एक बड़ा राजनीतिक बदलाव हो सकता है। बीजेपी के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, और पार्टी को नया अध्यक्ष होली (14 मार्च 2025) से पहले मिल सकता है। सूत्रों के मुताबिक, इस बार बीजेपी दक्षिण भारत से किसी नेता को अध्यक्ष बनाने पर विचार कर रही है, क्योंकि पार्टी का ध्यान अब दक्षिणी राज्यों पर केंद्रित है, जो भविष्य में पार्टी के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकते हैं।
दग्गुबती पुरंदेश्वरी: दक्षिण भारत से बीजेपी की नई उम्मीद
दग्गुबती पुरंदेश्वरी का राजनीतिक सफर भारतीय जनता पार्टी से जुड़ने के बाद शुरू हुआ था। वह आंध्र प्रदेश के चित्तूर से सांसद चुनी गईं और केंद्रीय मंत्री के रूप में भी कार्य कर चुकी हैं। दग्गुबती पुरंदेश्वरी का जन्म 22 जनवरी 1959 को हुआ था। वे फिल्म निर्माता दग्गुबती रामानायडू और अभिनेत्री विजयलक्ष्मी की बेटी हैं। उनके पास राजनीति का गहरा अनुभव है और पार्टी की दिशा तय करने में उनकी भूमिका अहम रही है। दक्षिण भारत में बीजेपी को मजबूत बनाने के लिए पार्टी अब उन्हें राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में चुनने पर विचार कर रही है।
दक्षिण भारत से अध्यक्ष बनने की आवश्यकता
बीजेपी ने अब तक दक्षिण भारत में उतनी सफलता नहीं हासिल की है, जितनी बाकी हिस्सों में। दक्षिण भारत में भाजपा को मजबूत बनाने के लिए एक नए नेतृत्व की आवश्यकता है। पिछले 20 वर्षों में बीजेपी ने दक्षिण भारत से किसी को राष्ट्रीय अध्यक्ष नहीं बनाया। दक्षिण भारत में भाजपा के लिए नई रणनीतियों की आवश्यकता महसूस हो रही है ताकि पार्टी का आधार बढ़ सके।
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बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव और उसकी प्रक्रिया
बीजेपी के संविधान के अनुसार, राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव तभी हो सकता है जब देश के आधे से ज्यादा राज्यों के प्रदेश अध्यक्ष चुने जा चुके हों। फरवरी 2025 तक 18 राज्यों के प्रदेश अध्यक्षों के चुनाव पूरे हो जाएंगे, जिसके बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव किया जाएगा। इस चुनाव की प्रक्रिया मार्च के पहले सप्ताह तक पूरी हो सकती है। पार्टी के अंदर यह चर्चा है कि इस बार अध्यक्ष का चुनाव बिना किसी विरोध के हो सकता है, जैसा कि बीजेपी में अक्सर होता आया है।
2029 लोकसभा चुनाव के लिए बीजेपी की रणनीति
नए राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव आगामी लोकसभा चुनाव 2029 की रणनीति के लिहाज से महत्वपूर्ण है। पार्टी को लगता है कि नए नेतृत्व के साथ ही पार्टी को आगामी चुनावों के लिए एक नया दिशा मिल सकता है। 2024 में जे.पी. नड्डा का कार्यकाल समाप्त होने के बाद पार्टी को नए नेतृत्व की जरूरत महसूस हो रही है, और इसी के चलते अध्यक्ष पद के लिए दग्गुबती पुरंदेश्वरी और के. अन्नामलई जैसे नेताओं के नाम सामने आए हैं।
बीजेपी का निर्विरोध अध्यक्ष चुनाव परंपरा
बीजेपी में अब तक राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव निर्विरोध ही होता रहा है। पिछले कुछ सालों में यह परंपरा बनी रही है, और इस बार भी इसके जारी रहने की संभावना जताई जा रही है। 2013 में नितिन गडकरी के दोबारा अध्यक्ष बनने के समय थोड़ी हलचल मची थी, जब यशवंत सिन्हा ने नामांकन लिया था, लेकिन बाद में उन्होंने पर्चा वापस ले लिया था। इस बार भी यह चुनाव शांतिपूर्ण और निर्विरोध होने की उम्मीद है।